राज्यपाल की मंजूरी के बाद उत्तराखण्ड में नकल विरोधी कानून लागू

सरकार ने हाईकोर्ट का हवाला दिया और भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच से किया इनकार

पटवारी भर्ती घोटाले की एसआईटी जांच को हाई कोर्ट के जज की निगरानी में कराएगी

पुलिस बर्बरता के विरोध में कांग्रेस लगातार 7 दिनों तक करेगी प्रदर्शन- करन मेहरा

आयुक्त गढ़वाल सुशील कुमार करेंगे पथराव व लाठीचार्ज की मजिस्ट्रियल जांच

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। राज्यपाल की मंजूरी के बाद उत्तराखण्ड में नकल विरोधी कानून लागू हो गया है। सरकार ने शुक्रवार की देर रात इस फैसले की जानकारी दी। सीएम ने आभार जताया।

दूसरी ओर, युवाओं पर लाठीचार्ज व गिरफ्तारी के बाद शासन ने बेरोजगार संघ की सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए कई बिंदुओं पर निर्णय लिए। हालांकि, हाईकोर्ट का हवाला देकर बेरोजगारों की सीबीआई जांच की मांग नहीं मानी गयी। कहा गया कि जांच सही दिशा में हो रही है।

शुक्रवार की देर रात लिए गए निर्णयों की सूची जारी करते हुए कहा गया कि मांगे मानने के बाद अब आंदोलन करने का कोई औचित्य नहीं है। गौरतलब है कि बेरोजगार संघ भर्ती घोटाले की सीबीआई जॉच की मांग पर अड़ा हुआ है।

देखें फैसले

1-राज्य सरकार पटवारी भर्ती घोटाले की एसआईटी जांच को हाई कोर्ट के जज की निगरानी में कराएगी।

2-सीबीआई जांच की मांग को उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा अस्वीकार किया जा चुका है। हाई कोर्ट पहले ही यह अवधारित कर चुका है कि जांच सही हो रही है इसलिए प्रकरण की सीबीआई नहीं करायी गई।

3-आंदोलनरत युवाओं की एक मांग पटवारी भर्ती में प्रश्नपत्र बदले जाने की थी। लोक सेवा आयोग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि 12 फरवरी को होने जा रही पटवारी परीक्षा के प्रश्न पत्र नए सिरे से तैयार किए गए हैं।

4-सख़्त नकल विरोधी अध्यादेश को मंजूरी प्रदान की जा चुकी है।

5- राज्य लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक को हटा दिया गया है।

तमाम मांगों पर कार्यवाही किए जाने से आंदोलन जारी रखने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है।

राज्यपाल की मंजूरी के बाद नकल विरोधी कानून लागू

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही ये अध्यादेश प्रदेश में लागू हो गया है।

उत्तराखण्ड प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता एवं शुचिता को सुनिश्चित करने के लिए दिनांक 09 फरवरी, 2023 को उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा अनुमोदन प्रदान करते हुए माननीय राज्यपाल की मंजूरी के लिए अग्रसारित किया था। इस अध्यादेश में दोषियों के विरूद्ध सख्त प्रावधान किए गए हैं।

यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान इत्यादि अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा तथा दस करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

यदि कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए तीन वर्ष के कारावास व न्यूनतम पांच लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि वह परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पुनः दोषी पाया जाता है तो न्यूनतम दस वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

यदि कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष के लिए डिबार करने तथा दोषसिद्ध ठहराए जाने की दशा में दस वर्ष के लिए समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमशः पांच से दस वर्ष के लिए तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है।

अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित सम्पति की कुर्की की जायेगी।

इस अधिनियम के अन्तर्गत अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं अशमनीय होगा।

इसके अलावा, 8 फरवरी को गांधी पार्क में धरने के दौरान की घटना और 9 फरवरी को देहरादून में बेरोज़गार संघ द्वारा आयोजित धरने के दौरान हुए पथराव की वजह से क़ानून व्यवस्था की विषम परिस्थिति उत्पन्न हो गई थी।
मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में क़ानून व्यवस्था की उत्पन्न विषम परिस्थिति तथा पथराव एवं लाठी चार्ज के पूरे घटना क्रम की विस्तृत मजिस्ट्रीयल जाँच हेतु आयुक्त गढ़वाल मण्डल सुशील कुमार को जाँच अधिकारी नामित किया गया है।

