ताजी जांच रिपोर्ट में पुल की दीवारें सुरक्षित बतायी गयीं थीं. 9 करोड़ की लागत से बने भोपालपानी पुल का चार साल पहले पुश्ता गिरने पर 4 इंजीनियर निलम्बित हो गए थे.
फ्लैशबैक- अक्टूबर 2018- भोपालपानी पुल में दरार आने व पुश्ता ढहने के बाद अधिशासी अभियंता शैलेन्द्र मिश्रा को 15 अक्टूबर 2018 को निलंबित करने के साथ पद से भी रिवर्ट कर दिया गया था। उस समय मिश्रा समेत चार इंजीनियरों को निलंबित किया गया था। उद्घाटन से पहले ही पुश्ता गिर गया था।
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। गुरुवार को एयरपोर्ट को जोड़ने वाले जॉलीग्रांट-थानो-रायपुर व्यस्तम मार्ग पर भोपालपानी के निकट बना पुल टूट गया। भ्र्ष्टाचार का पर्याय बन चुके भोपालपानी पुल में कुछ दिन पूर्व दरारें व धंसाव देखे जाने के बाद आवागमन एकतरफा कर दिया गया था। लेकिन गुरुवार की सुबह इस पुल का एक हिस्सा टूट जाने से पुल से जारी एकतरफा आवागमन को भी पूरी तरह रोक दिया गया । पुल के टूटने से इस मार्ग में जाम लग गया। वैकल्पिक मार्ग से वाहनों को निकाला गया।
ट्रैफिक पुलिस की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, जौलीग्रांट – थानो – रायपुर मार्ग * पर बना पुल टूट जाने के कारण इस पुल पर आवागमन के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। उक्त मार्ग का प्रयोग करने वाले वाहन चालकों के लिए पुल के नीचे साइड से अस्थाई आवागमन चल रहा है। एयरपोर्ट जाने के लिए नॉर्मल रूट अथवा पुल के नीचे से बने अस्थाई मार्ग का प्रयोग करें ।
गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व भोपालपानी पुल के क्षतिग्रस्त होने पर राष्ट्रीय राजमार्ग की जांच रिपोर्ट में पुल की दीवारें सुरक्षित बतायी गयी थी। और कहा गया था कि पुल को कोई खतरा नहीं है। और जल्द ही मरम्मत कर वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी।
जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि पुल की दीवारों को फिर से बनाने की जरूरत नहीं है। बड़े बड़े वाहनों के चलने से धंसाव हो जाता है । बहरहाल, नौ करोड़ की लागत से बने भोपालपानी पुल के टूट जाने से सम्बंधित विभाग के भ्र्ष्टाचार की कलई एक बार फिर खुल गयी।
भोपालपानी पुल को 9 शिवशंकर मैसर्स ने 9 करोड़ की लागत से बनाया था।
21 करोड़ के बड़ासी, 9 करोड़ के भोपालपानी व 10 करोड़ के सिलवालधारा पुल चार साल पहले 2018 में बन कर तैयार हुए थे।
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