धामी कैबिनेट में 29 प्रस्तावों पर लगी मुहर,कई अहम फैसले हुए

देखें विस्तृत फैसले

अब हर साल होगी नर्स की भर्ती

प्रतियोगी छात्रों को सरकारी बसों में 50 प्रतिशत छूट

पर्यटक स्थल भीमताल को नगर पालिका का दर्जा , नरेन्द्रनगर, कीर्ति नगर, मुनस्यारी, रुद्रप्रयाग के बाबत कैबिनेट ने लिए अहम फैसले

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। धामी कैबिनेट की गुरुवार को हुई अहम बैठक में कईं खास फैसले किये गए। बैठक के बाद मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु व अन्य अधिकारियों ने ने मीडिया को फैसले की जानकारी दी। कुल 29 प्रस्तावों पर लगी मुहर।

देखें प्रमुख विस्तृत फैसले- 

कैबिनेट द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयः-

  1. नगर पालिका परिषद, रूद्रप्रयाग का सीमा विस्तार किये जाने के संबंध में कैबिनेट द्वारा सहमति प्रदान की गई जिसमें राजस्व ग्राम बर्सू, जयमंडी, डागसेरा, औण एवं कालापहाड़ एवं राजस्व ग्राम धवेली (उमरानारायण मंदिर से धवेली गदेरे तक) तथा राजस्व ग्राम जवाड़ी (श्री केदारनाथ मुख्य मार्ग बाईपास पुल से जवाड़ी बाईपास पुल तक) को सम्मिलित करते हुए नगर पालिका परिषद् रूद्रप्रयाग का सीमा विस्तार किया जाना है। प्रस्तावित क्षेत्र के सीमा विस्तार किये जाने के फलस्वरूप वहाँ के निवासियों को प्रकाश, सीवर लाईन, पक्की नाली, सड़कें साफ- सफाई. सम्पर्क मार्ग, शौचालयों आदि की समुचित व्यवस्था उपलब्ध होगी।
  2. नगर पंचायत कीर्तिनगर का सीमा विस्तार किये जाने के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। नगर पंचायत कीर्तिनगर, टिहरी गढ़वाल की सीमा से लगे ग्राम सभा घिल्डियाल गांव जाखड़ी के अन्तर्गत राजस्व ग्राम माण्डाकुटी सैंण के छूटे हुए 32 परिवारों एवं ग्राम सभा रामपुर के राजस्व ग्राम मोहननगर को नगर पंचायत कीर्तिनगर में सम्मिलित किये जाने के फलस्वरुप प्रस्तावित क्षेत्र के निवासियों को प्रकाश, सीवर लाइन, पक्की नाली, सड़के, साफ सफाई, सम्पर्क मार्ग, शौचालयों आदि की समुचित व्यवस्था उपलब्ध होगी जिससे नगर के सौन्दर्यीकरण में वृद्धि होगी। नगर में सौन्दर्यीकरण में वृद्धि होने पर पर्यटक यहां की ओर आकर्षित होंगे जिससे नगर की आय में वृद्धि होगी।
  3. नगर पंचायत भीमताल को उच्चीकृत कर नगर पालिका परिषद बनाये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। नगर पंचायत भीमताल का उच्चीकरण किये जाने के फलस्वरूप वहाँ के निवासियों को प्रकाश, सीवर लाइन, पक्की नाली, सडके, साफ सफाई, सम्पर्क मार्ग, शौचालयों आदि की समुचित व्यवस्था उपलब्ध होगी। साथ ही भीमताल की नगर पालिका परिषद का दर्जा दिये जाने से यहां नगर पालिका परिषद के मानकों के अनुसार कर्मचारियों की नियुक्ति होने के साथ ही निकाय की प्राप्त होने वाले अनुदानों में भी पर्याप्त वृद्धि हो सकेगी जिससे इस पर्यटक स्थल में जनभावना के अनुरूप विकास कार्य कराये जाने सम्भव हो सकेंगे।
  4. मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली 2023 का प्रख्यापन हेतु कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। वर्तमान में मानव वन्यजीव संघर्ष के अन्तर्गत जान-माल की क्षति होने पर अनुग्रह राशि का भुगतान “मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली, 2012“ एवं राज्य सरकार के आपदा प्रबन्धन अनुभाग-1 की अधिसूचना संख्या-1468 दिनांक 11.11.2019 के प्राविधान अनुसार किया जा रहा है।

दिनांक 10.12.2022 को मा० मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में सम्पन्न राज्य वन्यजीव बोर्ड की 18वीं बैठक में मानव वन्यजीव संघर्ष के अन्तर्गत मानवीय क्षति होने पर देय अनुग्रह राशि को बढ़ाने के साथ-साथ नियमावली मे उल्लिखित पशुधन (यथा- बाघ, तेंदुआ, हिम तेंदुआ (स्नो लेपर्ड), जंगली हाथी, तीनों प्रजाति के भालू (एशियाई काला भालू, हिमालयन भूरा भालू स्लॉथ भालू), जंगली सुअर, लकड़बग्घा, मगरमच्छ / घड़ियाल, चीतल, काकड़, सांबर, नील गाय, बन्दर, लंगूर, सांप) के अतिरिक्त मधुमक्खी व ततैया के नाम भी सम्मिलित किये जाने की संस्तुति की गयी है। उक्त के क्रम में उक्त मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली, 2012 को अधिक्रमित करते हुए “मानव वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली 2023 प्रख्यापित की जानी प्रस्तावित है, ताकि वन्यजीवों से जान-माल की क्षति होने पर सम्बन्धित को यथोचित अनुग्रह राशि नवीनतम दरों के अनुसार प्रदान की जा सकें।

