मेयर गामा की प्रॉपर्टी और क्रिकेट कोच के ‘डर्टी गेम’ से सियासत गरमाई

क्रिकेट के ‘अश्लील खेल’ में कई बड़े होंगे क्लीन बोल्ड

उत्तराखण्ड में एक नहीं सैकड़ों हैं ‘गामा पहलवान’

चाऊमीन की ठेली व पान के खोखे से करोड़ों के खेल तक पहुंचे मेयर गामा

क्रिकेट की कोचिंग ले रही लड़कियों ने कोच के उत्पीड़न के खिलाफ खोला मोर्चा

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। बीते कुछ दिनों से क्रिकेट के खेल में ‘खेल’ और देहरादून की मेयर की कई गुना हुई सम्पत्ति को लेकर उत्तराखण्ड का राजनीतिक तापमान चरम पर है।

पहला वाकया क्रिकेट की कोचिंग लेने देहरादून आयी नाबालिग लड़कियों के उत्पीड़न से जुड़ा है। नाबालिग से गन्दी बात का ऑडियो वॉयरल होने के बाद क्रिकेट कोच नरेंद्र शाह जहर खाने के बाद पुलिस की निगरानी में दून अस्पताल में भर्ती हैं। पीड़ित लड़की के पिता के पुलिस में दर्ज कराए बयान के बाद कोच पर कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हो चुका है।

गौरतलब है कि नरेंद्र शाह भारतीय महिला क्रिकेट टीम में शामिल स्नेह राणा को भी क्रिकेट की कोचिंग दे चुका है।

इसके अलावा क्रिकेट की कोचिंग ले रही दो अन्य लड़कियों ने भी दून पुलिस में कोच के आपत्तिजनक व्यवहार को लेकर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

इस सनसनीखेज मामले में यह बात भी सामने आयी है कि कोच नरेंद्र शाह ने कोचिंग ले रही कुछ खिलाड़ियों को दो उच्चस्तरीय वरिष्ठ पदाधिकारियों से सम्बन्ध बनाने का दबाव डाला।

पीड़ित लड़कियों के बयान से यह बात भी सामने आई है कि कोच नरेंद्र शाह कोचिंग के बाद गर्ल्स हॉस्टल में घुस कर छेड़खानी करता था। और क्रिकेट टीम में शामिल नहीं करने व करियर बर्बाद करने की धमकी देता था।

वॉयरल ऑडियो में भी कोच शाह कोचिंग ले रही खिलाड़ी से काफी अश्लील बात कर रहा है। साथ ही बात रिकॉर्ड होने की बात सुन गाली गलौज पर भी उतर आया। पीड़ित लड़की के पिता थाने में बयान दर्ज करवा चुके हैं। इस मामले के जोर पकड़ने के बाद मानसिक और शारीरिक तौर पर बीमार हुई नाबालिग पीड़िता अपने गांव जा चुकी है।

जहर खाने के बाद कोच नरेंद्र शाह दून अस्पताल में भर्ती है। कोच शाह icu में रहने के बाद अब observation ward में इलाज करवा रहा है। पुलिस शाह के बयान लेने की कोशिश में है। पोक्सो, एससी/एस टी समेत कई धाराओं में कोच के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। अस्पताल से छुट्टी मिलते ही कोच नरेंद्र शाह की तत्काल गिरफ्तारी होगी।

इस मामले की जांच सही दिशा में आगे बढ़ी तो क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े कुछ बड़े पदाधिकारी भी लपेटे में आएंगे। बहरहाल, सभी की निगाहें कोच की गिरफ्तारी पर टिकी है। पीड़ित पक्ष ने कई बातें पुलिस को बताई है।

इस बीच, इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस व उक्रांद कार्यकर्ताओं ने क्रिकेट  एसोसिएशन के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। क्रिकेट एसोसिएशन के दफ्तर में भी राजनीतिक दल प्रदर्शन कर विरोध जता चुके हैं। राज्य महिला आयोग ने भी मामले का संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बनाया हुआ है।

