..तो ऑनलाइन ट्रांसफर में मिली ट्राफी को गंगा जी में बहा दिया जाएगा

राज्य कर सेवा संघ ने आफलाइन ट्रांसफर का किया कड़ा विरोध, शासन को भेजा पत्र.

ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम से इतर अंदरखाने बन रही ट्रांसफर सूची

अभी कर आयुक्त की ओर से ट्रांसफर की सूची नहीं आयी है। उनके ही स्तर पर लिए गए निर्णय से पता चलेगा कि सूची ऑनलाइन बनी है या आफलाइन। इसके बाद ही शासन निर्णय लेगा- दिलीप जावलकर, वित्त सचिव

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। ऑनलाइन पारदर्शी ट्रांसफर व्यवस्था में बेहतर परफार्मेन्स पर 2019 में मिली ट्राफी को गंगा जी की लहरों में प्रवाहित करने की तैयारी हो रही है। राज्य कर सेवा संघ के पदाधिकारी इस बार ऑनलाइन ट्रांसफर व्यवस्था के बजाय आफलाइन सिस्टम की आशंका को देखते हुए ट्राफी को गंगा जी को भेंट करने जा रहे है।

दरअसल, बीते चार साल से राज्य कर सेवा में नीचे से ऊपर तक सभी ट्रांसफर ऑनलाइन व्यवस्था के तहत किये जा रहे हैं। ऐसे में अंदरखाने लेन देन का खेल भी खत्म हो गया है।

राज्य कर सेवा विभाग की इस ऑनलाइन ट्रांसफर व्यवस्था को अन्य राज्यों ने भी अंगीकार किया हुआ है। इस बेहतर व्यवस्था के लिए 2019 में राज्य कर सेवा विभाग को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अवार्ड से भी नवाजा गया। 2017 से ऑनलाइन ट्रांसफर में बेहतर करने पर दिल्ली में गुड गवर्नेस नाऊ संस्था की ओर से दिया गया था।

इस साल धारा 27 के तहत हो रहे ट्रांसफर प्रक्रिया आफलाइन किये जाने की भनक लगते ही राज्य कर सेवा संघ ने वित्त सचिव को लिखे पत्र में ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम के तहत प्रक्रिया अपनाने का अनुरोध किया है।

सूत्रों का कहना है कि आफलाइन ट्रांसफर के जुगाड़ में लगे कुछ अधिकारी व कर्मचारी येन केन प्रकारेण मध्य सत्र में ट्रांसफर करवा लेना चाहते हैं। विभाग के अंदर कई तरह की चर्चाओं ने भी जन्म ले लिया है।

सूत्रों का कहना है कि आफलाइन ट्रांसफर सूची तैयार भी कर ली गयी है। और जल्द ही इसे जारी भी कर दिया जाएगा। ऐसा होने पर कर सेवा विभाग के ट्रांसफर भी संदेह के घेरे में आ जाएंगे। ऑनलाइन ट्रांसफर में यह पता चल जाता है कि किसका ट्रांसफर किस आधार/विकल्प के तहत हुआ जबकि आफलाइन में सब कुछ अंदरखाने खेल हो जाता है।

गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व सीएम धामी ने शहरी विकास मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल की एक 72 अधिकारी कर्मियों की ट्रांसफर सूची रातों रात निरस्त कर दी जब मंत्री जर्मनी की यात्रा पर रवाना हो रहे थे।

वित्त विभाग भी प्रेमचन्द अग्रवाल के पास है। ऐसे में आफलाइन ट्रांसफर सूची के जारी होने से धामी सरकार नयी परेशानी में घिर सकती हैं।

2019 में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अवार्ड

सेवा में, सचिव वित्त उत्तराखण्ड शासन, देहरादून

विषय: स्थानान्तरण सत्र 2022-23 हेतु राज्य कर विभाग के अधिकारियों / कार्मिकों के प्रस्तावित स्थानांतरण के सन्दर्भ में.

महोदय,

निवेदन है कि संघ के सदस्यों की समस्याओं के क्रम में उक्त विषय पर राज्य कर सेवा संघ निम्नवत आग्रह करता है

(क) वार्षिक स्थानान्तरण सत्र 2022-23 हेतु विभागीय स्थानांतरणों को लेकर शासन से विचलन प्राप्त हो गया है. उक्त विचलन के अनुसार अनिवार्य स्थानांतरणों के अतिरिक्त कार्यरत जनशक्ति के 32 प्रतिशत स्थानान्तरण, इस प्रतिबन्ध के अधीन, कि इससे राजकीय कार्य प्रभावित न हो, किए जाने हैं, वर्तमान स्थानान्तरण सत्र की करीब आधी अवधि व्यतीत हो चुकी है ऐसी स्थिति में मध्यावधि स्थानांतरणों’ के औचित्य और उपादेयता पर पुनर्विचार किया जाना उपयुक्त होगा. सेवा संघ व अधिकाँश सदस्यों का यह मत है कि निम्न कारणों से विभागीय हित में यह उचित होगा कि संगत वर्ष हेतु विभागीय स्थानान्तरण सत्रांत तक स्थगित करने पर विचार किया जाए.

