केंद्र-राज्य सरकार को 25 जून तक जवाब दाखिल करने को कहा
अविकल उत्त्तराखण्ड
नैनीताल। उच्च न्यायालय ने चमोली के रैणी गांव में आई आपदा को लेकर दायर जनहित याचिका पर आज सुनवाई करते हुए राज्य और केंद्र सरकार से 25 जून तक जवाब पेश करने को कहा है।

अल्मोड़ा के अधिवक्ता पीसी तिवारी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि रैणी क्षेत्र में सात फरवरी को आई आपदा में बिजली कंपनियों और सरकार की लापरवाही के कारण कई लोग मारे गए तथा कई परिवार उजड़ गए। घटनास्थल पर अर्ली अलार्मिंग सिस्टम नहीं लगा था। अलार्मिंग सिस्टम होता तो कई लोगों की जान बच सकती थी।
याचिकाकर्ता का कहना है कि यह क्षेत्र संवेदनशील और प्रतिबंधित क्षेत्र है। यहां नन्दा देवी बायोस्फियर क्षेत्र भी घोषित है, फिर सरकार ने यहां पर जल विद्युत परियोजना बनाने की अनुमति क्यों दी गयी है। जनहित याचिका में सरकार व कम्पनी के खिलाफ गैर इरातन हत्या का मुकदमा दर्ज कर पीड़ितों को मुआवजा दिलाने की मांग की गई है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने सोमवार को याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य और केंद्र सरकार से 25 जून तक जवाब पेश करने को कहा है।
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