फिलहाल, उत्तराखण्ड क्रिकेट के इस ‘खेल’ में नामचीन शख्सियत के क्लीन बोल्ड होने की पूरी संभावना बन रही है । एसएसपी दिलीप कुंवर का कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

मेयर सुनील उनियाल गामा बन गए असली ‘गामा ‘

मेयर सुनील उनियाल गामा ने प्रेस कांफ्रेंस में दी सफाई

यूं तो राज्य बनने के बाद एक चप्पल और दो जोड़ी कपड़े लेकर उत्तराखंड ‘पधारे’ कई दल्ले दलाली के दम पर कई सौ करोड़ के मालिक बन गए। उत्तराखण्ड के कई नेता व अधिकारी भी सैकड़ों/ हजारों करोड़ के सिंहासन पर बैठे हुए है। बीते 22 साल में दोनों हाथों से उत्तराखंड को लूटने वाले इन नेताओं, अधिकारियों और दलालों पर आय से अधिक सम्पत्ति का मामला भी नहीं चला और न ही किसी बड़े व्यक्ति को कौई सजा ही हुई।

खैर…इन सभी करप्ट कुनबे से जुड़े लोगों को कुछ समय के लिए किनारे भी कर दिया जाय तो फिलवक्त देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा विशेष सुर्खियों में है। सूचना के जन अधिकार के तहत मिली सूचना के बाद अधिवक्ता विकेश नेगी ने
आरोप लगाया कि मेयर की संपति कई गुना बढ़ी। और बीते पांच साल में ढाई करोड़ से बढ़कर 20 करोड़ हो गयी।

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र काल में 2018 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते सुनील उनियाल गामा किसी समय पान का खोखा व चाऊमीन का ठेला लगाते थे। बी श्रेणी के ठेकेदार भी बने।

प्रॉपर्टी बढ़ने की खबर के फैलते ही कांग्रेस भी आरोपों का जखीरा लेकर मैदान में कूद पड़ी। बात जब और बढ़ी तो मेयर गामा ने स्वंय प्रेस कांफ्रेंस की। और कहा कि, उनके खिलाफ साजिश की गई है। ऐसे तत्वों के खिलाफ कानूनी जंग लड़ेंगे।

बहरहाल, गामा ने कहा कि पान के खोखे, चाउमीन की ठेली ,ठेकेदारी व जमीन की खरीद फरोख्त से यह प्रॉपर्टी बनाई है। इस पूरे मामले में एक तथ्य यह भी सामने आया है कि देहरादून नगर निगम में कुछ पत्रकारों की पत्नी को सुपरवाइजर के पद पर रखा हुआ था। और उन्हें घर बैठे 15 हजार रुपए वेतन जा रहा है। ऐसी एक सूची भी वॉयरल हुई है। यह मेयर के मीडिया मैनेजमेंट के तौर पर देखा जा रहा है।

चूंकि, नवंबर में निकाय चुनाव प्रस्तावित हैं। लिहाजा, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल मेयर की सम्पत्ति को लेकर भाजपा पर आरोपों की बौछार कर रहे हैं।

इस प्रकरण के बाद उत्तराखण्ड में एक और नयी बहस ने जन्म ले लिया है। लूट-खसोट के इस  22 साल पुराने खेल में कई गामा पहलवान गंगा पार कर गए। कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी व दलालों के गठजोड़ ने हजारों करोड़ का साम्राज्य फैला लिया है।

ईडी, सीबीआई, विजिलेंस ने ऐसे कितने करोड़ोपति दलालों को सींखचों के पीछे पहुंचाया, यह सवाल भी अब तेजी से सिर उठाने लगा है…

पत्रकारों के रिश्तेदारों को उपकृत करते मेयर गामा

Total Hits/users- 30,52,000

TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *