विस भर्ती घोटाला- स्पीकर ने गठित की तीन सदस्यीय हाई लेवल जांच कमेटी

रिटायर्ड आईएएस दिलीप कोटिया, सुरेंद्र रावत व अवनेंद्र सिंह नयाल जांच कमेटी में शामिल। एक माह के अंदर देंगे रिपोर्ट

विस सचिव मुकेश सिंघल अवकाश पर भेजे गए। लेकिन जब जब जांच कमेटी उन्हें बुलाएगी तो मौजूद रहना होगा

किसी भी युवा के साथ अन्याय नहीं होने दूंगी, विधानसभा की गरिमा बनाये रखूंगी-स्पीकर ऋतु खंडूड़ी

विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल का कार्यालय सील किया गया। मुकेश सिंघल को नियमोँ के विपरीत प्रमोशन देकर सचिव बनाया गया।

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। विधानसभा में हुई बैकडोर भर्ती मामले में विस अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी ने तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय एक्सपर्ट कमेटी के गठन की घोषणा की। इस जांच कमेटी में आईएएस दिलीप कोटिया की अध्यक्षता में सुरेंद्र सिंह रावत व अवनेंद्र सिंह नयाल को स्थान दिया गया है। विस सचिव मुकेश सिंघल जांच होने तक अवकाश पर रहेंगे।

शनिवार को सवा तीन बजे विधानसभा में आहूत प्रेस कांफ्रेंस में स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जांच कमेटी एक माह के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी।

उन्होंने बताया कि यह उच्च स्तरीय जांच समिति विधानसभा सचिवालय भर्ती तथा सेवा शर्तें नियमावली के तहत 2001 के बाद की गयी नियुक्तियों व पदोन्नति की जांच करेगी।

इसके अलावा, विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को  छुट्टी पर भेज दिया। मौजूदा समय में दिलीप कोटिया राज्य स्वास्थ्य अभिकरण में उपाध्यक्ष के पद पर तैनात हैं।

प्रेस कांफ्रेंस के बाद स्पीकर की देखरेख में सचिव मुकेश सिंघल का कार्यालय सील किया गया।

गौरतलब है कि इस पूरे मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सख्त रुख अपनाते हुए नियुक्तियों की जांच का स्पीकर ऋतु खण्डूड़ी से अनुरोध किया था। अब जांच कमेटी बनने के बाद सिफारिशी नियुक्ति पर गाज गिरने की पूरी संभावना है।

पूर्व विस अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल व प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में चहेतों को नौकरियों की काफी बन्दरबांट हुई।

विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल का कार्यालय सील किया गया। मुकेश सिंघल को नियमोँ के विपरीत प्रमोशन देकर सचिव बनाया गया।

स्पीकर ऋतु खंडूड़ी की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

उत्तराखण्ड विधान प्रदेश का सर्वोच्च सदन है, इसकी गरिमा को बनाये व बचाये रखना मेरा दायित्व ही नहीं, मेरा कर्तव्य भी है।
एक बात मैं स्पष्ट रूप से प्रदेशवासियों को और खासतौर पर उत्तराखण्ड के युवा वर्ग को कहना चाहूँगी, वह आश्वस्त रहें, मैं किसी को भी निराश नहीं करूँगी, सबके साथ न्याय होगा।
मेरे लिये सदन की गरिमा से ऊपर कुछ भी नहीं है इसको बनाए रखने के लिये कितने ही कठोर व कड़वे निर्णय लेने हों, मैं पीछे नहीं हटूंगी। विधान सभा परिसर लोकतन्त्र का मंदिर है। अध्यक्ष होने के नाते किसी भी प्रकार की अनियमितता एवं अनुशासनहीनता मुझे स्वीकार्य नहीं है। विधान सभा व प्रदेश के हित में मुझे जितने भी रिफॉर्म्स विधान सभा में करने पड़ें मैं उसके लिये तैयार हूँ।
मेरे सार्वजनिक जीवन की शुरूआत माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर हुई। मुझे याद है उन्होंने कहा था “ना खाऊंगा ना खाने दूंगा” इसी ध्येय को मैंने भी अपने जीवन में उतारा है।
मीडिया व अन्य विभिन्न स्रोतों से विधान सभा सचिवालय में कार्मिकों / अधिकारियों की विधि एवं सेवा नियमों के विरूद्ध नियुक्तियों / पदोन्नति के सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी के आधार पर जनहित में मैंने आज दो बड़े निर्णय लिये हैं।
विशेषज्ञ जांच समिति गठित की गयी है जिसमें (क) श्री दिलीप कुमार कोटिया (अध्यक्ष) (ख) श्री सुरेन्द्र सिंह रावत सदस्य एवं (ग) श्री अवनेन्द्र सिंह नयाल सदस्य हैं। सभी पूर्व कार्मिक सचिव हैं एवं प्रदेश के वह इस मामले के विशेषज्ञ हैं। इसके साथ-साथ यह भी निर्देश दिया है कि विशेषज्ञ समिति अधिकतम एक माह के भीतर अपना प्रतिवेदन, जांच रिपोर्ट / सुझाव उपलब्ध करायेगी ।
दूसरा निर्णय यह किया है कि वर्तमान विधान सभा सचिव (श्री मुकेश कुमार सिंघल) तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक अवकाश पर रहेंगे। उक्त अवकाश की अवधि में विशेषज्ञ समिति, श्री मुकेश कुमार सिंघल सचिव को जांच में सहयोग हेतु उपस्थित होने के लिये जब-जब कहेगी तो उन्हें ऐसे निर्देशों का पालन करना होगा।

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विधानसभा भर्ती घोटाला- फैसले की घड़ी आयी करीब, धड़कनें बढ़ी

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