सीएम धामी के ड्रग्स फ्री उत्तराखंड के सपने को साकार करेंगे-डीजीपी

त्रिस्तरीय एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) की मासिक समीक्षा करेंगे डीजीपी, स्टेट एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के थाना क्षेत्र में जाकर ड्रग्स पकड़ने पर सम्बन्धित थाना प्रभारी पर होगी कार्यवाही

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रदेश को 2025 तक नशामुक्त करने के अभियान के तहत पुलिस मुख्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्यमंत्री धामी के सपने ड्रग्स फ्री देवभूमि को साकार करने का संकल्प लिया गया। कार्यशाला में युवाओं से अपनी उर्जा को सकारात्मक क्रिया-कलापों खेल, पढाई, कल्चरल एक्टीविटी आदि में लगाने और ड्रग्स से दूर रहने की अपील की गई। एनडीपीएस एक्ट के क्रियान्वयन की बारीकियां भी बतायी गयी।

कार्यशाला में जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, थानाध्यक्षों, निरीक्षक व उप निरीक्षकों को ड्रग्स के प्रति संवेदनशील करने, ड्रग्स के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला के माध्यम से उत्तराखण्ड पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों एवं अभियोजन के अधिकारियों द्वारा ड्रग्स के विरूद्ध कार्यवाही को और अधिक प्रभावी करने, enforcement और awareness की कार्यवाही, विधिक और कानूनी रूप से मजबूत विवेचना करने के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक बताया गया।

कार्याशाला को सम्बोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि ड्रग्स हमारे समाज का सबसे बड़ा अभिशाप है। किसी परिवार का बच्चा यदि ड्रग्स के जाल में फंस जाता है तो उस परिवार की जीवन भर की कमाई, इज्जत सब बरबाद हो जाती है इससे अच्छे-अच्छे परिवार भी बरबार हो जाते हैं। ड्रग्स को समूल नाश करना हमारी जिम्मेदारी है। ड्रग्स पूरी दुनियां में टेरर फंडिंग का सबसे बड़ा स्रोत है इस नाते हमारी ड्यूटी और अधिक बढ़ जाती है।

ड्रग्स के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनायें।सामाजिक, सवैंधानिक जिम्मदारी के साथ-साथ थानाध्यक्ष होने के नाते आपकी काफी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार राज्य स्तर, जनपद स्तर एवं थाना स्तर पर एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

यदि राज्य स्तर की टास्क फोर्स किसी थाने क्षेत्र पर जाकर ड्रग्स पकडती है, तो सम्बन्धित थाना प्रभारी की भी जवाबदेही तय की जाएगी। Enforcement, Awareness एवं Rehab तीनों को साथ लेकर चलें। पूरी युवा शक्ति को सकारात्मक दिशा में लगाना है। सभी को अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को समझते हुए मुख्यमंत्री के सपने ड्रग्स फ्री देवभूमि को साकार करें। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि युवा अपनी उर्जा को सकारात्मक क्रिया-कलापों खेल, पढाई, कल्चरल एक्टीविटी आदि में लगाएं और ड्रग्स से दूर रहें।

कार्यशाला में अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड वी मुरूगेशन ने अभियुक्तों के विरुद्ध माननीय न्यायालयों में प्रभावी पैरवी, साक्ष्य प्रस्तुत करने के दृष्टिगत विवेचनाओं में गुणवत्ता लाये जाने के सम्बन्ध में बताया गया। गिरीश चन्द्र पंचौली- संयुक्त निदेशक, विधि, देहरादून द्वारा एवं मनोज कुमार शर्मा- एडीजीसी, देहरादून द्वारा न्यायालय में एनडीपीएस एक्ट से सम्बन्धित मामलों में विचारण के दौरान पाई जाने वाली कमियों तथा वर्तमान तक आने वाली कमियों की पूर्ति विवेचना के दौरान करने हेतु भी विस्तारपूर्वक समझाया गया।

नशे के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करते हुए पूरे प्रदेश में वर्ष 2019 में 1558 अभियुक्तों के विरूद्ध कार्यवाही करके 11 करोड़ से अधिक का मादक पदार्थ बरामद किया गया। वर्ष 2020 में 1490 अभियुक्तों से लगभग 13 करोड़ का मादक पदार्थ बरामद किया गया। 2021 में 2165 अभियुक्तों के विरूद्ध कार्यवाही करके 26 करोड़ का मादक पदार्थ बरामद किया गया। इसी प्रकार वर्ष 2022 के प्रथम 06 माह में 794 अभियुक्तों के विरूद्ध कार्यवाही करके 12 करोड़ का मादक पदार्थ बरामद किया गया

गौरतलब है कि वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को नशामुक्त करने हेतु Drugs Free Devbhoomi by 2025 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत त्रिस्तरीय एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) का राज्य, जनपद और थाना स्तर पर गठन किया गया है।

कार्यशाला में पुलिस उपमहानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र- करन सिंह नगन्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ- अजय सिंह सहित जनपद के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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