ब्रेकिंग-दस हजार वन प्रहरी बुझाएंगे जंगल की आग,इनमें 5 हजार महिलाएं

वनाग्नि प्रबंधन में 5 हजार महिलाओं की सक्रिय भागीदारी की योजना बनाई जाएः मुख्यमंत्री

जंगल की आग बुझाने व सुरक्षा के लिए 10 हजार वन प्रहरी नियुक्त होंगे

स्थानीय ग्रामीण वन प्रहरियों को सात हजार मासिक मानदेय मिलेगा

अविकल उत्त्तराखण्ड


देहरादून। उत्त्तराखण्ड के वनों में लगने वाली आग को बुझाने के लिए स्थानीय ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी तय के दी गयी है। प्रदेश में 10 हजार वन प्रहरियों की नियुक्ति की जाएगी। इनमें 5 हजार महिलाएं भी वन प्रहरी के तौर पर काम करेंगी। इन वन प्रहरियों को सात हजार मासिक मानदेय दिया जाएगा।

Uttarakhand forest fire

सीएम तीरथ रावत ने सोमवार की सांय को सचिवालय में
आहूत वनाग्नि प्रबंधन संबंधी बैठक में ऐसी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए मुख्य वन संरक्षक पराग धकाते ने बताया कि उत्त्तराखण्ड में स्थानीय ग्रामीणों को वनों की सुरक्षा से जोड़ने और उन्हें उनके ही द्वार पर रोजगार उपलब्ध कराने के तहत सीएम तीरथ रावत ने यह फैसला किया। उन्होंने कहा कि समूचे देश में वनों की सुरक्षा के लिए यह अनूठी पहल उत्त्तराखण्ड से शुरू की गई है। इसके सार्थक परिणाम सामने आएंगे।Uttarakhand forest fire

उन्होंने बताया कि इन वन प्रहरियों की नियुक्ति महिला मंगल दल, युवक मंगल दल, वन पंचायतों से की जाएगी। चूंकि, ग्रामीणों को उनके जंगल के बारे में विशेष जानकारी होती है। लिहाजा वनों से स्थानीय लोगों की बढ़ती दूरी को कम करने के लिए यह व्यवस्था की जाएगी।

धकाते ने कहा कि वन के साथ जन को जोड़ने से वनों की सुरलश के साथ रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।

वनाग्नि प्रबंधन में 5 हजार महिलाओं की सक्रिय भागीदारी की योजना बनाई जाएः मुख्यमंत्री

फील्ड लेवल तक पर्याप्त बजट और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित हो।

फायरलाईन की माॅनिटरिंग के लिए ड्रोन सर्वे किया जाए।

स्थानीय लोगों के हक हकूक का समय से वितरण किया जाए

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में आयोजित बैठक में वनाग्नि प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा की।
 
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में वनाग्नि प्रबंधन की बैठक लेते हुए कैम्पा में स्वीकृत धनराशि को तत्काल फील्ड लेवल तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि शमन के दौरान मृतक कार्मिकों और स्थानीय नागरिकों के परिवारों को अनुग्रह राशि अविलम्ब उपलब्ध कराई जाएं। वन कर्मियों को वनाग्नि शमन के लिए जरूरी सभी उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित हो फायरलाईन की माॅनिटरिंग के लिए ड्रोन सर्वे कराया जाए। आपदा प्रबंधन विभाग को वनाग्नि शमन के लिए हेलीकाप्टर की भी व्यवस्था रखने के निर्देश दिए।

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सचिवालय में आयोजित बैठक में वनाग्नि प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वन पंचायतों और स्थानीय लोगों की सहभागिता बहुत जरूरी है। स्थानीय लोगों के हक हकूक का समय से वितरण किया जाए। वन, पुलिस,राजस्व व अन्य संबंधित विभागों में पूरा समन्वय हो। जिलाधिकारी नियमित रूप से वनाग्नि प्रबंधन की समीक्षा करें और ये सुनिश्चित करें कि आवश्यक मानव संसाधन, उपकरण आदि उपलब्ध हों। यदि कोई समस्या हो तो शासन को अवगत कराएं। वनाग्नि प्रबंधन संबंधी कार्यों में 5 हजार महिलाओं की सक्रिय भागीदारी की योजना बनाई जाए। फोरेस्ट फायर कन्जरवेंसी सिस्टम को विकसित कर आमजन में व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए।Uttarakhand forest fire

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मुख्यमंत्री ने वनाग्नि प्रबंधन के लिए की गई तैयारियों के संबंध में वीडियो कान्फ्रेंसिंग द्वारा जिलाधिकारियों से भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जानबूझकर आग लगाने वालों को चिन्हित किया जाए। वनाग्नि के कारण जो भी क्षति होती है, उसमें आपदा के मानकों के अनुसार तत्काल राहत राशि प्रदान की जाए। पिरूल एकत्रण का भुगतान समय से हो। इसके लिए प्रभावी मैकेनिज्म बना लिया जाए।

बैठक में बताया गया कि प्रतिवर्ष लगभग 36 हजार हैक्टेयर वन क्षेत्र में वनाग्नि शमन के लिए जरूरी नियंत्रित दाहन किया जाता है। लगभग 2700 किमी फायर लाईनों का रखरखाव किया जाता है। स्थानीय निवासियों से प्रतिवर्ष लगभग 7000 फायर वाचर अग्निकाल में लगाए जाते हैं। 40 मास्टर कंट्रोल रूम, 1317 कू्र स्टेशन और 174 वाच टावर स्थापित हैं। जिला फायर समितियों की बैठक कर ली गई हैं।

बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव आनंदबर्द्धन, सचिव श्री अमित नेगी, नीतेश झा, प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी, सहित वन विभाग के अधिकारी, मंडलायुक्त और जिलाधिकारी उपस्थित थे।  

बैठक के अन्य निर्णय

कैम्पा में स्वीकृत धनराशि तत्काल अवमुक्त करने के निर्देश

वन कर्मियों को आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश

स्थानीय लोगों को हक हकूक का समय से वितरण के निर्देश

जानबूझकर आग लगाने वालों को चिन्हित करने के निर्देश

वनाग्नि प्रबंधन में वन, पुलिस, राजस्व में समन्वय हो

वन पंचायतों व स्थानीय सहभागिता को प्रोत्साहित किया जाए

सीएम तीरथ के फैसले, pls clik

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