… तो दून से दिल्ली तक जुनून में है उत्तराखंड कांग्रेस

बिखरी ताकत समेट कांग्रेस की फिर से उठने की कोशिश। दून से दिल्ली तक उत्तराखंड कांग्रेस रही एक्टिव

सभी बड़े नेता कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे

अविकल उत्तराखंड

नई दिल्ली/देहरादून। विधानसभा चुनाव में हार व तमाम अंदरूनी टूटन के बाद पहाड़ कांग्रेस अपनी ताकत को समेट उठने की पूरी कोशिश में जुटी नजर आ रही है। हालांकि, चुनाव परिणाम के तुरंत बाद ही कांग्रेस कुछ मुद्दों को लेकर सड़क पर उतर गई थी। लेकिन बीते कुछ समय से सोनिया व राहुल गांधी के खिलाफ ईडी के कार्रवाई को लेकर कार्यकर्ताओं और नेताओं में एक नया ही जोश व आक्रोश देखने को मिल रहा है। जोरदार नारेबाजी और गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस के छोटे बड़े कार्यकर्ता में एक जुनून से दिखाई दे रहा है। प्रदर्शन में महिलाओं की संख्या भी काबिलेगौर रही।

चूंकि, मामला पार्टी के दो शीर्ष नेताओं से जुड़ा है। लिहाजा कांग्रेस का छोटा बड़ा नेता इन विरोध प्रदर्शनों में बढ़ चढ़ कर भागीदारी कर रहा है। शुक्रवार को दून व दिल्ली में हुए जबरदस्त विरोध प्रदर्शन से कांग्रेस के विभाजित गुट फिलहाल कदमताल कर रहे हैं।

पूर्व सीएम हरीश रावत दिल्ली में पुलिस के ‘कब्जे’ में

देहरादून में उत्तराखंड कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी, खाद्य पदार्थों पर थोपी गई जीएसटी, अग्निपथ योजना के विरोध में नयी दिल्ली में पूर्व सीएम हरीश रावत ने जोर दिखाया तो देहरादून में कांग्रेस के कमोबेश सभी नेता व कार्यकर्ताओं ने राजभवन घेराव के तहत पूरी ताकत झोंकी।

नई दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत का वीडियो भी बहुत तेजी से वॉयरल हुआ।वीडियो में हरीश रावत को पुलिसकर्मी जबरन उठाते हुए दिख रहे हैं। इस छीना झपटी में हरीश रावत लगभग सड़क पर गिरे दिखाई दे रहे हैं। हाथ भी बुरी तरह कांप रहे थे लेकिन केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी जारी रही।

देहरादून में प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा, नेता विपक्ष यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह, अनुपमा रावत, पूर्व विधायक रणजीत रावत ,विजयपाल सजवाण,राजकुमार समेत पार्टी विधायक व कार्यकर्ताओं ने खूब दम दिखाया। पुलिस से काफी धक्का मुक्की के बाद गिरफ्तारी भी दी।

प्रदेश के सत्ता से वंचित रह गयी कांग्रेस के इस प्रदर्शन के दिन ही अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष एस राजू ने इस्तीफा देकर विपक्ष को नया मुद्दा भी थमा दिया। आयोग की भर्ती की एसटीएफ जांच में एक दर्जन से अधिक आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। 1 करोड़ से अधिक नगदी भी बरामद हुई है। कुछ जनप्रतिनिधियों पर भी STF की निगाहें हैं।

ईडी के विरोध के अलावा इन मुद्दों को मुख्य तौर पर कांग्रेस ही संघर्ष करती नजर आ रही है। सड़क और पार्टी की एकजुटता भी दिख रही है।

अगर लोकतंत्र की हत्या की जाएगी तो कांग्रेस का प्रत्येक सिपाही इस तानाशाही सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर संघर्ष करेगा ~ प्रीतम सिंह ,विधायक

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