…तो स्टिंग 2016 के सूत्रधार उमेश को जमकर खरी खोटी सुनाई थी हरक सिंह ने

मुझे धोखे में रख कर स्टिंग किये गए-हरक

सालों से जो दिल में दबा है उसे खोलने में कोई गुरेज नहीं करूंगा..कई चेहरे बेनकाब होंगे

दिल्ली की प्रेस विजय बहुगुणा के नाम पर बुलाई लेकिन संबोधित साकेत बहुगुणा ने की

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। कांग्रेस से बगावत के बाद 2016 के दो चर्चित स्टिंग के केंद्र में रहे पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत   ने साफ कहा कि उन्हें धोखे में रखकर स्टिंग किये गए। उस समय उन्होंने उमेश कुमार को खूब खरी खोटी सुनाई थी।

गौरतलब है कि 2016 में हरीश रावत और मदन बिष्ट के स्टिंग से भूचाल आ गया था। हरीश रावत का स्टिंग जॉलीग्रांट हवाईअड्डे के गेस्ट हाउस में किया गया था। जबकि विधायक मदन बिष्ट का स्टिंग दिल्ली स्थित हरक सिंह के आवास पर किया गया था।

अब हरक सिंह रावत ने हरीश व मदन के स्टिंग से पल्ला झाड़ते हुए उमेश कुमार समेत कुछ अन्य भाजपा नेताओं को घेरे में लेते नजर आए।

सीबीआई नोटिस जारी होने के बाद हरक सिंह ने इशारों ही इशारों में भाजपा के केंद्रीय नेताओं को भी लपेटा। उन्होंने कहा कि आठ साल बाद अब गड़े मुर्दे क्यों उखाड़े जा रहे हैं, यह उनकी समझ से बाहर है। हरक सिंह ने सीबीआई जांच पर भी सवाल उठाए।

पूर्व मंत्री हरक सिंह ने कहा कि उन्हें पता ही नहीं था कि बातें रिकॉर्ड हो रही है। स्टिंग के बाबत दिल्ली में हुई प्रेस कांफ्रेंस को साकेत बहुगुणा ने सम्बोधित किया था। जबकि पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के नाम पर पत्रकार वार्ता बुलाई गई थी। उन्हें पता ही नहीं था कि पत्रकार वार्ता क्यों बुलाई गई।

गौरतलब है कि  सीबीआई के नोटिस मिलने के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत और हरक सिंह अपनी अपनी बात मीडिया के सामने रख रहे हैं।

गौरतलब है कि हरक सिंह रावत ने ही 2016 में कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर सीबीआई जांच की मांग की थी। औऱ 2022 में हरक सिंह रावत वापस कांग्रेस में आ गए है। 2016 में कांग्रेस से बगावत कर और हरीश रावत सरकार गिरा कर हरक सिंह भाजपा में चले गए थे। उस समय हरक सिंह पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के बेहद करीबी लोगों में शुमार थे।

2016 के स्टिंग के सूत्रधार उमेश कुमार को 2018 में त्रिवेंद्र सरकार ने जेल में डाल दिया था। 2022 में उमेश कुमार निर्दलीय विधायक का चुनाव जीत गया। उमेश कुमार के हरक सिंह समेत भाजपा व कांग्रेस के कई नेताओं से करीबी रिश्ते बताए जाते हैं। जो समय समय पर उमेश की ढाल भी बनते रहे हैं। इस बीच, सीबीआई कोर्ट ने दो दिन पहले ही हरीश, हरक,मदन बिष्ट व उमेश कुमार के वॉयस सैंपल लेने के लिए नोटिस जारी किया है। इसके वाद से प्रदेश की राजनीति बहुत गरमा गई है..

हरक सिंह  के कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट व जनता की अदालत का फैसला आ चुका है। लिहाजा अब वो केस वापस लेने पर भी वकीलों से विचार कर रहे हैं।

सीबीआई से नोटिस जारी होने के बाद हरक सिंह ने कहा कि  उन्हें ही कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। हरक सिंह ने कहा, मामला आगे जाएगा तो मैं भी खुलकर अपनी बात रखूंगा। जो अभी तक वर्षों से मेरे दिल में दबा है, उसे खोलने में भी संकोच नहीं करूंगा।

विधायक मदन बिष्ट के स्टिंग से हरक ने झाड़ा पल्ला

हरक ने कहा कि हरीश रावत से जंग के मुद्दे पर    मदन बिष्ट की वजह से ही मैंने हरीश रावत से लड़ाई लड़ी। हरक ने यह भी जोड़ा कि मदन बिष्ट ने अपना वादा नहीं निभाया।

उस वक्त की घटना का जिक्र करते हुए हरक ने कहा कि दिल्ली में मदन बिष्ट के मेरे घर पहुंचने से एक पत्रकार ने वहां कैमरा लगा दिया था। जिसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।  मैं तो मदन बिष्ट की बात अपने मोबाइल पर रिकॉर्ड कर रहा था। विधायक मदन बिष्ट के  जाने के बाद पत्रकार ने मुझे दोनों की बातचीत की रिकॉर्डिंग के बारे में बताया। इस बात से मुझे बहुत गुस्सा आ गया। साथ ही उमेश को भी जमकर खरी-खोटी सुनाई।मैंने रिकॉर्डिंग की चिप अपने पास रख ली। लेकिन बाद में वह वीडियो चैनल पर चला दिया।

धोखे से किये गए इस स्टिंग के बाद हरक और मदन के रिश्ते में भारी खटास आ गयी।

हरीश के स्टिंग पर मुझे धोखे में रखा

हरक कहते हैं कि एक दिन उमेश कुमार का उनके पास फोन आया।  कहा कि हरीश रावत बात करेंगे। बातचीत में  हरक ने कहा कि आप मेरी राजनीति खत्म करना चाहते हैं। दूसरे दिन फिर उमेश का फोन आया, उन्होंने फिर हरीश से बात कराई। तब मुझे नहीं पता था कि स्टिंग हो रहा है। मुझे धोखे में रखा गया।

बहरहाल,सीबीआई नोटिस के बाद भाजपा व कांग्रेस में हलचल बढ़ गयी है। अगर सीबीआई की जांच सही दिशा में आगे बढ़ी तो स्टिंग के उद्देश्य और खरीद फरोख्त से जुड़े कई मामलों से पर्दा उठेगा।

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