कांग्रेस पार्टी ने पुलिस बर्बरता के विरोध में बीजेपी का पुतला फूंका और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री करन माहरा के नेतृत्व में यह एलान कर दिया है कि उत्तराखंड को नौजवान को अकेले नहीं छोड़ेगी कांग्रेस चाहे कितना भी कांग्रेसियों पर कर लो प्रहार।

सुजाता पॉल, प्रवक्ता एवं उपाध्यक्ष ने कहा कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जी को सड़क पर आना पड़ रहा है तो भाजपा की संस्कृति और संस्कार दुनिया के सामने आए हैं। मुखिया राज्य का होता है परंतु भाजपा सरकार का मुखिया भाजपा का मुख्यमंत्री बन कर रह गया है। इसी कारण से न विपक्ष से और न ही एक पूर्व मुख्यमंत्री जैसे वरिष्ठ नेता से बात करने की हिम्मत नही रह गई सरकार में। लोकतंत्र की हत्या का ये एक और प्रमाण है।
अब केवल यही मांग है कि

  1. #पुष्करधामीइस्तीफा_दो
  2. DGP Ashok Kumar बरखास्त हो।
  3. Bobby Pawar और गिरफ्तार युवाओं को रिहा करो।
  4. युवाओं पर मुकदमें वापस करो।
  5. घायल बच्चों की जानकारी साझा करो।
पूर्व सीएम हरीश रावत की धरने के दौरान तबियत बिगड़ी

पुलिस बर्बरता के विरोध में कांग्रेस लगातार 7 दिनों तक करेगी प्रदर्शन- करन मेहरा

सूबे में लगातार हो रहे भर्ती घोटालों एवं बेरोजगारों के साथ हुई बर्बरता के मद्धेनजर आज प्रदेश काग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। पत्रकारवार्ता को उत्तराखण्ड कंाग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा एवं उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापडी ने सयुक्त रूप से सम्बोधित किया।


माहरा ने कहा कि भाजपा सरकार प्रदेश में भ्रष्टचार का पर्याय बन चुकी है। अपने कुछ चहेते सफेदपौशों को बचाने के लिए राज्य सरकार किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है,इसीलिए इतने व्यापक स्तर पर परीक्षाओं में गड़बड़ियों के बावजूद सीबीआई जांच नही कराई जा रही। माहरा ने कहा कि पहले दिन से जबसे युकेएसएससी घोटाला सामने आया है तब से लेकर आज तक कंाग्रेस पार्टी सिर्फ और सिर्फ सीबाआई जांच हाईकोर्ट के किसी सिटिंग जज की निगरानी में करवाने की मांग कर रही हैं। माहरा ने युवाओं पर पुलिस प्रशासन के द्वारा की गयी बर्बरता की कठौर शब्दों में निंदा की।

माहरा ने कहा कि प्रदेश में विगत दिवस जो घटना घटी वह कोई एक दिन का उबाल नही था, राज्य सरकार ने प्रदेश के युवाओं को अनसुना कर उन्हें सडकों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया। लगातार हो रहे भर्ती घोटालों और घोटालों में भाजपा के जिम्मेदार पदाधिकारियों की संल्पितता के कारण यह आक्रोश युवाओं में देखने को मिला। प्रदेश के बेरोजगार युवा कोई बहुत बडी मांग सरकार से नही कर रहे हैं। बल्कि भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच और पहले जांच फिर परीक्षा करवाए जाने को लेकर अडिग हैं। सरकार अपनी ऐजेन्सी से जांच करवा रही है, जानबूझ कर केस को कमजोर किया जा रहा है और वही हुआ है जिसकी विपक्ष को आंशका थी, अपराधियों को लगातार जमानत मिल रही है।


