उत्तरकाशी मनरेगा घपला- सरकारी सेवक, लैब टेक्नीशियन व दुकानदार के बने फर्जी जॉब कार्ड , किया गोलमाल

उप प्रधान सुधा देवी ने डीएम को दिया शिकायती पत्र,2014-19 के बीच बने फर्जी जॉब कार्ड

देहरादून,मुंबई,गुजरात में बसे गांव के लोगों का भी बना दिया जॉब कार्ड

उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ विकास खंड की जोगत मल्ला ग्राम पंचायत में हुई अनियमितता

अविकल उत्त्तराखण्ड/हरीश थपलियाल

उत्तरकाशी। 
उत्तरकाशी जिले के अधिकांश पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत फर्जी जॉब कार्ड बना लाखों का घोटाला किया गया। सूचना के जन अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक फर्जी जॉब कार्ड बनाये जाने की भी पुष्टि हो चुकी है। 2014 से 2019 के बीच सरकारी सेवकों, भूस्वामियों और दुकानदारों के जॉब कार्ड बनाकर मजदूर बना दिया है।

Manrega uttarkashi scam

इधर, एक बार फिर उप प्रधान सुधा देवी ने  डीएम मयूर दीक्षित को लिखित शिकायती पत्र सौंपा है। डीएम ने उन्हें उच्च स्तरीय जांच का भरोसा दिया है।


जिले के चिन्यालीसौड़ विकासखंड के दिचली पट्टी के अंतर्गत जोगत मल्ला पंचायत में ऐसे दर्जनों लोगों के नाम सामने आये हैं जो कहीं सरकारी सेवा में है, या अन्य प्रदेशों में कोई दूसरी नौकरी कर रहे हैं।  जबकि जोगत मल्ला में मनरेगा के तहत मजदूरी करने वाले ग्रामीणों को आजतक मज़दूरी नही मिल पाई है। जबकि अपात्रों का जॉब कार्ड बनाकर उन्हें मजदूरी दी गई।

उप प्रधान सुधा देवी ने बताया कि पूर्व प्रधान प्रमिला देवी व प्रधान पति मुरारी लाल  ने जीआइसी कोटधार गमरी में महेंद्र पुत्र पीताम्बर लैब टेक्नीशियन, अमरीष पुत्र सचिदानंद लैब टेक्नीशियन जीआईसी जोगत, प्रवीन पुत्र ललिता प्रसाद विकास नगर में लैब टेक्नीशियन के पद पर नियुक्त लोगों को भी मनरेगा में मजदूर बनाया  है।

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यहीं नही देहरादून,मुंबई,गुजरात में वर्षों से निवासरत जोगत मल्ला के लोगों का जाब कार्ड की सूची में नाम दर्ज है।जिनमें गांव के दयानंद,इंद्रा देवी,अंजना देवी आदि हैं ऐसे सैकड़ों लोगों का नाम जोगत मल्ला पंचायत में दर्ज है। यह तो बानगी है। कमोबेश हर  पंचायत में फर्जी जॉब कार्ड बनाए गए हैं। सवाल यह कि जब इन लोगों ने जाब कार्ड के लिए आवेदन ही नहीं दिया तो कार्ड बना कैसे।

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ग्रामीण हरीश जगूड़ी,प्रवेश जगूड़ी,कैलाश जगूड़ी का कहना है कि पूर्व प्रधान प्रमिला देवी व प्रधानपति मुरारी लाल जगूड़ी ने मनरेगा में करीब 50 लाख से अधिक धनराशि को अपात्रों को देकर सरकारी धन का दुरूपयोग किया है। जबकि 9 लाख रुपये मनरेगा मजदूरों का अभी तक बकाया है।

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इतना ही नही, उन्होंने प्रधानपति पर आरोप लगाया कि वे ग्राम प्रधान प्रमिला देवी के हस्ताक्षर स्वयं करते थे। जबकि ग्राम प्रधान के परिवार का एक सदस्य  विकासखंड चिन्यालीसौड़ में रोजगार सेवक के पद पर है। इन पर भी ग्रामीणों द्वारा आरोप लगाया गया है कि इनकी ही मिलीभगत से अपात्रों के खातों में धनराशि ट्रांसफर की गई है।

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इस पूरे मामले पर चिन्यालीसौड़ के विकास खंड अधिकारी श्रुति वत्स ने बताया कि जोगत मल्ला से मनरेगा में हुई गड़बड़ी संबंधी शिकायती पत्र प्राप्त नही हुआ है। पत्र प्राप्ति के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी। जबकि शिकायतकर्ता कैलाश जगूड़ी बता रहे हैं कि मनरेगा में हुई गड़बड़ी का आरटीआई में भी खुलासा हो चुका है लेकिन जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है, यही कारण है कि अभी जांच नही हो पाई।  जांच को क्यों रोका गया इसलिए ग्रामीणों ने डीएम मयूर दीक्षित को पुनः शिकायती पत्र सौंपा है।

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