पूर्व भाजपा विधायक चैंपियन को अपनी ही सरकार में जान का खतरा

खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को बड़े अधिकारी दे रहे संरक्षण। यूपी के दुर्दांत अपराधी हरिद्वार में मौजूद। भाजपा सरकार व संगठन अजब संकट में

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। सीएम धामी की चंपावत में प्रचंड जीत के बाद भाजपा के ही दबंग प्रकृति के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन को जान का खतरा पैदा हो गया है। चैंपियन ने दून में एक प्रेस वार्ता की। और कहा कि उन्हें खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार से जान का खतरा है।

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2016 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए कुंवर प्रणव चैंपियन के आरोपों से सत्ता के गलियारों इन हड़कंप मच गया। चैंपियन ने कहा कि कई उच्च अधिकारियों का उमेश कुमार को संरक्षण प्राप्त है। इसीलिए उमेश कुमार कई प्रकार की गड़बड़ी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि उत्तराखंड में कुछ बड़े अधिकारी उमेश कुमार के खास हैं और यह अधिकारी जानबूझकर अन्याय का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने प्रदेश सरकार से अनियमितता पर ध्यान देने का आग्रह किया है.

पूर्व विधायक ने कहा कि बलात्कार जैसे मुकदमे में फंसे उमेश कुमार ने चुनाव में कालाधन का उपयोग करते हुए जनता को बरगलाया।

उन्होंने खानपुर विधायक पर यूपी के कुख्यात अपराधियों को संरक्षण दिए जाने के आरोप भी मढ़े हैं. चैंपियन ने कहा कि खानपुर विधायक उमेश कुमार ग्रेटर नोएडा से दुर्दांत अपराधियों को हरिद्वार बुलाकर उन्हें संरक्षण दे रहे हैं. पूर्व विधायक ने कहा कि उमेश कुमार को मिली सुरक्षा पर भी सवाल उठाए।

पूर्व विधायक ने उमेश कुमार को मिली सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि किस शासनादेश के तहत यह सुरक्षा दी गयी है। चैंपियन ने कहा कि उमेश कुमार ने अपने ऊपर फर्जी हमले का नाटक करते हुए अपनी सुरक्षा बढ़ा ली।

चैंपियन ने खानपुर विधायक के मंसूबे बड़े खतरनाक हैं, इसलिए मेरे परिवार को जान माल का खतरा बना हुआ है.

उमेश कुमार विधानसभा जैसे पवित्र मंडप को भी कलंकित कर रहे हैं. जिनके ऊपर कई मुकदमे दर्ज हैं. साथ ही ये आरोप भी लगाया कि उमेश कुमार ने दिल्ली में बलात्कार जैसा घिनौना अपराध किया है. और हाईकोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी किया है।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले बसपा नेता रविन्द्र पनियाला ने खानपुर विधायक की सदस्यता रद्द करने की मांग की। इस बाबत बसपा नेता ने स्पीकर ऋतु खंडूड़ी को प्रमाण सहित याचिका सौंपी है। याचिका में कहा गया है कि निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने उत्तराखंड जनता पार्टी का गठन कर दल बदल कानून का उल्लंघन किया का।

इसके अलावा नामांकन पत्र के साथ दिए गए शपथ पत्र में कई तथ्य छुपाने से सम्बंधित याचिका पर भी हाईकोर्ट का फैसला आना बाकी है। फिलहाल, चैंपियन के आरोपों के बाद यह सवाल चर्चाओं में है कि आखिर वो कौन अधिकारी हैं जो उमेश कुमार को संरक्षण दे रहे हैं। अपनी ही पार्टी के नेता के इन आरोपों से सीएम पुष्कर सिंह धामी व प्रदेश भाजपा संगठन के सामने भी अजब स्थिति पैदा हो गयी है।

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