धामी कैबिनेट- दो पूर्व सीएम का दिखा असर

हरिद्वार समेत सीमांत जिलों को नहीं मिली कैबिनेट में जगह

कैबिनेट में तीन सीट अभी रिक्त

अविकल थपलियाल

देहरादून। धामी कैबिनेट से एक बात तो साफ नजर आ रही है कि पर्दे के पीछे दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की विशेष भूमिका रही। यह दोनों पूर्व सीएम अपने अपने समर्थित विधायकों को मंत्री बनाने में सफल रहे।

पूर्व सीएम व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के करीबी पुष्कर सिंह धामी हार के बावजूद सीएम की कुर्सी पर आसीन हुए। यही नहीं, सोमेश्वर से फिर जीती रेखा आर्य को भी कैबिनेट में जगह मिली। इस बार महिला प्रतिनिधित्व के तौर पर ऋतु खंडूडी का नाम लिया जा रहा था। लेकिन एक समय कोश्यारी गुट की मानी जाने वालीं रेखा आर्य कैबिनेट की सीट बचाने में सफल रही। बागेश्वर जिले से मंत्री बने चंदन रामदास भी कोश्यारी के पुराने समर्थकों में गिने जाते रहे हैं।

पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के पुत्र मंत्री सौरभ बहुगुणा

गौरतलब है कि पुष्कर सिंह धामी की हार के बाद नये सीएम को लेकर दिल्ली दौड़ को देखते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी से भी हाईकमान ने सलाह मशविरा किया। इस बीच, कोश्यारी का दिल्ली प्रवास भी चर्चा के केंद्र में रहा। चर्चा तो यहां तक है कि कई दावेदार होने पर भगत सिंह कोश्यारी  के जरिए ही पुष्कर सिंह धामी की राह आसान हुई।

इधर, कुमाऊं की डीडीहाट सीट से पांचवीं बार चुनाव जीते बिशन सिंह चुफाल कैबिनेट की पहली सूची में जगह नहीं पा सके। चुफाल एक समय खंडूडी व निशंक के काफी करीबी रहे।

चंदन रामदास चौथी बार चुनाव जीते और पहली बार बने मंत्री

उधर, पूर्व सीएम विजय बहुगुणा दूसरी बार सितारगंज से चुनाव जीते अपने बेटे सौरभ बहुगुणा को भी कैबिनेट में शामिल करवा ले गए। 2016 में विजय बहुगुणा के साथ कांग्रेस से बगावत करने वाले सुबोध उनियाल भी कैबिनेट में शामिल किए गए। सुबोध उनियाल नरेंद्र नगर सीट से कम अंतर के साथ चुनाव जीत गए।

सतपाल महाराज व धन सिंह रावत को भाजपा व संघ में ठीक ठाक पकड़ होने का लाभ मिला। बीते कुछ समय से केंद्रीय नेताओं से ठीक ठाक सम्बंध बना चुके गणेश जोशी भी धामी मन्त्रिमण्डल में शामिल हो गए।

पूर्व विस अध्य्क्ष प्रेमचंद अग्रवाल बने मंत्री

इस विधानसभा चुनाव में सिर्फ कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद की हार हुई।
लिहाजा, बाकी जीते मंत्रियों में से कुछ के ड्राप करने की आशंका पहले दिन से ही व्यक्त की जा रही थी।  पूर्व की धामी कैबिनेट के तीन मंत्रियों बिशन सिंह चुफाल, अरविंद पांडेय व बंशीधर भगत को इस बार जगह नहीं मिली। ये तीनों कुमाऊं से ताल्लुक रखते हैं। इनके बदले बागेश्वर से चौथी बार चुनाव जीते चंदन रामदास व सितारगंज से दूसरी बार चुनाव जीते सौरभ बहुगुणा के अलावा पूर्व विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल को कैबिनेट में शामिल किया गया।

कैबिनेट में छह जिलों को मिला मौका

धामी कैबिनेट में केवल छह जिलों को प्रतिनिधित्व दिया गया। देहरादून (2), पौड़ी (2), टिहरी (1), उधमसिंह नगर (1) , बागेश्वर (1) व अल्मोड़ा (1) को जगह दी गयी। हरिद्वार, उत्तरकाशी,चमोली, रुद्रप्रयाग, नैनीताल, पिथौरागढ़ व चंपावत से किसी को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया।

ये हैं धामी कैबिनेट के मंत्री

सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा, प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, चंदन राम दास

कैबिनेट में ब्राह्मण,ठाकुर, बनिया व दलित वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया है। कैबिनेट की तीन रिक्त सीट पर     बाकी नेताओं की नजरें टिकी हुई है।

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सीएम पुष्कर सिंह धामी का राजतिलक

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