डॉ गीता खन्ना, अध्यक्ष, उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग का आलेख
युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी महिला सशक्तिकरण के साथ साथ प्रदेश के नौनिहालों के विकास व मजबूती के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं। महिलाओं व नौनिहालों के प्रति उनका स्नेह एवं चिंता उनकी कार्यशली में साफ नजर आती है।
कक्षा 10 एवं 12 में सुन्दर प्रदर्शन करने वाले बच्चो में आधुनिक टैबलेट्स का वितरण, मिड डे मील से में गुणवत्ता की स्थापना, सरकारी विद्यालयों में संसाधनों तथा वैज्ञानिक गतिविधियों के लिए लैब्स की स्थापना हर क्षेत्र में उनकी भागीदारी अनुकरणीय है ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। सीएम द्वारा द्वारा इस क्षेत्र में ना केवल भारत सरकार की योजनाओं को बड़ी कुशलता और प्रभावी ढंग से धरातल पर क्रियान्वित करवाया गया अपितु राज्य सरकार की ओर से भी कई नवीन और कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की गई।
चाहे वह सुरक्षित प्रसव एवं पूर्ण टीकाकरण को प्रोत्साहित करती भारत सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना हो या फिर देश में पहली बार कुपोषण के मुद्दे को मुख्यधारा में लाते हुए शुरू किया गया पोषण अभियान ।
बात चाहे समाज में बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करते हुए उसको उत्सव के रूप में मनाने उनको समाज में शैक्षिक, सामाजिक रूप से बराबरी का दर्जा दिलाने के लिये शुरू की गई प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की हो या परिवार, समुदाय, कार्यस्थल या समाज मे किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिला को एक ही छत के नीचे चिकित्सकीय, मनोसामाजिक परामर्श, कानूनी सहायता प्रदान करने वाली संवेदनशील वन स्टॉप सेंटर योजना हो । इन सब को श्रेष्ठ ढंग से क्रियान्वित करने वाले राज्यों में उत्तराखंड देश के शीर्ष राज्यों की सूची में स्थान बनाये हुए हैं।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सरकार के संसाधनों से भी कई अनोखी और महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की गई हैं। मातृ और कन्या शिशु के पोषण को ध्यान में रखकर आरम्भ की गई मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना हो या केंद्र सरकार की पोषण योजना को बल देती हुई गर्भवती धात्री माताओं के पोषण को सुनिश्चित करने वाली मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना।
बच्चों में कैल्शियम की कमी ना हो इसके लिए आंगनवाडी कद्रों के बच्चों को सप्ताह में 4 दिन दूध देने के लिए आरम्भ की गई मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना और आंगनवाड़ी केंद के बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल पलाश योजना राज्य सरकार द्वारा आरम्भ की गई ऐसी ही महत्वपूर्ण योजनाएं हैं।
किशोरियों और महिलाओं में माहवारी के विषय पर झिझक तोड़ने और उनके लिए आंगनवाडी केंद्रों के माध्यम से बेहद सस्ती दरों पर सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराने की स्पर्श सेनेटरी नैपकिन योजना भी ऐसी ही एक महत्वपूर्ण योजना है। कोविड काल परिवार के कमाऊ सदस्य की मृत्यु के बाद उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे उनकी पढ़ाई और पोषण में कोई बाधा ना आने पाए इसके लिए भी श्री धामी जी द्वारा मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की शुरुआत की गई है।
बाल अधिकारों के क्षेत्र में अपनी सूझबूझ और तकनीकी ज्ञान के महत्त्व को समायोजित करते हुए बाल रोग चिकित्सक को नामित कर एक नई परिपाटी शुरू की है। कोविड काल में बच्चों में टीकाकरण एवं पौष्टिक आहार को लेकर जो भी समस्याएँ हुई थी उन सभी को विभागीय स्तर पर आपने लीक से हटकर समाधान दिए हैं । जुवेनाइल जस्टिस एक्ट बाल देखरेख और संरक्षण, स्वराज पोर्टल बाल श्रम और बाल तस्करी का उन्मूलन एवं बच्चो में नशामुक्ति को लेकर विभिन्न सभी स्तरों पर कार्यशालाओं का आयोजन किया गया ।
इन सभी मुद्दों से जुड़ें कार्यों के लिए विशेष अभियान चलाकर समाज में जागरूकता एवं संवेदनशीलता को प्राथमिकता दी है वोटबैंक की राजनीति को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने प्रदेश के नौनिहालों को सर्वाच्च प्राथमिकता प्रधान की हैं पोक्सो के अंतर्गत आर्थिक सहायता पोक्सो कोर्ट में में शीघ्र निस्तारण ।
बाल श्रम उन्मूलन तथा अन्य सभी राष्ट्रीय कार्यक्रम में उत्तराखण्ड ने सर्वोच्च प्रदर्शन किया है । मादक पदार्थों के सेवन को रोकने के लिए 80 से अधिक दवा की दुकान का डिजिटलाइजेशन और कैमरे लग चुके है।
विद्यालयों के आसपास अवांछित दुकानें को हटाया गया है और साथ ही मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए दवा की दुकानों पर कैमरों द्वारा भी नजर रखी जा रही है हर थाने में एक बाल मित्र पुलिस अधिकारी की नियुक्ति सुनिश्चित कर बच्चों के लिए एक भय मुक्त चाइल्ड फ्रेंडली स्टेट की तरफ हम तेजी से अग्रसर हो रहे हैं ।
Pls clik – Birthday पर सीएम धामी ने क्या संकल्प लिए
विजिलेंस के ढांचे का पुनर्गठन जल्द व सही समय पर लोकायुक्त का गठन करेंगे
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