हाईकोर्ट के स्टे के बाद मार्च में रिन्यूअल नहीं हो सकेंगी शराब की दुकानें

शराब की दुकानों के रिन्यूअल/लाटरी में कम समय दिए जाने पर हाईकोर्ट ने कहा , शासन दो हफ्ते में जवाब दे

हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करेगा आबकारी विभाग

अविकल उत्तराखण्ड

नैनीताल/देहरादून। उत्तराखण्ड में शराब की दुकानों के रिन्यूअल व लॉटरी में कम समय दिए जाने के मसले पर हाईकोर्ट ने आवंटन प्रक्रिया को स्टे करते हुए शासन को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

आबकारी विभाग की नयी शराब नीति की घोषणा के बाद 31 मार्च तक शराब ठेके आवंटन की प्रक्रिया को फाइनल किया जाना था। इस बार बढ़े हुए आबकारी राजस्व के साथ शौकीनों को थोड़ा सस्ती शराब मिलनी तय मानी जा रही थी।

इस बीच, शराब की दुकानों के रिन्यूअल व लाटरी प्रक्रिया के कुछ बिंदुओं से असहमत कारोबारियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

लिहाजा, बुधवार को उत्तराखंड सरकार की नई शराब नीति को लेकर  दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने
नये वित्तीय वर्ष  के लिये शराब की दुकानों के आवंटन पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्तों में जवाब दाखिल करने के निर्देश भी दिए हैं।


उधर, आबकारी सचिव हरिचंद सेमवाल ने कहा कि अदालत से शराब पॉलिसी पर किसी भी प्रकार की कोई रोक नहीं लगाई है। शराब की दुकानों के आवंटन के समय को लेकर हाईकोर्ट ने जो निर्देश जारी किए हैं उस सन्दर्भ में विभाग  हाईकोर्ट में अपना जवाब पेश करेगा।

गौरतलब है कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद नयी पालिसी के तहत 1 अप्रैल से शराब ठेके नये सिरे से संचालित किये जाने थे। जबकि शराब के ठेकेदार आवंटन प्रक्रिया में ठेका रिन्यू की दी गई समय सीमा को कम बता रहे थे। 


आज हूई सुनवाई में कोर्ट ने आबकारी विभाग से सवाल किया कि सिर्फ 1 दिन में दुकानों की लॉटरी कैसे फाइनल हो सकती है। इसके अलावा बिना  मिनिमम गारंटी ड्यूटी नोटिफाई किये टेंडर कैसे काल किया जा सकता है। दरअसल, राज्य सरकार ने 2023-24 के लिये 25 मार्च को विज्ञप्ति जारी कर शराब की दुकानों के लिये टेंडर मांगे थे। इसके विरोध में विकास चंद्र समेत अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी ।

उल्लेखनीय है कि आबकारी विभाग ने 29 मार्च को शराब ठेकों के रिन्यूअल की अंतिम डेट रखी ।  साथ ही  31 मार्च को शराब की दुकानों की लॉटरी की  तारीख घोषित कर दी है। लेकिन आबकारी विभाग के शराब के ब्रांड के स्लैब घोषित नहीं होने से भी शराब कारोबारी कोटे के रिन्यूअल पर भी असमंजस में दिखे।  हालांकि, कोर्ट में मामला पहुंचने पर विभाग ने शराब के ब्रांड के स्लैब जारी कर दिए।

इस बीच, यह भी खबर है कि शासन शराब कारीबरियों को सात दिन का समय और दे सकता है। 

अधिवक्ता संदीप कोठारी


हाईकोर्ट के अधिवक्ता संदीप कोठारी ने बताया कि शराब ठेकों को लेकर हाईकोर्ट में  दो याचिका दायर की गई थी। दायर याचिका में कहा गया कि लॉटरी को लेकर सिर्फ 1 दिन का समय दिया गया है। इसे लेकर सरकार से समय मांगा गया जिस पर सरकार की तरफ से समय बढ़ाने के लिए कोई सहमति नहीं दी गई। इसी को देखते हुए न्यायालय ने इस सेटलमेंट पर स्टे लिया है।

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