मारपीट प्रकरण के बाद एमबीबीएस छात्र टू-व्हीलर वाहन नहीं रख सकेंगे

-बिना वार्डन को सूचित किये बगैर छात्रों को बाहर जाने की अनुमति देने वाले सुरक्षा गार्ड के निलम्बन की संस्तुति

-सुरक्षा की दृष्टि से टू-व्हीलर ना रखने का दिया है अभिभावक व छात्र ने शपथ पत्र

-मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने छात्रों से हुई देर रात्रि हुई मारपीट की घटना के बाद लिया निर्णय

-रात 9.30 बजे बाद हास्टल से बाहर जाना हास्टल गाइडलाइंस अनुशासन के विरुद्ध

अविकल उत्तराखण्ड

श्रीनगर। राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने बुधवार की देर रात एमबीबीएस छात्रों के साथ हुई मारपीट की घटना पर कड़ा एक्शन लिया है। कॉलेज प्रशासन ने बैठक कर निर्णय लिया गया कि छात्रों की सुरक्षा के मध्येनजर एमबीबीएस का कोई भी छात्र टू-व्हीलर नहीं रखेगा।

इस संदर्भ में एडमिशन के दौरान छात्र व अभिभावकों द्वारा शपथ पत्र दिये भी गये थे, जिस पर तत्काल कार्यवाही की संस्तुति की गई। यहीं नहीं, देर रात्रि हॉस्टलसे बाहर रहने वाले छात्रों को हास्टल व कक्षाओं से तीन माह निलम्बन की संस्तुति का निर्णय लिया गया। एमबीबीएस छात्रों के लिए हॉस्टलों में जो-जो नियम है, उन पर तत्काल प्रभाव से पालन कराने के निर्देश संबंधी चीफ वार्डन एवं वार्डनों, सुरक्षा कर्मियों को दिये गये।

विदित है कि विगत रात्रि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्रों के साथ श्रीनगर घसिया महादेव के पास स्थानीय युवकों ने हमला कर दिया था। जिससे एमबीबीएस के एक छात्र पर धारदार हथियार से वार होने से छात्र घायल हो गया था।

उक्त घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत के निर्देशन में प्रभारी प्राचार्य डा. निरंजन कुमार गुंजन ने मेडिकल कॉलेज में चीफ वार्डन, वार्डन एवं सुरक्षा कर्मियों के साथ बैठक आहूत की गई। जिसमें निर्णय लिया गया कि हॉस्टल की टाइमिंग के अनुसार बिना वार्डन को सूचित किये बगैर सुरक्षा गार्ड द्वारा छात्रों को बाहर जाने दिया, जिस सुरक्षा कर्मी द्वारा यह लापरवाही बरती गई, उसके खिलाफ कॉलेज प्रशासन ने निलम्बन की संस्तुति की गई।

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत जी ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के दौरान एवं एडमिशन होने के बाद छात्र-छात्रों को पूरी गाइडलाइन का बराबर बताया गया है, इसके बाद भी कोई छात्र यदि देर रात्रि हॉस्टलों से बाहर जाते है, तो ऐसे छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए मेडिकल कॉलेज के नियमों को छात्रों को अमल करना होगा। इसके लिए अभिभावकों व छात्र से शपथ पत्र भी लिया गया है।

सभी छात्र छात्राओं, इन्टर्न व जूनियर/ सीनियर रेजिडेंट चिकित्सको द्वारा विवरणिका में हॉस्टल गाइडलाइंस का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाना है। अब प्रत्येक असिस्टेंट वार्डन, वार्डन व चीफ वार्डन को सतत् मानिटरिग के सख्त निर्देश सुनिश्चित करने को कहा गया है। किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

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