  1. महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारन्टी अधिनियम, 2005 के अन्तर्गत जारी उत्तराखण्ड राज्य रोजगार गारन्टी योजना, 2006 के मार्ग-निर्देश में जिलाधिकारी / जिला कार्यक्रम समन्वयक तथा खण्ड विकास अधिकारी / कार्यक्रम अधिकारी के प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति के अधिकारों में वृद्धि किये जाने विषयक पर कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारन्टी अधिनियम, 2005 (मनरेगा) के अन्तर्गत वर्ष 2006 में दिशा-निर्देश निर्गत किये गये, जिसके अध्याय-11 के अन्तर्गत जिले के जिलाधिकारी / जिला कार्यक्रम समन्वयक योजनान्तर्गत अनुमोदित कार्यों, जिनकी लागत रू 1 लाख से अधिक है, की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति निर्गत किये जाने का अधिकार है तथा कार्यक्रम अधिकारी / खण्ड विकास अधिकारी को रू 1 लाख तक की योजना की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति निर्गत किये जाने का अधिकार है। चूंकि तत्समय योजनान्तर्गत पंजीकृत परिवारों एवं श्रमिकों की संख्या कम थी एवं कार्य की मांग सीमित होने के साथ ही साथ सामग्री का मूल्य भी वर्तमान की अपेक्षा कम थे अतः तत्समय कार्यक्रम अधिकारी की वित्तीय एवं प्रशासनिक सीमा रू 1 लाख उचित थी। वर्तमान समय में पंजीकृत परिवारों की संख्या / कार्य की मांग / सामग्री मूल्यों में वृद्धि हो जाने के कारण योजनान्तर्गत जिलाधिकारी / जिला कार्यक्रम समन्वयक के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों को बढ़ाकर रू 3 लाख से अधिक किया जाना तथा कार्यक्रम अधिकारी / खण्ड विकास अधिकारी के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों को बढ़ाकर रू 3 लाख तक किया जाना प्रस्तावित है।
  2. उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत ‘मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना’ संचालन विषयक। उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत उच्च गुणवत्तायुक्त शैक्षणिक वातावरण का विकास एवं विविधिकरण तथा नई तकनीकों के अनुप्रयोग आदि के कारण शोध एवं विकास की भूमिका महत्त्वपूर्ण होने के दृष्टिगत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों और मूल्यों के अनुरूप संस्थाओं को विकसित करने के उद्देश्य से शैक्षणिक सत्र 2023-24 से ’’मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना’’ प्रारम्भ की जा रही है। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत मानविकी, सामाजिक विज्ञान, भाषा, साहित्य पर्यावरण, ज्वलंत मुद्दों, उत्तराखंड विकास पर शोध, पर्यटन, परम्परागत विज्ञान, इंजीनियरिंग में उभरते क्षेत्रों में शिक्षण और शोध को प्रोत्साहित किया जाएगा। शोध हेतु व्यापक विषय क्षेत्र विज्ञान, कला एवं मानविकी, गृह विज्ञान, वाणिज्य प्रबंधन सहित अंतर्विषयक ( Interdisciplinary ) विषय क्षेत्र भी स्वीकार किए जाएंगे। राज्य से संबंधित शोध विषयों को प्रोत्साहित करते हुए विशिष्ट समस्या समाधान और क्रियात्मक शोध विषयों (Problem and Action Based Research Programmes ) को वरीयता प्रदान की जाएगी। उक्त शोध प्रोत्साहन योजना हेतु राज्य के शासकीय महाविद्यालयों, अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों तथा राज्य विश्वविद्यालय परिसरों में कार्यरत नियमित प्राध्यापक तथा संबंधित संस्थानों में नियमित संस्थागत रूप में अध्ययनरत छात्र / छात्राएं एवं शोध अध्येता पात्र होंगे। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना हेतु ऑनलाइन माध्यम से समर्थ पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा। प्रस्तावित योजनान्तर्गत प्रमुख सचिव / सचिव, उच्च शिक्षा की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय शोध एवं विकास प्रकोष्ठ समिति का गठन किया जाएगा। योजनान्तर्गत शोध हेतु अनुदान की अधिकतम राशि की सीमा ₹15 लाख तक होगी, जिसे विशेष परिस्थितियों में अत्यन्त महत्व के शोध हेतु राज्य शोध एवं विकास प्रकोष्ठ समिति की संस्तुति के आधार पर अतिरिक्त 20 प्रतिशत तक बढ़ाते हुए कुल ₹18 लाख तक अनुमन्य किया जा सकता है। शोध की अनुदान राशि तीन किस्तों में प्रदान की जाएगी शोध की अनुदान राशि संस्था के शोध एवं विकास प्रकोष्ठ के खाते में डी०बी०टी० के माध्यम से दी जाएगी। शोध कार्य हेतु शोध सहयोगी के प्रथम योगदान से शोध कार्य की समाप्ति की तिथि तक ₹5,000/- प्रति माह की दर से शोध मानदेय देय होगा। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना विभाग द्वारा निर्धारित वार्षिक कैलेण्डर के अनुसार संचालित होगी।
  3. कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 395 ( b ) के अनुपालन में पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लि० के वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 की वार्षिक वित्तीय आख्या (Annual Financial Report ) विधान सभा के पटल पर रखे जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। कम्पनी अधिनियम, 2013 की धारा 395 (बी) में सरकारी कम्पनियों के वार्षिक लेखा रिपोर्ट (Annual Financial Report ) के तैयार होने के बाद महालेखाकार की टीका-टिप्पणियों या संपरीक्षा रिपोर्ट के साथ राज्य विधानमंडल के सदन या दोनों सदनों समक्ष रखे जाने का प्रावधान है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में ऊर्जा विभाग के नियन्त्रणाधीन पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लि० (उत्तराखण्ड सरकार का उपक्रम) के वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 के वार्षिक लेखा विवरण को विधान मंडल के सदन या दोनों सदनों के समक्ष रखे जाने से पूर्व मा० मंत्रिमण्डल से निर्णय / आदेश प्राप्त किये जाने हैं, जिसके दृष्टिगत यह प्रस्ताव लाया गया है।