माहरा ने कहा कि पूर्व अध्यक्ष एस राजू की गिरफ्तारी तो दूर जाॅच व पूछताछ तक नही की जा रही है। लोक सेवा आयोग द्वारा कराई गयी परीक्षाएॅ जब लीक हुयी तो बेरोजगारों को घोर निराशा हाथ लगी, अतिगोपन विभाग के तीन में दो अधिकारी षंडयन्त्र में शामिल पाये गये जिससे युवाओं का शक और पुख्ता हो गया कि बाकी की परीक्षाओं में भ्रष्टाचार हुआ होगा और उनके भी लीक होने के पूरी संभावना है इसीलिए युवा अपनी जायज मांग के लिए सड़कों पर उतरे की पहले जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी किया जाए, एक साफ-सुथरी व्यवस्था एक सुरक्षित परीक्षा तंत्र प्रदेश के युवाओं को विश्वास दिलाने के लिए बनाया जाए उसके बाद ही परीक्षाएं कराई जाए। परंतु इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे प्रदेश के कोने-कोने से बीते रोज बेरोजगार युवा सड़कों पर उतरे जिसे राज्य सरकार ने सही तरीके से हैंडल नहीं किया।


महारा ने कहा कि जब जब भाजपा आती है आखिर क्यों प्रदेश की जनता पर लाठियां भाजी जाती हैं ?क्यों मुख्यमंत्री युवाओं से सीधे वार्ता नहीं कर रहे ?म्हारा ने आरोप लगाया कि भाजपा संगठन से जुड़े युवा आंदोलन में सुनियोजित षड्यंत्र के तहत शामिल हुए जिन्होंने उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह के साथ अभद्रता की। सरकार को साफ करना चाहिए कि किसके इशारे पर लाठीचार्ज हुआ? महारा ने कहा के आज कांग्रेस के प्रदर्शन में भी पुलिस ने सिर्फ मुझपर बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश के वरिष्ठतम नेता हरीश रावत के साथ भी अभद्रता की।


उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी के साथ भी बल प्रयोग किया गया।
पुलिस प्रसाशन ने सारी हदें पार कर दीं जिससे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की तबीयत भी बिगड़ गई म्हारा ने कहा कि शासन प्रशासन की इस बर्बरता के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने निर्णय लिया है कि वह अगले 1 सप्ताह तक लगातार आंदोलन जारी रखेंगे।


मेहरा ने कहा कि कल पुनः प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता एक बार फिर पुलिस मुख्यालय कूच करेंगे।
महारा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि जिन युवाओं को गिरफ्तार किया गया है उन पर से अपराधिक मुकदमे हटाए जाएं ,व उनकी जायज मांगों को माना जाए।


मेहरा ने कहा कि पुलिस की अभद्रता के चलते और बल प्रयोग की वजह से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की तबीयत बिगड़ी है जिसकी वजह से उन्हें एंबुलेंस मैं ले जाना पड़ा इसके विरोध में कांग्रेस पार्टी अगले 7 दिनों तक पुलिस मुख्यालय रोज कुछ करेगी यदि फिर भी हमारी मांगे नहीं मानी गई तो उससे आगे की रणनीति तय करने के बाद घोषित की जाएगी। महारा ने जानकारी देते हुए बताया कि आज पूरे प्रदेश में सभी संगठनात्मक जनपदों में प्रदेश सरकार के खिलाफ पुतला दहन कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया है।


उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा के उनके द्वारा विधानसभा में साक्ष्यों के साथ पेपर लीक मामले को उठाया गया मगर सरकार ने मामले में कोई गंभीरता नहीं दिखाई। सरकार पूरे मामले में लीपापोती करती आ रही है, लोक सेवा आयोग में भी जो परीक्षाएं कराई जा रही हैं उनमें घपले होने की आशंका के चलते पहले ही राज्य सरकार को आगाह कर दिया था मगर सरकार फिर भी नहीं चेती इसका परिणाम सब ने देखा कि किस तरह से पटवारी लेखपाल और एई/जेई की परीक्षाएं भी थोड़े ही समय में लीक हो गई ।


प्रदेश सरकार युवाओं के आक्रोश को भांप नहीं पा रही है। युवा हजारों की तादाद में सड़कों पर उतरे मगर सरकार ने बातचीत से हल निकालने के बजाय उन पर लाठियां भाजी राज्य सरकार का सूचना तंत्र भी फेल हो गया ।लाठियों से पीट-पीटकर युवाओं को गंभीर धाराओं में मुकदमे तक लगा दिए गए जोकि अत्यंत निंदनीय है। सरकार युवाओं का उत्पीड़न बंद करें नहीं तो हम न्याय मिलने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

पत्रकार वार्ता के दौरान उपाध्यक्ष संगठन मथुरा दत्त जोशी ,मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट,पंकज छेत्री एवं संदीप चमोली उपस्थित रहे।

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