अब घर बैठे सोलर फार्मिंग से मिलेगा स्वरोजगार

उत्त्तराखण्ड के स्थाई निवासी निजी या लीज की भूमि पर लगा सकते हैं सोलर पॉवर प्लांट

एक सप्ताह में अंदर होगा भू परिवर्तन-सीएम

मुख्यमंत्री ने किया सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना का शुभारंभ

योजना के तहत 25-25 किलोवाट की 10 हजार परियोजनाएं की जाएंगी आवंटित

अविकल उत्त्तराखण्ड

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को सचिवालय में सौर स्वरोजगार योजना का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं और वापस लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही हरित ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना योजना का लक्ष्य है। योजना में 10 हजार युवाओं और उद्यमियों को 25-25 किलोवाट की सोलर परियोजनाएं आवंटित की जाएंगी।

Solar energy

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजना के आवेदन की प्रक्रिया को सरल रखा जाए। भू- परिवर्तन में एक सप्ताह से अधिक समय नहीं लगना चाहिए। इससे अधिक समय लगने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना में बैंकों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बैंकों से लगातार सम्पर्क और समन्वय बनाए रखें।

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सचिव ऊर्जा राधिका झा ने बताया कि राज्य के स्थाई निवासी अपनी निजी भूमि या लीज पर भूमि पर सोलर पावर प्लांट की स्थापना कर सकते हैं।

बिजनी उत्पादन के साथ-साथ नगदी फसल भी
इंटीग्रेटेड फार्मिंग की इस योजना में सोलर पैनल लगाने के साथ उसी भूमि पर मौन पालन, फल, सब्जी और जड़ी-बूटी आदि का उत्पादन भी किया जा सकता है। संयंत्र स्थापित की जाने वाली भूमि पर जलवायु आधारित औषधीय और स्कन्ध पादपों के बीज निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे।

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संयंत्र लगाने के लिए 1.5 से 2 नाली भूमि की जरूरत

25 किलोवाट क्षमता के संयंत्र स्थापित करने के लिए लगभग 1.5 से 2 नाली भूमि की आवश्यकता होगी। 40 हजार रुपए प्रति किलोवाट की दर से कुल लागत लगभग 10 लाख रुपए सम्भावित है। 25 किलोवाट क्षमता के संयंत्र से पूरे वर्ष में लगभग 38 हजार यूनिट विद्युत उत्पादन हो सकता है।योजना के अंतर्गत यूपीसीएल द्वारा स्थापित 63 केवीए और इससे अधिक क्षमता के स्थापित ट्रांसफार्मरों से पर्वतीय क्षेत्रों में 300 मीटर और मैदानी क्षेत्रों में 100 मीटर की हवाई दूरी (एरियल डिस्टेंस)  तक सोलर पावर प्लांट आवंटित किए जाएंगे। आवंटित परियेजना से उत्पादित बिजली को यूपीसीएल द्वारा निर्धारित दरों पर 25 वर्षों तक खरीदी जाएगी।

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यूपीसीएल के साथ विद्युत क्रय अनुबंध

लाभार्थी सहकारी या किसी राष्ट्रीयकृत बैंक से ऋण ले सकता है। सहकारी बैंक द्वारा इस योजना के लिए 8 प्रतिशत की ब्याज दर पर 15 वर्षों के लिए ऋण दिया जाएगा। चयनित लाभार्थी को अपनी भूमि के भू-परिवर्तन के बाद मोर्टगेज करने के लिए लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। लाभार्थी द्वारा यूपीसीएल के साथ विद्युत क्रय अनुबंध किया जाएगा।

लाभार्थी द्वारा परियेजना आवंटन पत्र, यूपीसीएल के साथ अनुबंध की प्रति और अन्य आवश्यक अभिलेख जमा कराने के सात दिन के भीतर महाप्रबंधक, जिला उद्योग संबंधित बैंक शाखा को अग्रसारित कर देंगे। इसके 15 दिनों के भीतर बैंक शाखा से स्वीकृति या अस्वीेकृति की सूचना लाभार्थी को बता दी जाएगी।

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इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूङी, मनीषा पंवार, सचिव अमित नेगी, हरबंस सिंह चुघ, अपर सचिव नीरज खैरवाल, महानिदेशक सूचना डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट  व अन्य अधिकारी उपस्थित थे

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