(i) किसी भी कर विभाग के कार्य वित्तीय वर्ष की अवधि से निकटतः सम्बंधित होते हैं. अतः विभागीय कार्यों की प्रकृति के दृष्टिगत वित्तीय वर्ष के मध्य में स्थानान्तरण के कारण राजस्व संग्रहण कार्य विपरीत रूप से प्रभावित होने की आशंका है. वर्तमान काल में केंद्र से प्राप्त होने वाली प्रतिपूर्ति के समापन से होने वाली कमी की क्षतिपूर्ति के प्रयास भी इससे अप्रभावित नहीं रह पाएंगे.

(ii) स्थानांतरणों के समय के कारण अधिकारियों की कार्यक्षमता प्रभावित होने की आशंका है. मध्य सत्र में स्थानान्तरण के कारण उत्पन्न पारिवारिक व अन्य समस्याओं के कारण तथा इस कारण कि स्थानांतरण किए जाने की सीमा त्योहारों से ठीक पूर्व समाप्त हो रही है, अधिकारी नवीन दायित्वों का पूर्ण मनोयोग से निर्वहन कर पाएंगे, इसमें संदेह है.

(iii) वर्तमान समय में जबकि शिक्षण सत्र 2022-23 आधा हो हो चुका है और विभाग द्वारा अधिकारियों को संग्रह के वार्षिक लक्ष्य भी आवंटित कर दिए गए हैं, विलंबित स्थानान्तरण, स्थानांतरित अधिकारी-कर्मचारियों के लिए अत्यंत कष्टकारक होंगे. बड़ी संख्या में प्रस्तावित परिवर्तनों के परिणाम स्वरूप लक्ष्य प्राप्ति का पूर्व से ही दुष्कर कार्य और अधिक दुष्कर हो जाएगा. ऐसी स्थिति में स्थानान्तरण सत्र 2022-23 के लिए अपेक्षित स्थानांतरणों को वर्तमान वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक के लिए स्थगित करते हुए प्रस्तावित स्थानांतरणों को वर्तमानं स्थानान्तरण सत्र के अंत तक के लिए स्थगित किया जाना उचित होगा. वर्तमान परिस्थितियों के दृष्तिगत उक्त उपाय कार्मिकों, विभाग और राजस्व आदि के दृष्टिकोण से सर्वहितकारी होगा..

(ख) उक्त के अतिरिक्त किसी भी समय स्थानांतरण किए जाने की स्थिति में गत चार वर्षों से विभाग में स्थानान्तरण हेतु विकल्प चयन की प्रचलित, सर्वमान्य व वस्तुनिष्ठ ऑनलाइन प्रणाली, जिसके लिए विभाग को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना व पुरूस्कार तक प्राप्त हुए हैं, को जारी रखा जाए. ऐसे समय में जबकि हमारे पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश द्वारा भी स्थानांतरणों हेतु ऑनलाइन प्रणाली को अपनाया जा रहा है, यह और भी आवश्यक हो जाता है कि विभाग में स्थानांतरणों में पारदर्शिता और वस्तुनिष्ठता बनी रहे और विवादों को आमंत्रण न मिले.

(ग) विभाग को स्थानान्तरण हेतु गृह जनपद में तैनाती के प्रतिषेध से विचलन प्राप्त हो चुका है. अतः संगत व आगामी वर्षों के स्थानांतरणों में गृह जनपद में भी तैनातियों की व्यवस्था को लागू किया जाए.

(घ) सेवा संघ पूर्व से ही निवेदन करता आया है कि वार्षिक स्थानान्तरण की प्रक्रिया पर्याप्त समय पहले ही आरम्भ कर दी जानी चाहिए जिससे अंतिम समय की उहापोह से बचा जा सके एवं आवश्यक विचलन प्राप्त किए जाने की अनिवार्यता समयान्तर्गत पूर्ण की जा सके. इस सम्बन्ध में विभाग की स्थाई स्थानांतरण नीति अत्यंत आवश्यक है.

कृपया उक्त तथ्यों का संज्ञान लेते हुए उक्त विषय पर सम्यक निर्णय लेने व समुचित कार्यवाही करने की कृपा करें.

(जयदीप सिंह रावत), महासचिव/रा.क.से.सं.

01.10.2022 उत्तराखण्ड

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