भाजपा पर भारी पड़े कांग्रेस गोत्र के हरक
कर्मकार कल्याण बोर्ड से शमशेर सत्याल की छुट्टी, त्रिवेंद्र को झटका
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। एक साल से जारी जंग में अंततः बाजी कांग्रेसी गोत्र के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह के हाथ लगी। भाजपा हार गई। सरकार ने त्रिवेंद्र सरकार में नियुक्त कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल को हटा दिया है। साथ ही बोर्ड की सचिव बनी उप श्रमायुक्त मधु नेगी चौहान को भो हटाते हुए पीसीएस अफसर अभिषेक त्रिपाठी को बोर्ड का पढ़ें अध्यक्ष व सचिव का कार्यभार सौंप कर मामले का पटाक्षेप कर दिया है।

हरक के भाजपा छोड़ने की खबरों के बीच कुछ दिन पहले मंत्री दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद राज्य सरकार यह कदम उठाने को बाध्य हुई। हरक सिंह रावत ने सत्याल के मुद्दे पर भी अमित शाह से बात की थी।
गौरतलब है कि अक्टूबर 2020 में तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को से कर्मकार कल्याण बोर्ड का चार्ज वापस ले लिया था। और शमशेर सिंह सत्याल को अध्यक्ष बना दिया था। कर्मकार कल्याण बोर्ड में घपले के बाद बोर्ड अध्यक्ष सत्याल व हरक के बीच तलवारें खिंच गयी थी। सचिव पद से दमयंती रावत की विदाई के बाद तो हरक व तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र के बीच खुलकर जंग शुरू हो गयी थी। यह जंग ढैंचा बीज घोटाले को लेकर भी अभी तक जारी है।

दरअसल, यह लड़ाई त्रिवेंद्र व हरक के बीच चल रही थी। सत्याल के हटने से त्रिवेंद्र को गंभीर झटका माना जा रहा है। त्रिवेंद्र ने ही सत्याल को कर्मकार कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद बोर्ड ने सायकिल वितरण घोटाला, कोटद्वार में ESI अस्पताल के लिए एडवांस में कम्पनी को 20 करोड़ जारी करने का सत्याल ने विशेष ऑडिट कराया था। और घोटाले को उजागर कर हरक सिंह और दबाव बना दिया था।
सत्याल ने बोर्ड में संविदा पर लगे 40 कर्मी भी हटा दिये थे। कर्मकार बोर्ड का यह घपला अभी हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है।
बहरहाल, सत्याल के हटने के बाद मंत्री हरक सिंह रावत की जीत मानी जा रही है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र गुट अपनी ही सरकार के इस फैसले को निष्ठावान भाजपा कार्यकर्ताओं का अपमान करार दे रहे हैं। सत्याल को हटाने के बाद भाजपा व कांग्रेसी गोत्र के नेताओं के बीच लपटें और भी भड़कने की पूरी उम्मीद है।



Pls clik
क्राइम- एसटीएफ ने तीन और आईपीएल सटोरिये दबोचे, दो फरार


