नवीनतम संचार प्रणाली क्यूडीए का उपयोग करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना
दूरस्थ ग्रामों के नो सिग्नल एरिया में संचार के लिए एसडीआरएफ द्वारा क्विक डिप्लोएबल एंटिना स्थापित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने सचिवालय स्थित एसडीएमए के कंट्रोल रूम में किया शुभारंभ
क्यूडीए के जरिए मलारी, गुंजी और त्यूणी के ग्रामीणों से की बात
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। नवीनतम प्रणाली संचार क्यूडीए का उपयोग करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने क्यूडीए संचार तकनीकी का शुभारंभ किया। एसडीआरएफ ने दूरस्थ गांवों( नो सिगनल एरिया) में संचार के लिए क्विक डिप्लोएबल एंटिना स्थापित किए हैं।
मुख्यमंत्री ने देहरादून स्थित एसडीएमए कंट्रोल रूम से चमोली के दुरस्थ गांव मलारी, पिथौरागढ़ के गुंजी और देहरादून के त्यूणी के ग्राम प्रधान और ग्रामवासियों से क्यूडीए से सम्पर्क स्थापित कर उनकी समस्याएं पूछीं। ग्रामीणों ने भी क्षेत्र को डिजिटल प्रणाली से जोड़ने ओर पूर्व में सेटेलाइट फोन वितरण के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।
क्यूडीए नो सिगनल एरिया से संचार स्थापित करने की नवीनतम टेक्नोलॉजी है। इस प्रणाली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और डेटा भेजने के लिए 1.2 मीटर क्यूडीए (वीएसएटी) एंटीना टर्मिनलों और 1.2 मीटर स्टेटिक (वीएसएटी) एंटीना टर्मिनल का उपयोग होता है। यह विभिन्न वीसैट टर्मिनल के साथ उपग्रह आधारित संचार स्थापित करने में मदद करता है।
वॉयस और वीडियो संचार को दूरस्थ से दूरस्थ वीएसएटी टर्मिनलों तक संप्रेषित किया जाता है। 1.2 मीटर क्यूडीए वीएसएटी एक पोर्टेबल सिस्टम है, जो दूरस्थ क्षेत्रों में तुरंत स्थापित किया जा सकता है। साधारण तौर पर यह कह सकते हैं कि यह टेक्नोलॉजी ऐसे क्षेत्र में जहां संचार का कोई साधन नही है, उपयोग करने पर तत्काल सेटेलाइट से सम्पर्क स्थापित कर लाइव ऑडियो ओर वीडियो कॉल की सुविधा देता है। क्यूडीए ’स्टैटिक और मोबाइल’ दो प्रकार का होता है। किसी भी आपदा के दौरान स्टेटिक क्यूडीए को एसडीआरएफ मुख्यालय जॉलीग्रांट, एसडीएमए, देहरादून या किसी अन्य स्थान में स्थापित किया जाएगा। जबकि मोबाइल क्यूडीए को तत्काल हेलीकॉप्टर की सहायता से आपदाग्रस्त क्षेत्रो में भेजकर स्थापित किया जाएगा।
इस अवसर पर सचिव गृह नितेश झा, सचिव आपदा एसए मुरुगेशन, महानिरीक्षक एसडीआरएफ संजय गुंज्याल, एसडीआरएफ सेनानायक तृप्ति भट्ट, सहायक सेनानायक कमल सिंह पंवार, अनिल शर्मा और अधिशासी निदेशक यूएसडीएमए पीयूष रौतेला उपस्थित थे।
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