प्रत्येक अधिकारी को मसूरी चिंतन शिविर की एक सप्ताह में देनी होगी रिपोर्ट: मुख्य सचिव

मसूरी के चिंतन शिविर में अचानक पहुँचे सीएम.

देखें, अधिकारियों ने अपने विभाग की बेहतरी का खाका कैसे खींचा.

नैनीताल जिले के डीएम धीराज गबर्याल द्वारा क्लस्टर बेस्ड कृषि प्रयासों व रुद्रप्रयाग में स्टेट ऑफ आर्ट होमस्टे की सराहना

मसूरी में चल रहे चिंतन शिविर के दौरान अचानक पहुँचे मुख्यमंत्री, सभागार में श्रोता की तरह बैठकर सुनने लगे विचार

सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन शिविर के दूसरे दिन कृषि-बागवानी, डेयरी विकास-फिशरीज, पर्यटन सेक्टर्स पर हुआ मंथन

अविकल उत्तराखण्ड

मसूरी । लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में चल रहे चिंतन शिविर के दूसरे दिन बुधवार को कृषि-बागवानी, पर्यटन, वन आदि विषयों पर मंथन किया गया। इस दौरान मुख्य सचिव एसएस संधू ने सभी अधिकारियों से कहा कि तीन दिन तक चलने वाले इस मंथन शिविर की प्रत्येक को एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देनी होगी। उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर में होने वाला ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन की असली चिंतन शिविर है। उन्होंने कहा कि इस शिविर में जो भी नए एवं इन्नोवेटिव विचार सामने आ रहे हैं उन पर हमें व्यापक विचार करना होगा।

Every officer will have to give report of Mussoorie Chintan Shivir in a week: Chief Secretary Dr S S Sandhu

इसके उपरांत सर्वप्रथम सचिव कृषि बीवीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा अर्थव्यवस्था एवं रोजगार के अंतर्गत कृषि एवं बागवानी के अलावा एनिमल हसबेंडरी, डेयरी विकास एवं मत्स्य पालन पर प्रस्तुतिकरण पेश किया गया। इस दौरान उनके द्वारा बताया गया कि आज हमें कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में रिफार्म लाने की जरूरत है। पर्वतीय जिलों में बीज की गुणवत्ता सुधार की जरूरत है। पर्वतीय क्षेत्रों में जमीन की सेहत सुधार पर भी जोर दिया गया।

आर्गेनिक के क्षेत्र को और आगे ले जाने पर जोर देते हुए बताया कि इससे कम से 50 हजार कृषकों को लाभ पहुँचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में हमें रिसोर्स, टेक्नोलॉजी एवं इनोवेशन पर ध्यान देना होगा। साथ ही यह भी बताया कि वर्तमान में इस क्षेत्र में कई विभाग काम कर रहे हैं, इसके लिए हमको सबको साथ लाने का प्रयास करना होगा।

सचिव कृषि बीवीआरसी पुरुषोत्तम

अलग-अलग विभागों की ओर से होने वाले जीओ के बजाय हमको कॉम्प्रीहेनशिव जीओ लाने होंगे। इसके अलावा क्लस्टर फार्मिंग पर जोर देने के साथ ही लैंड रिफार्म दोबारा किये जाने पर बल दिया गया। इससे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में मदद मिलेगी। यह भी बताया कि अगले पांच वर्षों में 5 फलों के क्षेत्र में 5 सेंटर फार एक्सेलेन्स बनाने का लक्ष्य है। इस दौरान रुद्रप्रयाग में स्टेट ऑफ आर्ट होमस्टे के अलावा नैनीताल जनपद में जिलाधिकारी धीराज गबर्याल द्वारा क्लस्टर बेस्ड कृषि प्रयासों की विशेष सराहना की गई।


प्रस्तुतिकरण में जोर दिया गया कि लाइवस्टॉक में सुधार के लिए हमें बाहर से भी इन्हें लेना चाहिए और बद्री गाय को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए। ऐसा करके रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा 13 जिलों में गोट वैली विकसित किये जाने पर बल दिया गया। इस अवसर पर बिसन जी द्वारा सक्सेस स्टोरीज पर प्रस्तुतिकरण(पीएम गतिशक्ति) दिया गया।

…और जब श्रोता के रूप में पहुँचे मुख्यमंत्री

-मसूरी में चल रहे चिंतन शिविर के दौरान अचानक पहुँचे मुख्यमंत्री, सभागार में श्रोता की तरह बैठकर सुनने लगे विचार

देहरादून। मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में चल रहे चिंतन शिविर के आज के समापन सत्र में देर सायं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अचानक सरदार पटेल भवन सभागार में पहुँचे और अन्य अधिकारियों के मध्य बैठकर एक श्रोता के रूप में विचारों को सुनने लगे। मुख्यमंत्री ने इस दौरान बेहद गंभीरता के साथ प्रस्तुतिकरण को देखने के साथ ही अधिकारियों के विचारों और सुझावों को सुना।

चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए किए जा रहे प्रयास

-सशक्त उत्तराखंड@चिंतन शिविर में स्वास्थ्य विषय पर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार द्वारा दिया गया प्रस्तुतिकरण

सशक्त उत्तराखंड@चिंतन शिविर के आज के समापन सत्र में स्वास्थ्य विषय पर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया।
उन्होंने बताया कि राज्य में चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ की कमी बनी हुई है जिसे दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों को और अधिक वेतन दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा पीपीपी मॉडल को अपनाया गया है ताकि मानव संसाधन को बढ़ाया जा सके। वहीं, मानव संसाधन प्रबंधन के लिहाज से बताया गया कि अभी विभाग के पास कोई ट्रांसफर पालिसी नहीं है जिसकी वजह से समस्या आ रही है। अगर इस क्षेत्र में पीपीपी मॉडल से भर्ती करते हैं तो इस समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।

स्वास्थ्य सचिव द्वारा बताया गया कि विभाग द्वारा विशेष रूप से डेडिकेटेड हाई एल्टीट्यूड सिस्टम बनाया जा रहा है। यह ऐसी टीम होगी जिससे यात्रा के दौरान मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी। वहीं, चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में निजी सेक्टर को आकर्षित करने की जरूरत है।

पेयजल पर वृहद स्तर पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता

पेयजल सचिव नितेश कुमार झा

-सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन शिविर में पेयजल सचिव नितेश कुमार झा ने नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेन्ट पर दिया प्रेजेंटेशन

सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन शिविर में पेयजल सचिव नितेश कुमार झा ने नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेन्ट पर अपना प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि अभी राज्य में देहरादून और हरिद्वार दो ऐसे जनपद हैं जहां पानी की सर्वाधिक आवश्यकता है। जिसे दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।


उन्होंने बताया कि समूचे राज्य में हमें पेयजल को लेकर वृहद स्तर पर जागरूकता फैलाने की जरूरत है। इसके लिए आने वाले दिनों में ग्राम सभाओं का स्थापना दिवस मनाने की तैयारी की जा रही है। इसके पीछे मंतव्य यही है कि इस दिवस पर ऐसे सक्षम लोग वहां पहुँचे जो स्थानीय नाले, खालों और तालाबों को गोद ले सकें। इसके अतिरिक्त वृहद पौधरोपण किया जाए ताकि जल संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि जो पेयजल ज्यादा खर्च करते हैं उनके बीच स्कूली बच्चों के माध्यम से जागरूकता लाई जाए।


वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने वाली यूनिटों को सब्सिडी दिए जाने पर भी विचार किया जा रहा है। इस बात पर बल दिया गया कि एक वाटर ऑपरेटिव बोर्ड बनाया जाए जिसमें इनसे संबंधित विभागों को शामिल किया जाए ताकि योजनाओं में एकरूपता आ सकेगी। सचिव पेयजल ने ग्लेशियर से निकलने वाली पिंडर जैसी नदी से कोसी, गोमती जैसी सूख रही नदियों को पुनर्जीवित करने की बात कही। इसके लिए पिंडर के पानी को चैनल कर कोसी, सरयू, गोमती आदि तक पहुँचाया जाए। ऐसा देश में पहली बार करने पर विचार किया जा रहा है

इस दौरान बताया गया कि जल्द वाटर बॉटलिंग प्लांट की नीति भी लाने की तैयारी की जा रही है। वहीं, पानी की जांच स्वतः कराने पर बिल में छूट देने के प्रावधान पर भी कार्य किया जा रहे हैं। इससे हम पानी की गुणवत्ता पर फोकस कर सकेंगे। प्रस्तुतिकरण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पौड़ी निवासी सचिदानंद भारती की सक्सेस स्टोरी दिखाने के साथ ही टुंडा चौरा गांव अल्मोड़ा में कैसे वहां स्थानीय निवासियों ने सारे नाले धारों को रिचार्ज करने का काम किया इस पर भी प्रस्तुतिकरण दिया गया।

सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन शिविर के द्वितीय सत्र के समापन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सभी अधिकारियों ने चर्चा भी की। इस अवसर पर मुख्य सचिव एसएस संधू ने मुख्यमंत्री को बताया कि इन दिनों में काफी बेहतर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि चर्चा का सेशन आधा घंटा था लेकिन चर्चाएं एक से डेढ़ घंटे तक खिंची। साथ ही मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि जिस तरह से चिंतन शिविर हो रहा है उसी तर्ज पर प्रत्येक माह दो से तीन विभागों के साथ चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चिंतन शिविर में जितने भी विचार आए हैं उन्हें धरातल पर उतारा जाए और इन्हें कैबिनेट में लाया जाए।

मसूरी चिंतन शिविर की झलकियां

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