गोल्डन कार्ड के इलाज में अब आयुष पद्धति भी शामिल, देखें ताजा फैसला

चिकित्सा प्रतिपूर्ति में कार्मिकों या पेंशनर्स को मिली सुविधा

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के तहत गोल्डन कार्ड में अब आयुष पद्धति से इलाज हो सकेगा। आयुष पद्धति इलाज को भी सम्मिलित किए जाने का शासनादेश जारी कर दिया गया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने यह आदेश जारी किए।

अभी तक केवल एलोपैथिक पद्धति से उपचार को ही गोल्डन कार्ड में सम्मिलित किया गया था किंतु अब उक्त शासनादेश के उपरांत आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, नेचुरोपैथिक पद्धति से उपचार कराने वाले कार्मिक भी राज्य सरकार की गोल्डन कार्ड योजना के अंतर्गत लाभान्वित हो सकेंगे ।

राज्य सरकार स्वास्थ्य योजनाः शासन ने जारी किए नए निर्देश, आसान हुई प्रक्रिया

दूसरी ओर, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण प्रदेश के समस्त राजकीय कार्मिकों एवं पेंशनर्स को राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत चिकित्सकीय उपचार को प्रभावी बनाने को लेकर शासन ने नए निर्देश जारी किए हैं। चिकित्सा प्रतिपूर्ति में कार्मिकों या पेंशनर्स को किसी प्रकार की परेशानी न उठानी पडे, नई व्यवस्थाओं में इसका खास ध्यान रखा गया है।

नए निर्देशों के अनुसार चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावों के निस्तारण हेतु यह जरूरी है कि शासनादेश दिनांक 25.11.2021 के अनुरूप जारी अनिवार्यता प्रमाण पत्र में बिल बाउचर समेत सभी जानकारियों स्पष्ट रूप से भरी हों। चिकित्सक के साथ ही प्राधिकृत चिकित्सक या चिकित्सा अधिकारी के हस्ताक्षर उसमें होने चाहिए। अनिवार्यता प्रमाण पत्र में यदि किसी तरह का संशोधन हेतु ओवर राइटिंग होती है तो उसे प्राधिकृत या अधीक्षक से सत्पापित कराना होगा।


दावों में उपचार अवधि के बिल वाउचर मूल रूप से प्रस्तुत करने होंगे। सभी बिलों पर उपचार कर रहे चिकित्सक के हस्ताक्षर व मुहर जरूरी है। मरीज की मृत्यु की स्थिति में बिल वाउचर के साथ ही मृत्यु विवरण की कॉपी देनी होगी। दावों को उपचार समाप्ति के छह माह के भीतर प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है। निर्धारित अवधि के बाद वह कालातीत माने जाएंगे। दावों का भुगतान सीजीएचएस दरों पर नहीं हुआ तो इसके लिए प्रमाणितकर्ता अधिकारी जिम्मेदार होंगे। सही ढंग से प्रस्तुत दावों का भुगतान एक पखवाड़े के भीतर ऑनलाइन ही किया जाएगा।

राज्य स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत लाभार्थी के आश्रितों की आयुसीमा उत्तराखंड सेवा निवृति लाभ अधिनियम 2018 के अनुरूप होगी। कार्मिकों व पेंशनर्स के चिकित्सापूर्ति दावे सीधे प्रस्तुत नहीं होंगे बल्कि परीक्षण उनके मूल विभाग, प्रशासनिक विभाग के मुखिया की ओर से प्रतिहस्ताक्षरित कर प्रेषित किए जाएंगे। यदि किसी परिस्थति में कार्मिक पेंशनर या उसके आश्रित का गोल्डन कार्ड नहीं बन पाया है तो उनकी आईडी पर भुगतान किया जा सकेगा।
प्रतिपूर्ति दावों को पूर्ण कराए जाने का दायित्व संबंधित के मूल विभाग का होगा।
लाभार्थियों की शिकायतों के निस्तारण हेतु लोक शिकायत निवारण की व्यवस्था भी नए निर्देशों में की गई है।


राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडे ने बताया कि परिषद समय समय पर गोल्डन कार्ड की खामियों को सरकार व शासन के समक्ष उठाती रही है। परिणामस्वरूप राज्य कर्मियों को यह सौगात मिली है।


उत्तराखंड राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता आर पी जोशी ने शासन के फैसले पर हर्ष जताया है।

