ट्रांसफर एक्ट के बाबत नया आदेश, संक्रमणकाल अवधि दो साल बढ़ायी

शासन ने ट्रांसफर एक्ट में संक्रमणकाल पीरियड बढ़ाने के किये आदेश

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। शासन ने स्थानान्तरण अधिनियम 2017 की धारा-19 (2) में उल्लिखित संक्रमण काल की अवधि को दो साल यानि 30 जून, 2024 तक बढ़ा दिया है। अपर सचिव ललित मोहन रयाल की ओर से सोमवार को इस आशय के आदेश जारी किए गए।

इससे पूर्व संक्रमणकाल की अवधि 30 जून 2022 तक विस्तारित की गयी थी लेकिन अपरिहार्य कारणों से वर्तमान तक स्थानान्तरण अधिनियमों के प्राविधानों के अनुसार शत प्रतिशत स्थानान्तरण क्रियान्वित नहीं हो सके हैं। नतीजतन,कार्मिकों द्वारा दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवायें नहीं दी जा सकी हैं। लिहाजा, शासन ने धारा-19 (2) में उल्लिखित संक्रमण काल की अवधि जून 2024 तक विस्तारित कर दी।

देखें, अपर सचिव ललित मोहन रयाल की।ओर से जारी मूल आदेश

प्रेषक,

ललित मोहन स्थाल, अपर सचिव,

उत्तराखण्ड शासन ।

सेवा में,

  1. – समस्त अपर मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन। 2. – समस्त प्रमुख सचिव / सचिव / प्रभारी सचिव, उत्तराखण्ड शासन।
  2. – समस्त मण्डलायुक्त / जिलाधिकारी, उत्तराखण्ड । 4. समस्त विभागाध्यक्ष / प्रमुख कार्यालयाध्यक्ष, उत्तराखण्ड ।

कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग-2

देहरादून: दिनांक

अगस्त 2022 विषय: स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 की धारा-19 (2) में उल्लिखित संक्रमणकाल को विस्तारित किये जाने के संबंध में ।

महोदय,

उपरोक्त विषय के संबंध में अवगत कराना है कि उत्तराखण्ड लोक सेवकों के लिये वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 की धारा-27 में अधिनियम के क्रियान्वयन में कठिनाई का निवारण के संबंध में प्राविधान है कि :

इस अधिनियम के प्रख्यापन के उपरान्त अन्य विभागों की वार्षिक स्थानान्तरण नीतियों / अधिनियमों पर इस अधिनियम का अध्यारोही प्रभाव होगा;

परन्तु यह कि यदि किसी विभाग द्वारा अपने विभाग की विशिष्ट परिस्थितियों के कारण इस अधिनियम के किसी प्राविधान में कोई परिवर्तन अपेक्षित हो अथवा कार्यहित में कोई विचलन किया जाना आवश्यक हो अथवा कोई छूट अपरिहार्य हो तो ऐसे परिवर्तन / विचलन/छूट हेतु प्रस्ताव सकारण मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। इस समिति की संस्तुति पर मा० मुख्यमंत्री के अनुमोदन के उपरान्त ही वांछित परिवर्तन / विचलन/छूट अनुमन्य होगा।

2- वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम की धारा-19 (1) के अनुसार ” प्रथम एवं द्वितीय प्रोन्नति के लिये यह आवश्यक होगा कि न्यूनतम अर्हकारी सेवा का न्यूनतम आधा भाग कार्मिक द्वारा दुर्गम स्थान पर व्यतीत किया जायेगा।””

अधिनियम की धारा-19 (2) के अनुसार “इस अधिनियम के लागू होने की तिथि से 30.06.2020 तक की अवधि को संक्रमणकाल की अवधि मानकर इस अवधि में प्रोन्नति की दशा में, यदि कार्मिक द्वारा, ऐसा आधा भाग दुर्गम स्थान पर व्यतीत नहीं किया गया हो तो प्रोन्नति पर तभी विचार किया जायेगा, जब वह यह बंधपत्र दे कि ऐसा भाग पूरा होने की अवधि तक वह अनिवार्य रूप से दुर्गम स्थान पर तैनात रहेगा।”

कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के शासनादेश संख्या-206, दिनांक 31.08.2020 द्वारा संक्रमणकाल की अवधि दिनांक 30 जून 2022 तक विस्तारित की गयी थी, किन्तु स्थानान्तरण अधिनियम लागू होने के पश्चात अपरिहार्य कारणों से वर्तमान तक स्थानान्तरण अधिनियमों के प्राविधानों के अनुसार शत प्रतिशत स्थानान्तरण क्रियान्वित नहीं हो सके हैं, जिसके फलस्वरूप कार्मिकों द्वारा दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवायें नहीं दी जा सकी हैं। उक्त के दृष्टिगत धारा-19 (2) में उल्लिखित संक्रमण काल की अवधि विस्तारित किये जाने की आवश्यकता प्रतीत हो रही है।

4- अतः उक्त के सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि शासनादेश संख्या-206. दिनांक 31.08.2020 के क्रम में शासन द्वारा सम्यक विचारोपरान्त स्थानान्तरण अधिनियम 2017 की धारा-19 (2) में उल्लिखित संक्रमण काल की अवधि को अग्रिम 02 वर्ष अर्थात दिनांक 30 जून, 2024 तक विस्तारित किया जाता है।

Signed by Lalit Mohan Rayal Date: 01-08-2022 10:17:42

भवदीय,

(ललित मोहन रयाल ) अपर सचिव ।

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