धामी कैबिनेट- कांग्रेस के 4 और भाजपा के 2… बहुत नाइंसाफी है
पावर गेम- कैबिनेट के संतुलित विस्तार के इंतजार की हुई इंतहा
अविकल थपलियाल
देहरादून। भारी बहुमत की भाजपा सरकार और कैबिनेट में कांग्रेसी गोत्र का जलवा जलाल। भाजपा गोत्र अल्पमत में। यह उत्तराखंड की भाजपा सरकार के ताजातरीन सूरतेहाल हैं। मंत्रियों के पांच पद खाली हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने नवरात्र में कैबिनेट विस्तार की बात जोर शोर से कही थी। लेकिन पार्टी नेतृत्व की चुप्पी ने भाजपा नेताओं के ही कैबिनेट विस्तार के कयासों पर पानी फेर दिया।
जब मार्च 2022 को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपनी कैबिनेट का गठन किया था। उस समय मंत्रियों की संख्या आठ रखी गयी थी। तय रणनीति के तहत कैबिनेट की तीन सीट खाली छोड़ी गईं।
धामी कैबिनेट में सतपाल महाराज, प्रेम चंद अग्रवाल,गणेश जोशी, धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, चंदन रामदास और सौरभ बहुगुणा को जगह मिली थी। कांग्रेसी गोत्र के दबाव ने कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं को किनारे पर लगा दिया था।
2016 की बगावत व उससे पहले कांग्रेस से टूटकर भाजपा में आये महाराज, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य मंत्री बनीं। यूं तो सौरभ बहुगुणा 2017 व 2022 में भाजपा के टिकट पर ही चुनाव लड़े थे। लेकिन पिता व पूर्व सीएम विजय बहुगुणा की कांग्रेस पृष्ठभूमि की वजह से सौरभ बहुगुणा को भी कांग्रेसी गोत्र में ही शुमार किया जाता रहा है।

इससे पूर्व, 2017 की त्रिवेंद्र सरकार में कांग्रेसी गोत्र के बड़े नाम यशपाल आर्य व हरक सिंह रावत भी भाजपा कैबिनेट की शोभा बढ़ाते रहे। इन्हें 2016 में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार गिराने का भारी इनाम मिला था। हालांकि, 2022 के विधानसभा चुनाव से पूर्व आर्य व हरक ने कांग्रेस में वापसी की।
ये अलग बात है कि कई कांग्रेसियों के मंत्री बनने से भाजपा कैम्प में हमेशा नाराजगी का माहौल बना रहा। दोनों गोत्र के नेताओं के बीच एक विभाजक रेखा भी आज भी बदस्तूर दिखती रहती है।
बहरहाल,2022 में भी भाजपा नेतृत्व ने प्रदेश के अपने गोत्र के नेताओं की नापसन्द के बाद भी कांग्रेसी परम्परा के झंडाबरदार रहे सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल,रेखा आर्य के साथ पूर्व कांग्रेसी सीएम विजय बहुगुणा के सुपुत्र सौरभ बहुगुणा को भी कैबिनेट में जगह दी। कुल आठ मंत्रियों में चार कांग्रेसी गोत्र के और चार प्रेमचन्द अग्रवाल, गणेश जोशी, धन सिंह रावत व चंदन रामदास भाजपा गोत्र के बने। मुकाबला बराबर का था।
इसके बाद राजनीति का पहिया घूमा। 26 अप्रैल 2023 को मंत्री चंदन रामदास के निधन के बाद कैबिनेट में भाजपा का पलड़ा हल्का हुआ। और 16 मार्च 2025 को बिगड़े बोल की वजह से भाजपा गोत्र के कैबिनेट मंत्री को असामान्य परिस्थिति में धामी कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा।

बीते दो साल में भाजपा खेमे के दो मंत्री कम हो गए। रह गए सिर्फ गणेश जोशी और धन सिंह रावत। अब कांग्रेस के चार और भाजपा के रह गए सिर्फ दो मंत्री। अब कांग्रेसी गोत्र का पलड़ा भारी।
प्रेम चंद के इस्तीफे के बाद प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट जल्द ही कैबिनेट विस्तार की बात कही थी। लेकिन वह भी नहीं हुआ।
गौरतलब है कि 2017 व 2022 में कांग्रेसी गोत्र के नेताओं के अंदरूनी दबाव के चलते भाजपा के कई अनुभवी व युवा विधायक कैबिनेट का हिस्सा नहीं बन पाए थे। जबकि 2022 में भाजपा ने 47 सीट जीती थी। लेकिन कांग्रेसी गोत्र को तवज्जो देना भाजपा हाईकमान की लगातार मजबूरी बनी हुई है। यही राजनीतिक मजबूरी अंदरूनी नाराजगी की मुख्य वजह भी बनती दिखाई दे रही है।
अब चूंकि, कैबिनेट की 5 सीट भरी जानी है। ऐसे में भाजपा गोत्र के नेताओं के इंतजार की भी इंतहा होती जा रही है। राजनीतिक हलकों में सम्पूर्ण कैबिनेट पुनर्गठन की चर्चा भी सुनी जा रही है।
मौजूदा समय में धामी कैबिनेट भारी असंतुलन के झूले में झूल रही है। क्षेत्रीय,जातिगत व दलीय गोत्र असंतुलन से कई दावेदारों के साथ नाइंसाफी की चर्चा भी सरगर्म है। इंसाफ कब मिलेगा, यह अभी तय नहीं है लेकिन उस शुभ घड़ी का सभी को इंतजार है..
मार्च 2022-धामी कैबिनेट



Total Hits/users- 30,52,000
TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245