उत्तराखण्ड की वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ नया आदेश जारी

वन विभाग के मुखिया की फिर से कुर्सी संभालते ही प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार ने आदेश जारी किया


मुख्य वन संरक्षक डॉ पराग धकाते वन भूमि पर हुये / हो रहे अतिक्रमणों को खाली कराये जाने की प्रतिदिन समीक्षा करेंगे

बीते दिनों कई अवैध मजारें ध्वस्त कर दी गईं

विकल उत्तराखण्ड

देहरादून। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर वन विभाग के हेड Hoff बने आईएफएस विनोद कुमार ने चार्ज लेते ही वन भूमि पर हुए अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए कवायद शुरू कर दी। सीएम धामी ने लैंड जेहाद के तहत वन भूमि पर बनी अवैध मजारों स्थापित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

इधर, बुधवार को हुए ताजे आदेश में धार्मिक व अन्य गतिविधियों के तहत वन भूमि में हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए डा० पराग मधुकर धकाते, मुख्य वन संरक्षक, वन पंचायत एवं सामुदायिक वानिकी को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

डॉ धकाते को यह जिम्मेदारी दी गयी है –

धार्मिक स्थलों / अन्य विभिन्न गतिविधियों की आड़ में वन भूमि के अतिक्रमण की सूचना एकत्रित की जायेगी।


वन भूमि पर हुये / हो रहे अतिक्रमणों को खाली कराये जाने की प्रतिदिन समीक्षा की जायेगी।


वन भूमि पर हुये / हो रहें अतिक्रमणों को खाली कराये जाने सम्बन्धी रिपोर्ट प्रमुख वन संरक्षक ( HOFF). उत्तराखण्ड के माध्यम से उत्तराखण्ड शासन को प्रेषित की जायेगी।


शासन स्तर पर वन क्षेत्र में अतिक्रमण सम्बन्धी बैठको में प्रतिभाग करते हुए वन विभाग का प्रतिनिधित्व किया जायेगा।

गौरतलब है कि बीते कुछ सालों में वन भूमि पर अतिक्रमण करिये हुए सैकड़ों मजारें बनाये जाने का मामला सामने आया। कार्बेट नेशनल पार्क में भी अवैध मजारें बना दी गयी।

अधिकतर मजारों की खुदाई में कोई अवशेष नहीं मिला। सीएम धामी ने भी ऐलानिया अंदाज में कहा कि लैंड जेहाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

संज्ञान में आया है कि राज्य के शहरी/ग्रामीण आबादी के आस-पास धार्मिक स्थलों / अन्य विभिन्न गतिविधियों की आड़ में बड़े पैमाने पर वन भूमि का अतिक्रमण हुआ है/किया जा रहा है। वन भूमि पर हुये / हो रहें अतिक्रमणों को खाली कराने की त्वरित कार्यवाही हेतु उत्तराखण्ड शासन, वन अनुभाग-2 के पत्र संख्या 822/x-2-2023-21(01) 2022 दिनांक 18.04.2023 से प्राप्त निर्देशों के क्रम में डा० पराग मधुकर धकाते, मुख्य वन संरक्षक, वन पंचायत एवं सामुदायिक वानिकी, उत्तराखण्ड देहरादून को नोडल अधिकारी नामित किया जाता है।
उक्तानुसार नामित नोडल अधिकारी द्वारा निम्नानुसार कार्यवाही की जायेगी :-
धार्मिक स्थलों / अन्य विभिन्न गतिविधियों की आड़ में वन भूमि के अतिक्रमण की सूचना एकत्रित की जायेगी।
वन भूमि पर हुये / हो रहें अतिक्रमणों को खाली कराये जाने की प्रतिदिन समीक्षा की जायेगी।
वन भूमि पर हुये / हो रहें अतिक्रमणों को खाली कराये जाने सम्बन्धी रिपोर्ट प्रमुख वन संरक्षक ( HOFF). उत्तराखण्ड के माध्यम से उत्तराखण्ड शासन को प्रेषित की जायेगी।
शासन स्तर पर वन क्षेत्र में अतिक्रमण सम्बन्धी बैठको में प्रतिभाग करते हुए वन विभाग का प्रतिनिधित्व किया जायेगा।
पत्रांक 872
/ 27-17 दिनांकित ।
Veep laTales (विनोद कुमार) प्रमुख वन संरक्षक (HoFF).

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