प्रेषक,
डॉ० आर० राजेश कुमार, सचिव,
उत्तराखण्ड शासन ।
सेवा में,
प्रमुख सचिव / सचिव / सचिव (प्रभारी).
उत्तराखण्ड शासन। 2. महानिदेशक,
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण,
उत्तराखण्ड देहरादून।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण,
उत्तराखण्ड देहरादून ।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा अनुभाग-3
देहरादून : दिनांक 31 मार्च, 2023 विषय- प्रदेश के समस्त राजकीय कार्मिकों एवं पेंशनर्स को राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (SGHS) के अन्तर्गत चिकित्सकीय उपचार को प्रभावी बनाये जाने के सम्बन्ध में। महोदय,
उपर्युक्त विषयक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश संख्या-1256/XXVIII (3) / 2021-04/2008 T.C. दिनांक 25 नवम्बर, 2021 के कम में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि प्रदेश के समस्त राजकीय कार्मिकों एवं पेंशनर्स को राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (SGHS ) के अन्तर्गत चिकित्सकीय उपचार को प्रभावी बनाये जाने हेतु शासन स्तर पर सम्यक विचारोपरान्त निम्नानुसार प्रावधानों को सम्मिलित किये जाने का निर्णय लिया गया है :-
आयुष पद्धति से उपचार की दशा में बीमारी / दवाओं (Diagnostic and Medicine) का परीक्षण CGHS दरों पर निदेशक, आयुर्वेद / होम्योपैथ / यूनानी / सिद्धा / नेचुरोपैथी से सत्यापन के उपरान्त उक्त शासनादेश दिनांक 25 नवम्बर, 2021 के प्रस्तर-12 के अनुसार लाथार्थी को प्रतिपूर्ति की जायेगी।
चिकित्सा प्रतिपूर्ति के दावों को सेवा के अधिकार अधिनियम, 2011 के अधीन सम्मिलित करते हुए चिकित्सा प्रतिपूर्ति के दावों का समयबद्ध रूप से निस्तारण किये जाने हेतु लाभार्थी से चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावे प्राप्त किये जाने / परीक्षण / भुगतान हेतु सम्बन्धित अधिकारी को संदर्भित किये जाने हेतु सभी स्तरों पर जैसे- कार्यालयाध्य क्ष / स्वीकृर्ता अधिकारी / प्रतिहस्ताक्षरकर्ता अधिकारी / आहरण वितरण अधिकारी / राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण, उत्तराखण्ड देहरादून द्वारा संलग्नक-1 में उल्लिखित समय सीमा के अनुसार अग्रेत्तर कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
समस्त प्रमुख सचिव / सचिव / सचिव (प्रभारी) उत्तराखण्ड शासन अपने अधीनस्थ समस्त विभागाध्यक्ष / कार्यालयाध्यक्ष / आहरण वितरण अधिकारी को महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तराखण्ड उक्त शासनादेश दिनांक 25.11.2021 के प्रस्तर-14 में दी गयी व्यवस्था के अनुसार ओ०पी०डी० आई०पी०डी० में परीक्षण / प्रतिहस्ताक्षर हेतु सम्बन्धित अधिकारियों
को संलग्नक – 1 के अनुसार समयान्तर्गत कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित करेंगे।
॥ विभागाध्यक्ष / कार्यालयाध्यक्ष / आहरण वितरण अधिकारी के स्तर पर बीजकों के परीक्षण हेतु प्रतिहस्ताक्षरत अधिकारी को संदर्भित किये जाने से पूर्व संलग्नक – 2 में उल्लिखित चेक लिस्ट के अनुसार प्रारूप का मिलान एवं आवश्यक अभिलेख / सक्षम स्वीकृतकर्ता अधिकारी स्तर से प्राप्त अनुमोदन की जांच की जायेगी और प्रक्रिया पूरी होने पर ही चिकित्सा प्रतिपूर्ति के दावे को अग्रेत्तर संदर्भित किये जायेंगे।
III. दरों का राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के स्तर पर पुनः परीक्षण नहीं किया जायेगा एवं निर्धारित समयावधि के अन्तर्गत दावों का भुगतान किया जायेगा।
IV. दावों का भुगतान CGHS के दरों के इतर होने की स्थिति में सम्बन्धित प्रमाणितकर्ता अधिकारी उत्तरदायी होगे।
V. इस हेतु सभी सम्बन्धित विभाग जहां चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावों का प्रतिहस्ताक्षर / परीक्षण / भुगतान इत्यादि की कार्यवाही की जानी है, को आगामी 15 दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से ऑनलाईन किया जाना सुनिश्चित किया जाय ।
ऐसे राजकीय कार्मिक / पेंशनर्स एवं उन पर आश्रित परिवार के सदस्य जो इस योजनान्तर्गत पात्र हैं तथा उनका उपचार के दौरान / क्लेम के समय मृत्यु होने की स्थिति में गोल्डन कार्ड नहीं बन पाया, ऐसे लाभार्थियों का भुगतान कार्मिक / पेंशनरों के आई0डी0 पर सुनिश्चित किया जायेगा।
राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के सम्बन्ध में लाभार्थियों की शिकायतों के समयबद्ध रूप से निस्तारण हेतु पृथक से सुविचारित लोक शिकायत निवारण की प्रक्रिया का निर्धारण किया जायेगा।
2- उक्त वर्णित शासनादेश दिनांक 25 नवम्बर 2021 को उक्त सीमा तक संशोधित समझा जाय।
भवदीय,
Signed by R. Rajesh Kumar Date: 31-03-2023 22:49:27
(डॉ० आर० राजेश कुमार)

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