जोशीमठ आपदा- केंद्रीय तकनीकी व वैज्ञानिक संस्थान अपनी स्टडी रिपोर्ट तय समय सीमा में देंगे

भारत सरकार के स्तर पर केन्द्र के तकनीकी संस्थान जोशीमठ आपदाग्रस्त क्षेत्र की अध्ययन रिपोर्ट तय की गयी टाइम लाइन में उपलब्ध कराएंगे

जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज 540 एल.पी.एम से घटकर 123 एल.पी.एम हुआ

टी.सी.पी. तिराहा जोशीमठ के पास उद्यान विभाग की भूमि को मॉडल प्री-फैब्रिकेटेड हट बनाये जाने हेतु चिन्हित किया गया

अविकल उत्तराखण्ड

जोशीमठ/देहरादून। केन्द्र के तकनीकी व वैज्ञानिक संस्थान जोशीमठ आपदाग्रस्त क्षेत्र की अध्ययन रिपोर्ट एक समय सीमा के अंदर उपलब्ध कराएंगे। आपदा सचिव डॉ रंजीत सिन्हा ने मंगलवार को मीडिया को यह जानकारी दी। जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 6 जनवरी 2023 को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 123 एल.पी.एम. रह गया है।

सीबीआरआई के 10 वैज्ञानिकों की टीम को तीन सप्ताह

एनजीआरआई के 10 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट दो सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट तीन सप्ताह

वाडिया संस्थान के 07 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट दो सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट दो माह

जीएसआई के सात वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट दो सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट दो माह

सीजीडब्ल्यूबी के 04 वैज्ञानिकों की टीम को प्रारम्भिक रिपोर्ट एक सप्ताह तथा अन्तिम रिपोर्ट तीन सप्ताह

आईआईआरएस को एक सप्ताह में प्रारम्भिक रिपोर्ट तथा तीन माह में अन्तिम रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि टी.सी.पी. तिराहा जोशीमठ के पास उद्यान विभाग की भूमि को मॉडल प्री-फैब्रिकेटेड हट बनाये जाने हेतु चिन्हित किया गया है। जे.पी. के 15 भवनों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें तोड़ने का कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है।


सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2190 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 849 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। सर्वेक्षण का कार्य गतिमान है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 167 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 250 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 838 है।

सचिव आपदा डॉ रंजीत सिन्हा

सचिव आपदा प्रबन्धन डा रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से विस्थापन हेतु अग्रिम के रूप 207 प्रभावित परिवारों को 3.10 करोड़ रूपये की धनराशि वितरित कर दी गयी है।


प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे।

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