बिग ब्रेकिंग- सोशल साइट्स व मीडिया में बयान देने पर लगी रोक,देखें आदेश

शिक्षा विभाग में स्थानांतरण अधिनियम की धारा 7 (घ) (दो) में आंशिक छूट दी, देखें आदेश

कार्यालय आदेश
उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश संख्या: 1 / 120994 / 2023/XXX (2)/ E-33080, कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग-2 दिनांक 10 मई, 2023 के प्रस्तर-4 के अनुसार निम्नलिखित कार्यवाही की जानी है:-
(4) स्थानान्तरण अधिनियम की धारा – 7 (घ) से आच्छादित कार्मिकों को दुर्गम में स्थानान्तरण से छूट होने के कारण कतिपय कार्मिकों की सुगम क्षेत्र के एक ही कार्यालय में वर्षों से कार्यरत होने की स्थितियां उत्पन्न हो रही है। अतः निर्णय लिया गया है कि स्थानान्तरण अधिनियम की धारा 7 (घ) (दो) में उल्लिखित श्रेणी से आच्छादित कार्मिकों को सुगम के एक कार्यालय/जनपद में चार वर्ष पूर्ण होने के उपरान्त सुगम के दूसरे निकटवर्ती कार्यालय / जनपद जहां पद रिक्त हो, स्थानान्तरित किया जा सकेगा। पद रिक्त न होने की दशा में उक्त श्रेणी के दो कार्मिकों को पारस्परिक रूप से स्थानान्तरित किया जा सकता है।
संज्ञान में आया है कि कतिपय शिक्षक (प्रवक्ता, स.अ. एल.टी., स.अ. प्रारम्भिक ) व कार्मिक विभिन्न संस्थानों में कई वर्षों से कार्यरत हैं, किन्तु उनके नाम पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं है, के दृष्टिगत निर्णय लिया गया है कि कोई भी शिक्षक कार्मिक, जो विभिन्न संस्थानों (यथा सीमैट, एस.सी.ई.आर.टी. बोर्ड कार्यालय, डायट आदि) में 04 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत हैं, उन्हें अनिवार्यतः स्थानान्तरित किया जायेगा, किन्तु ऐसे स्थानान्तरित शिक्षक को किसी भी दशा में एस.सी.ई.आर.टी. व डायट में पदस्थापित नहीं किया जायेगा। साथ ही यदि ऐसे शिक्षक पात्रता सूची में सम्मिलित होने से छूटे हों तो उन्हें तत्काल पात्रता सूची में सम्मिलित कर उक्तानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
(बंशीधर तिवारी) महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड
कार्यालय आदेश
प्रायः यह देखा जा रहा है कि विद्यालयी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत कार्यरत अधिकारी-शिक्षक-कार्मिकों के साथ ही विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि सोशल साइट्स व दैनिक समाचार पत्रों में कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन करते हुये विभाग के विरूद्ध बयानबाजी कर रहे हैं, जिससे विभाग की छवि धूमिल होती है।
उक्त प्रवृत्ति को रोकने के दृष्टिगत तत्काल प्रभाव से विद्यालयी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत कार्यरत अधिकारी – शिक्षक कार्मिकों साथ ही विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों को सोशल साइट्स व दैनिक समाचार पत्रों में बयान देने पर रोक लगाई जाती है। यदि किसी विभागीय कार्मिक – शिक्षक या संगठन के प्रतिनिधि को अपनी बात रखनी है तो वह सक्षम स्तर पर विभागीय अधिकारी के सम्मुख अपनी बात रखेंगे।
विद्यालयी शिक्षा विभाग की ओर से दैनिक सामाचार पत्रों में महानिदेशक व निदेशक स्तर के अधिकारी ही अपना वक्तव्य देंगे। यदि किसी अन्य अधिकारी- कार्मिक-शिक्षक तथा संगठन के प्रतिनिधि द्वारा विभाग के विरूद्ध बयान दिया तो सम्बन्धित के विरूद्ध कर्मचारी आचरण नियमावली के अनुसार कार्यवाही सम्पादित की जायेगी।
महानिदेशक
(बंशीधर तिवारी) विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड

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