एम्स की सिटी स्कैन मशीन खराब.घायल का सीटी स्कैन कब होगा
घायल किशोर के परिजनों ने पीएम को लिखे पत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की खोली पोल
31 जुलाई को पौड़ी में घायल अर्पित सिंह एम्स ऋषिकेश में है भर्ती
अविकल उत्तराखण्ड
पौड़ी। हाल ही में देहरादून में राष्ट्रीय स्तरीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर में बड़े बड़े दावे किए गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री , अधिकारी व राज्यों के विभागीय मंत्रियों की मौजूदगी में स्वास्थ्य के ढाँचे को मजबूत करने का जोर शोर से संकल्प लिया गया। हेल्थ के रोडमैप बनाने के दावे किए गए।
मध्य जुलाई में दून के एक भव्य होटल में हुए राष्ट्रीय स्तरीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर के 15 दिन केअंदर मूलभूत सुविधाओं के परखच्चे उड़ाने वाली एक खबर पौड़ी से सामने आई।
लापरवाही में लाइसेंसी बंदूक से गोली चलने से हुए घायल किशोर का एम्स ऋषिकेश में 24 घण्टे बाद भी सीटी स्कैन नहीं हो सका। 31 जुलाई की रात को पौड़ी से रेफर किये गए घायल अर्पित सिंह को ऋषिकेश के एम्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया।
लेकिन कई दिन से सीटी स्कैन मशीन खराब होने की वजह से घायल के परिजनों को निजी अस्पताल में CT SCAN करने की सलाह दी गयी। नाजुक हालत में अर्पित सिंह को स्थानीय प्राइवेट अस्पताल पनेशिया ले जाया गया। लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने नाजुक हालत को देखते हुए CT SCAN करने से मना कर दिया। और निजी अस्पताल ने अपने यहां भर्ती करने की सलाह दी।
बहरहाल, घायल अर्पित सिंह एम्स के ICU में भर्ती है। और समाचार लिखे जाने तक CT SCAN नहीं हो पाया था। अस्पताल प्रबंधन से जुड़े सूत्रों ने स्वीकार किया कि CT SCAN मशीन खराब है।
एम्स के जनसंपर्क विभाग के अधिकारी हरीश थपलियाल को लिखित में पक्ष जानने के लिए whatsapp मैसेज भी भेजा। लेकिन 1 घण्टे बाद भी कोई जवाब नहीं आया।
एम्स जैसे केंद्रीय संस्थान में CT SCAN मशीन खराब होना और गोली से घायल किशोर को उचित इलाज नहीं मिलने पर अर्पित के परिजनों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख पूरी कहानी कही है।
पौड़ी से मात्र 30 किमी दूर श्रीनगर मेडिकल कालेज में रेफर करने के बजाय 130 किमी दूर ऋषिकेश रेफर करने पर भी परिजनों ने सवाल उठाए हैं।
खबर वॉयरल होने के बाद एम्स की निदेशक डॉ मीनू सिंह का बयान
The patient does not need CT scan at the moment. Has been managed with other forms of imaging
Director Meenu Singh
अर्पित सिंह के परिजनों ने पीएम को लिखी अपनी पीड़ा
सेवा में,
आदरणीय प्रधानमंत्री जी
भारत सरकार
महोदय नमस्कार ,
मेरा नाम आयुशी सिंह है मेरा भाई अर्पित सिंह पुत्र श्री सुनील सिंह उम्र 15 वर्ष निवासी चोपड़ा ,पौड़ी है जिसको दिनांक 31/7/2023 को दोपहर 3 बजे के आसपास पिताजी की लाइसेंस बंदूक़ चलाने से गोली लग गयी उसको तुरंत पौड़ी ज़िला अस्पताल ले ज़ाया गया। जहाँ उसका थोड़ी देर इलाज के उपरांत श्रीनगर मेडिकल कालेज जो की 30 km है की बजाये AIIMS ऋषिकेश जो कि 130 km है ,रेफर कर दिया गया। ( ये दर्शाता है श्रीनगर मेडिकल कालेज की स्तिथि ) , रात्रि क़रीब 8.15 AIIMS trauma center ऋषिकेश पहुँचे , जहाँ भर्ती के बाद प्राथमिक उपचार के दौरान डॉक्टर ने बताया कि मरीज़ का तत्काल CT-SCAN होना है।
फिर उन्होंने बताया कि AIIMS ऋषिकेश के CT-SCAN कुछ समय से ख़राब हैं तो बाहर से होगा । और फिर वहाँ मौजूद कन्सल्टंट ने एक निजी अस्पताल( Panacea Hospital, पनेशिया ) में बात की और AIIMS के नर्सिंग स्टाफ़ के साथ एम्बुलेंस से मरीज़ को भेज दिया । पनेशिया ( Panacea Hospital) हस्पताल देहरादून रोड ऋषिकेश पहुँचे जहाँ मौजूद स्टाफ़ ने एक नाज़ुक हालात मरीज़ का CT-SCAN करने से मना कर दिया।
और कहा पहले MLC रिपोर्ट दें जो कि मानवता के आधार पर सरासर ग़लत है , AIIMS स्टाफ़ द्वारा बार विनम्र आग्रह के बावजूद पनेशिया अस्पताल वाले नहीं माने उन्होंने कहा अगर CT करना है तो मरीज़ को हमारे यहाँ भर्ती कीजिए , हार मानकर मरीज़ को वापस AIIMS लाना पड़ा , सुबह मरीज़ का अल्ट्रसाउंड व एक्सरे से इलाज करना पड़ रहा है , उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्तर के AIIMS की CT-SCAN का ख़राब होना बेहद पीड़ादायक और दुःखद है। गम्भीर हालात के मरीज़ निजी हस्पतालों की कठपुतली बन रहे हैं और निजी हस्पताल अपनी मनमानी चला रहे हैं और पहाड़ के मरीज़ों को मानसिक व बड़ा आर्थिक नुक़सान हो रहा है ।
सादर
आयुशी सिंह सुपुत्री श्री सुनील सिंह , निवासी पी.ओ चोपड़ा , पौड़ी , पौड़ी गढ़वाल
E-Mail – ayushisingh78@gmail.com
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