23 दिसंबर को प्रभारी कुलसचिव समेत 24 चिकित्सकों का अटैचमेंट खत्म करने के हो चुके हैं आदेश. 19 चिकित्सक मूल विभाग में लौटे. पांच अभी भी जमे है विवि में
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। इसे कहते हैं -दिल है कि मानता नहीं…उत्तराखण्ड आयुर्वेद विवि में शासन के आदेश के बाद प्रभारी कुलसचिव डॉ राजेश अधाना समेत 24 चिकित्सकों के अटैचमेंट खत्म होने के बाद कुलपति प्रो सुनील जोशी ने बीते दस दिन में दूसरी बार सीएम से गुहार लगाई है।
विवि के तीनों परिसरों की सशर्त मान्यता बनाये रखने व पठन पाठन बाधित होने का हवाला देकर अटैचमेंट बनाये रखने का अनुरोध किया गया है।
पूर्व में भी कुलपति ने 24 दिसंबर को सीएम, मंत्री व शासन को पत्र लिख यही अनुरोध किया था। लेकिन शासन ने सभी चिकित्सकों को तुरंत मूल तैनाती स्थल पर भेजे जाने के आदेश दिए थे। इनमें 19 चिकित्सक रिलीव भी हो गए। लेकिन डॉ अधाना समेत 5 चिकित्सक आयुर्वेद विवि में ही बने हुए हैं।
यही नहीं , कुछ दिन पूर्व कुलसचिव ने विवि में वाक इन इंटरव्यू के जरिये सफल अभ्यर्थियों की सूची भी जारी की गई। जबकि शासन अपने आदेश में कुलसचिव को तुरंत मूल विभाग में भेजे जाने के आदेश होते रहे।
कुलसचिव ने मीडिया से कहा भी कि कुलपति के अवकाश पर होने के कारण वे विवि नहीं छोड़ सकते। बहरहाल, 5 जनवरी को कुलपति प्रो सुनील जोशी ने विवि से जुड़े मामलों को लेकर सीएम को लिखे पत्र में अटैचमेंट बनाये रखने का अनुरोध किया है।
पत्र में लिखा है कि- विश्वविद्यालय के तीनों परिसरों (ऋषिकुल एवं गुरुकुल परिसर, हरिद्वार तथा आयुर्वेद संकाय, मुख्य परिसर, देहरादून) की NCISM के अन्तर्गत शैक्षणिक सत्र 2022-23 की सशर्त मान्यता को बनाये रखने के लिए सम्बद्ध चिकित्साधिकारियों की सम्बद्धता यथावत रखे जाने का अनुरोध किया गया था,
परन्तु शासन के 23 दिसम्बर 2022 के क्रम में 19 सम्बद्ध चिकित्साधिकारी बिना कार्यमुक्त हुए विश्वविद्यालय से चले गये है, जिस कारण शैक्षणिक सत्र 2022-23 की भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, (NCISM) नई दिल्ली द्वारा प्रदान की गयी सशर्त मान्यता खतरे में पड गयी है साथ ही बीच सत्र में छात्र-छात्राओं का अध्यापन कार्य भी प्रभावित हो रहा है।
कुलपति के इस एक और पत्र के बाद सीएम धामी व शासन का रुख क्या रहता है, इस पर सभी की विशेष नजरें रहेंगी।