कठित प्रशिक्षण के बाद 17 पुलिस उपाधीक्षक बने उत्तराखंड पुलिस का हिस्सा बने
अविकल उत्त्तराखण्ड
नरेंद्रनगर। पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय नरेन्द्रनगर में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से चयनित 17 पुलिस उपाधीक्षक प्रशिक्षु आज साढ़े 12 माह के आधारभूत प्रशिक्षण के बाद उत्तराखंड पुलिस का हिस्सा बन गए हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण में सर्वांग सर्वोत्तम एवं अन्तः कक्ष में प्रथम स्थान आने पर सुश्री रीना राठौर एवं बाहय कक्ष में प्रथम आने पर अभिनय चौधरी को सम्मानित किया।
गुरुवार को आयोजि दीक्षांत परेड में परेड कमाण्डर प्रथम, सुमित पाण्डेय, परेड कमाण्डर द्वितीय सुश्री रीना राठौर एवं परेड एड्ज्यूडेण्ट अभिनय चौधरी नियुक्त रहे। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने दीक्षान्त परेड का मान-प्रणाम ग्रहण कर परेड का निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रशिक्षण के उपरांत पास आउट होने वाले सभी पुलिस उपाधीक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए दी जाने वाली शिक्षा ही प्रशिक्षण है। प्रशिक्षण कोई एक दिन में पूर्ण होने वाला वन टाइम टास्क नहीं है, अपितु उसके अनुरूप खुद को बदलना पड़ता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की कई विविधताएं हैं। कठिन भौगोलिक परिस्थिति एक सबसे बड़ी चुनौती है। जहां बाढ़, बादल फटना, भू-स्खलन, भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाओं के अतिरिक्त सड़क दुर्घटनाओं का आए दिन सामना करना पड़ता है। ऐसे में हमारी राज्य पुलिस की भूमिका अन्य राज्यों की तुलना में और भी चुनौतीपूर्ण हो जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में साइबर एवं डिजिटल तकनीकी के माध्यम से होने वाले आर्थिक अपराधों, साइबर अपराधों एवं सामाजिक अपराधों से निपटना पुलिस के लिए प्रमुख चुनौती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पुलिस अन्य अपराधों के अलावा साइबर और संगठित अपराधों पर रोक लगाकर राज्य में चैतरफा सुरक्षा का माहौल तैयार करेंगे।
डीजीपी अशोक कुमार ने नवप्रशिक्षु अधिकारियों को निष्ठा एवं लगन के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने हेतु निर्देशित किया। साथ ही पीड़ित केन्द्रित पुलिसिंग और फील्ड पुलिसिंग के बारे में कि कैसे पीड़ित को न्याय दिलाना है और कैसे अच्छी पुलिस व्यवस्था की जानी है पर टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि साहब नहीं बल्कि सेवक बनकर कार्य करें और अपने अधिकारों अधिकारों का सदुपयोग पीड़ितों, गरीबों, असहायों के हित में करें, इनका दुरूपयोग न करें।
ई-सुरक्षा चक्र हेल्पलाईन नम्बर 155260 का शुभारंभ
दीक्षांत समारोह के बाद पीटीसी में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने साइबर अपराधों में लगाम कसने हेतु ई-सुरक्षा चक्र हेल्पलाईन नम्बर 155260 का शुभारंभ किया। उत्तराखण्ड देश का तीसरा राज्य बना जिसे गृह मंत्रालय से साईबर हेल्पलाईन नम्बर 155260 के संचालन की अनुमति प्राप्त हुयी। इस नम्बर पर किसी भी प्रकार के वित्तीय साईबर अपराध की सूचना दी जा सकती है तथा पीड़ित को अतिशीघ्र राहत देने का प्रयास किया जायेगा। इस नई प्रणाली के लिये स्पेशल टास्क फोर्स के अधीन साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन में एक ई-सुरक्षा चक्र कन्ट्रोल रुम की स्थापना की गयी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ई-सुरक्षा चक्र बुकलेट का विमोचन भी किया गया, जिसमें जनता को जागरुक करने हेतु तमाम साईबर सम्बन्धी सावधानियां अंकित की गयी है।
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि उत्त्तराखण्ड ने 3500 से ज्यादा पोर्टल पर अपलोड कर देश में चौथा स्थान हासिल किया है। साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए उत्त्तराखण्ड में विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर वी0 विनय कुमार, महानिदेशक सतर्कता, पीवीके प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक, पीएसी, अमित सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक पी/एम, संजय गुंज्याल, पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना एवं सुरक्षा, पूरन सिंह सिंह रावत, पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण, मुख्तार मोहसिन, पुलिस उपमहानिरीक्षक, फायर, नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, राजीव स्वरूप, निदेशक पीटीसी सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
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