आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाओं के पूर्व कार्यवाहक निदेशक डा. अरुण कुमार त्रिपाठी को क्लीन चिट
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाओं के पूर्व कार्यवाहक निदेशक डा. अरुण कुमार त्रिपाठी को क्लीन चिट मिल गई है।
शासन ने डा. त्रिपाठी के निदेशक पद पर रहते हुए आयुर्वेदिक औषधियों के नमूने फेल होने, सरकारी वाहन एवं ईधन के दुरुपयोग, शासन द्वारा संबद्धता समाप्त किए जाने के बाद भी शासन की बिना अनुमति के चिकित्साधिकारियों/फार्मासिस्टों को उनके इच्छित स्थनों पर संबंद्ध करने और विभाग में फार्मासिस्टों की नियुक्ति/तैनाती आदि में अनियमितता की जांच के लिए प्रभारी सचिव मुख्यमंत्री एसएन पाण्डे को जांच अधिकारी नामित किया था। जांच अधिकारी ने उक्त सभी शिकायतें निराधार पाई ।
डा. त्रिपाठी को फिर से निदेशक बनाने पर आंदोलन की चेतावनी
आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा महासंघ ने डा. त्रिपाठी को फिर से आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं का निदेशक बनाने पर आंदोलन की चेतावनी दी हैं। प्रांतीय महासचिव डॉ. हरदेव सिंह रावत ने कहा महासंघ को डॉ. त्रिपाठी को क्लीन चिट मिलने का पहले से ही अंदेशा था। उन्होंने कहा कि राज्य के एक पूर्व मुख्य नौकरशाह डा.त्रिपाठी की लगातार पैरवी कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि डा. त्रिपाठी को क्लीन चिट देना एक सोची-समझी चाल है। डा. त्रिपाठी शिक्षा संवर्ग से हैं। यदि उन्हें फिर से निदेशक बनाया गया तो 800 चिकित्सक आंदोलन पर चले जाएंगे।
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