सचिव दिलीप जावलकर के आदेश पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने आभार जताया
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। वित्त विभाग के आज 10 मार्च को जारी शासनादेश के तहत राज्य सरकार के कार्मिक तीन माह के भीतर पदोन्नति/वित्तीय स्तरोन्नयन स्वीकृत आदेश में वेतन निर्धारण हेतु तिथि विकल्प चुन सकते हैं। सचिव दिलीप जावलकर की ओर से जारी आदेश पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने खुशी जतायी है।

दिलीप जावलकर, सचिव, उत्तराखण्ड शासन ।
सेवा में,
समस्त अपर मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन । 2. समस्त प्रमुख सचिव / सचिव / सचिव (प्रभारी).
उत्तराखण्ड शासन ।
वित्त (वे०आ० – सा०नि०) अनुभाग-7
मार्च देहरादून: दिनांक: 10 फरवरी 2023
विषय:- पदोन्नति / वित्तीय स्तरोन्नयन पर मूल नियम-22-बी के अन्तर्गत वेतन निर्धारण के लिए तिथि विकल्प की व्यवस्था में शिथिलता प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में।
महोदय,
उपर्युक्त विषयक “उत्तराखण्ड सरकारी सेवक वेतन नियम, 2016” के क्रम में शासनादेश संख्या – 11/XXVII (7) 50 ( 16 ) /2016 दिनांक 07 फरवरी, 2018 निर्गत किया गया है, जिसके प्रस्तर-2 में उल्लिखित है कि सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के सन्दर्भ में राज्य कर्मचारियों के वेतन, भत्ते आदि के लिए गठित वेतन समिति की संस्तुतियों पर दिनांक 01-01-2016 से लागू पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स में सरकारी सेवक को प्रोन्नति अथवा ए०सी०पी० / एम०ए०सी०पी० अथवा समयमान / चयन वेतनमान की व्यवस्थानुसार वित्तीय स्तरोन्नयन प्राप्त होने पर सम्बन्धित सेवक को शासनादेश संख्या- जी-2-854/ दस-333 / 86 दिनांक 17 सितम्बर, 1988 एवं मूल नियम – 23 (1) के अन्तर्गत प्रोन्नति की तिथि अथवा अगली वेतन वृद्धि की तिथि को मूल नियम – 22 – बी (1) एवं 22 (ए) (1) के अनुसार वेतन निर्धारण कराने का विकल्प यथावत उपलब्ध रहेगा।
2.
भारत सरकार द्वारा अपने कार्यालय ज्ञाप संख्या-4-21 / 2017-आईसी / ई – IHए दिनांक
28 नवम्बर, 2019 के माध्यम से ऐसे कर्मचारी, जिन्हें 01-01-2016 को या इसके बाद नियमित
पदोन्नति दी गई है अथवा वित्तीय उन्नयन दिया गया है और जो मूल नियम 22 (1) (क) (1) के
तहत वेतन निर्धारण का विकल्प चयन / पुनः चयन करना चाहते हैं, उन्हें इसके तहत विकल्प चयन या पुनः चयन का अवसर दिया गया है। पुनः सरकारी सेवकों को वेतन निर्धारण हेतु विकल्प प्रयोग करने के लिए जो समय सीमा निर्धारित की थी उसमें छूट देने हेतु पुनर्विचार करते हुए अपने कार्यालय ज्ञाप संख्या-4-21 / 2017- आईसी / ई-IH (ऐ) दिनांक 15 अप्रैल, 2021 से सरकारी सेवकों को विकल्प का प्रयोग / पुनः प्रयोग 03 माह के भीतर करने का एक और अवसर प्रदान किया है।
भारत सरकार द्वारा जारी आदेश के कम में शासन स्तर पर सम्यक विचारोपरान्त लिये गये निर्णय के क्रम में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि सभी सरकारी सेवकों को जिन्हें 01-01-2016 को या इसके बाद नियमित पदोन्नति दी गयी है अथवा वित्तीय स्तरोन्नयन (ए.सी. पी./एम.ए.सी.पी.) दिया गया है और जो मूल नियम 22-बी (1) एवं 22 (1) (1) के तहत वेतन निर्धारण का विकला चयन / पनः चयन करना चाहते हैं उन्हें शासनादेश दिनांक 12 सितम्बर /2023988 में प्राविधानित व्यवस्था के अन्तर्गत इस आदेश के जारी होने की तिथि से 03 माह के भीतर वेतन निर्धारण के लिए विकल्प के प्रयोग / पुनः प्रयोग का एक और अवसर प्रदान किये जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं।
भविष्य में किसी भी परिस्थिति में विकल्प के प्रयोग हेतु तारीख बढ़ाने या शर्तों में छूट देने सम्बन्धी किसी भी अनुरोध पर विचार नहीं किया जायेगा।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखण्ड के प्रान्तीय प्रवक्ता आर पी जोशी ने बताया, कि परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पाण्डे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने 30 जनवरी 2023 को मुख्य सचिव महोदय से मुलाकात कर राज्य कार्मिकों हेतु उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश (संख्या 880085 /xxvii(7)E/43634/2022/वित्त (वे0आ0सा0नि0) अनुभाग-7 देहरादून दिनांक 3 जनवरी 2023 ) के द्वारा पदोन्नति/वित्तीय स्तरोन्नयन स्वीकृत आदेश में वेतन निर्धारण हेतु तिथि विकल्प चुनने हेतु मात्र एक माह का समय दिए जाने का विरोध किया था ।
साथ ही मांग की गई थी, कि जिस प्रकार भारत सरकार/उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने कार्मिकों को दिनांक 01.01.2016 को या इसके बाद नियमित पदोन्नति/वित्तीय स्तरोन्नयन पर जो कि मूल नियम 22(1)क(1) के तहत विकल्प चुनने या पुनः चुनने हेतु वर्णित शासनादेशों के अनुरुप तीन माह का समय प्रदान किया जा रहा है, ठीक उसी प्रकार उत्तराखण्ड शासन भी अपने शासनादेश में परिवर्तन कर उक्त अवधि को तीन माह करे, ताकि इसका लाभ सही ढंग से कार्मिकों को प्राप्त हो सके ।
जोशी द्वारा अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड शासन द्वारा परिषद की उक्त मांग को पूर्ण करते हुए वित्त विभाग द्वारा आज शासनादेश (105274(1)/XXVII(7)/E-42831/2022 दिनांक 10 मार्च 2023 ) जारी कर दिया गया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि राज्य सरकार के कार्मिक इस आदेश के जारी होने से तीन माह के भीतर वेतन निर्धारण हेतु विकल्प का प्रयोग/पुनः प्रयोग कर सकते हैं ।
परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पाण्डे द्वारा समस्त राज्य कर्मचारियों की ओर से उक्त शासनादेश के जारी होने पर उत्तराखण्ड सरकार एवं शासन का आभार प्रकट किया एवं आशा जताई की निकट भविष्य में भी सरकार एवं शासन की ओर से इसी प्रकार कार्मिक हितों से सम्बन्धित निर्णय लिए जाते रहेंगे ।
(आर पी जोशी)
प्रदेश प्रवक्ता

