अवैध खनन से जुड़े प्रकरण पर पीआरओ नन्दन सिंह बिष्ट को 11 दिसंबर को पद से हटा दिया था। फिर 6 जनवरी को बहाल कर खनन पर जारी राजनीतिक संग्राम नयी करवट लेता दिखायी दे रहा है।
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। बागेश्वर के अवैध खनन सामग्री से लदे वाहनों का चालान निरस्त करने के बाबत एसएसपी को पत्र लिखने वाले प्रदेश सरकार के पीआरओ को फिर से बहाल कर दिया गया है। आचार संहिता लगने से पहले इस आशय के आदेश 6 जनवरी को जारी किए गए। प्रभारी सचिव विनोद सुमन ने यह आदेश किये।
बहाली आदेश की मूल भाषा-6 जनवरी2022
गौरतलब है कि खनन चालान निरस्त करने सम्बन्धी पत्र लिखने का मामला विधानसभा से लेकर सत्ता के गलियारों में काफी सुर्खियोंमें रहा। इस मुद्दे पर काफी हील हुज्जत होने के बाद 11 दिसंबर को पीआरओ नन्दन सिंह बिष्ट को हटाने के आदेश करने पड़े। साथ ही अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्धन ने भी सीएम कार्यालय के लेटर हेड के इस्तेमाल पर रोक लगा दी।
सूत्रों के मुताबिक पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट तो सिर्फ एक मोहरा भर था। खनन मामलों की डोर हिलाने वाले मास्टरमाइंड कुछ अन्य लोग ही हैं। लेकिन बिष्ट को बलि का बकरा बना दिया गया।
पीआरओ को हटाने सम्बन्धी आदेश- 11 दिसंबर 2021
नतीजतन,”भूल सुधार” करते हुए 6 जनवरी को पीआरओ बिष्ट को बहाल कर दिया गया। हाल ही में हाईकोर्ट के राज्य सरकार की खनन नीति को खारिज करने से हलचल मच गई थी। लिहाजा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने तत्काल खनन निकासी पर रोक लगा दी। लेकिन आचार संहिता से पहले सचिव ने हाईकोर्ट के आदेश की व्याख्या करते हुए आदेश किये कि याचिकाकर्ता की शिकायत से जुडे खनन पट्टे पर ही रोक रहेगी। बाकी जगह खनन जारी रहेगा।
इस मुद्दे पर चल रही सियासत के बाद यह साफ हो गया है कि विधानसभा चुनाव में खनन एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरेगा।
अपर मुख्य सचिव का आदेश– 11 दिसंबर 2021
एसएसपी बागेश्वर को पीआरओ का पत्र 8 दिसंबर 2021, इस पत्र पर मचा था बवाल