विरासत- ललित कला अकादमी में कला प्रदर्शनी राम चित्रायण शुरू

डॉ. मनीषा बाजपेयी की कला प्रदर्शनी रामचित्रायण  का उद्घाटन विख्यात कलाकार धर्मेंद्र राठौड़ एवं पद्मश्री से सम्मानित विजेंद्र शर्मा ने किया। दिल्ली के ललित कला अकादमी में कला प्रदर्शनी 10 अक्टूबर तक खुली रहेगी

अविकल उत्तराखंड

  नई दिल्ली।   डॉ. मनीषा बाजपेयी की कला प्रदर्शनी रामचित्रायण ललित कला अकादमी में शुरू हो गयी है। कला प्रदर्शनी का उद्घाटन विख्यात कलाकार धर्मेंद्र राठौड़ एवं पद्मश्री से सम्मानित विजेंद्र शर्मा ने किया। कला प्रदर्शनी 10 अक्टूबर तक खुली रहेगी।

ललित कला अकादमी की अध्यक्ष उमा नंदूरी ने कहा कि इस कला प्रदर्शनी से नई पीढ़ी को देश की सांस्कृतिक विरासत को समझने में बहुत मदद मिलेगी।

प्रसिद्ध कलाकार धर्मेंद्र राठौड़ व पद्मश्री विजेंद्र शर्मा ने बेहतरीन प्रस्तुति के लिए डॉ मनीषा को बधाई दी।

    महाकाव्य पर आधारित इस 108 चित्रों की श्रृंखला (एक्रिलिक/कैनवास) में रामायण का सम्पूर्ण कथानक दर्शाया गया है । हर पेंटिंग के साथ रामचरितमानस की संबंधित चौपाइयाँ हिन्दी सरलार्थ एवं अंग्रेजी अनुवाद के साथ प्रस्तुत की गयी है ।

    डॉ. मनीषा, जो कि अपनी कला का प्रदर्शन देश-विदेश में अनेक स्थानों पर कर चुकी हैं, की इस प्रदर्शनी में यह विशेषता यह है कि सम्पूर्ण श्रृंखला को एक पुस्तक का स्वरूप भी दिया गया है जिसे दर्शक अपने साथ ले जा सकते है । रामचित्रायण नामक इस पुस्तक का विमोचन भी उद्‍घाटन समारोह में ही होगा ।

    ‘सिया एवं राम का मेरे कैनवास पर अवतरण ही मेरे लिए वरदान स्वरूप था जिस पर सुधी कला-प्रेमियों द्वारा उत्साहवर्द्धन के फलस्वरूप रामचित्रायण का पुस्तक रूप मेरे लिए सोने पर सुहागा हो गया,’ डॉ मनीषा कहती हैं । उनके पति राज कुमार बाजपेयी, जो कि भारत सरकार में एक अधिकारी है, भी पुस्तक के सम्पादन में सम्मिलित रहे ।

    एक प्रशिक्षित न्यूरोवैज्ञानिक  डॉ मनीषा के लिए कलाकार बनना एक स्वत: प्रेरणा की यात्रा रही है जिसमें उन्होंने ‘हर कलाकार से कुछ-न-कुछ सीखा है ।’ वे कहती हैं, ‘संघर्षों के बावजूद जीवन सुन्दर है- मैं अपनी कला के माध्यम से यही संदेश देना चाहती हूँ ।’

    श्रीकान्त पाण्डे द्वारा संग्रहीत प्रदर्शनी रामचित्रायण दर्शकों के लिए 10 अक्टूबर तक शनिवार-रविवार सहित सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक खुली रहेगी ।

Dr Manisha Bajpai’s solo show Ramchitrayan opened to a warm response on Monday attended by a number of artists and art-lovers of the city.

‘Combining art with our cultural heritage is an excellent idea; veritably the need of the hour especially for the younger generation!’ Said eminent artist Dharmendra Rathore who inaugurated the biggest art solo show at Lalit Kala Akademi.

‘The works have added a new dimension to story-telling so far never seen in the Indian art scene.’ Said the famous artist Vijender Sharma at the simple yet resplendent ceremony.

Lalit Kala Akademi Chairman Uma Nanduri felt it will go a long way in promoting our cultural heritage especially amongst the new generation.

The show that will be go on till,10th October will be open on the weekend too, from 11AM to 7PM.

There will be a unique event every evening of the show including talks on the epic by Ramayana scholars, quiz on the epic, video shows etc.

The show depicts the storyline of the epic in 108 paintings (acrylic/on canvas), created by Dehradun-based artist Dr Manisha, each accompanied by the verses of Ramcharitmanas and their plain Hindi and English versions.

Dr Manisha has compiled the images of all the images and the accompanying verses and published it in a book called Ramchitrayan. The book was also released at the same ceremony.

डॉ मनीषा वाजपेयी

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