  4. उत्तराखण्ड वन विभागान्तर्गत वन सांख्यिकीय सेवा संवर्ग के ढांचे में आंशिक संशोधन करते हुए सहायक सांख्यिकीय अधिकारी के स्वीकृत 34 पदों में से 02 पद समाप्त करते हुए उप निदेशक सांख्यिकीय के 02 नवीन पद सृजित किये जाने का निर्णय कैबिनेट द्वारा लिया गया है।
  5. “खेल नीति, 2021 के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय / राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को उत्तराखण्ड में राजपत्रित/ अराजपत्रित पदों पर आउट ऑफ टर्न सेवायोजन प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। “खेल नीति, 2021“ की प्रख्यापित अधिसूचना दिनांक 17 दिसम्बर, 2021 के क्रम में खेल नीति, 2021 के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय / राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को उत्तराखण्ड में राजपत्रित / अराजपत्रित पदो पर आउट ऑफ टर्न सेवायोजन प्रदान किये जाने का संबंधी निर्णय लिया गया था। इस हेतु उत्तराखण्ड राज्य में बहुमुखी खेल प्रतिभायें विद्यमान हैं, जिन्होंने समय-समय खेल की अनेक विधाओं में पदक हासिल किया है। चूंकि वर्तमान में उत्तराखण्ड के खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सेवायोजन की कोई व्यवस्था निर्धारित नहीं है, जबकि वर्तमान में कई राज्यों (यथा-हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, उड़ीसा, बिहार, मध्य प्रदेश व अन्य एवं रेलवे / ओ०एन०जी०सी० व अन्य) में कई राज्यों द्वारा खिलाड़ियों को विभिन्न प्रतियोगिताओं में पदक जीतने पर सीधे सेवायोजित किया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप उत्तराखण्ड के प्रतिभावान खिलाड़ी, जिन्होने पूर्व में पदक प्राप्त किये है अथवा वर्तमान में पदक प्राप्त कर रहे है व अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिये अन्य राज्यों में सेवायोजन प्राप्त कर रहे है और उन्हीं राज्य का विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व भी कर रहे है, जिसके कारण उत्तराखण्ड राज्य खेल प्रतिभाओं का होने के बावजूद भी अन्य राज्यों से पिछड़ गया है। इसलिए उत्तराखण्ड राज्य के विशिष्ट खिलाड़ियों को प्रोत्साहन दिये जाने हेतु राज्य सरकार के अधीन “खेल नीति, 2021“ के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय / राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को उत्तराखण्ड में राजपत्रित/अराजपत्रित पदों पर आउट ऑफ टर्न सेवायोजन प्रदान किये जाने हेतु एक व्यवस्था बनाया जाना आवश्यक है।
  6. प्रचलित अनुबंधों की कार्यपूर्ति प्रतिभूति एवं प्रतिभूति निक्षेप ( Performance bank guarantee cum Security Deposit ) की दरों को कार्यहित में युक्तिसंगत बनाये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। भारत सरकार द्वारा कार्यपूर्ति प्रतिभूति एवं प्रतिभूति निक्षेप ( Performance bank guarantee cum Security Deposit ) को युक्तियुक्त बनाये जाने के उद्देश्य से लिये गये निर्णय के क्रम में राज्य सरकार द्वारा कार्यपूर्ति गारण्टी तथा प्रतिभूति निक्षेप की दरों के सम्बन्ध में निम्नवत् निर्णय लिया गया हैः- निर्माण कार्यों में रू 5 करोड़ तक की अनुमानित लागत वाले कार्य के लिए संविदा मूल्य का 05 प्रतिशत तथा रू 5 करोड़ से अधिक के अनुमानित लागत वाले कार्य के लिए संविदा मूल्य का 03 प्रतिशत कार्यपूर्ति गारण्टी ( Performance Guarantee ) ली जायेगी। निर्माण कार्यों में प्रतिभूति निक्षेप ( Security Deposit / Retention money ) की दर संविदा मूल्य का 05 प्रतिशत से 07 प्रतिशत होगी। सामग्री एवं सेवाओं के लिए कार्यपूर्ति प्रतिभूति की दर संविदा के मूल्य की 3 से 10 प्रतिशत होगी।
  7. उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विभाग (मेडिकल कॉलेज) नर्सिंग संवर्ग (अराजपत्रित) सेवा (संशोधन) नियमावली 2023 के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। दिनांक 31 मई, 2023 को संपन्न मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रकरण का स्वतः संज्ञान लेते हुए निर्णय लिया गया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग में नर्सों की भर्ती एक बार के लिए वर्षवार योग्यताक्रम के आधार पर किये जाने हेतु चिकित्सा शिक्षा विभाग की नर्सिंग संवर्ग (अराजपत्रित) नियमावली के नियम-16 में संशोधन किये जाने हेतु मंत्रिमण्डल के सम्मुख प्रस्तुत किया जाय। उक्त के अनुपालन में मात्र वर्ष 2023-24 हेतु चिकित्सा शिक्षा विभाग की नर्सिंग संवर्ग ( अराजपत्रित) नियमावली के नियम-16 में संशोधन किये जाने हेतु मंत्रिमण्डल का अनुमोदन प्राप्त किया गया।
  8. सेब की अति सघन बागवानी योजना (राज्य सैक्टर) के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। राज्य में सेब उत्पादन को बढ़ावा दिये जाने हेतु राज्य सैक्टर के अन्तर्गत सेब की अति सघन बागवानी की योजनान्तर्गत वर्ष 2023-24 से वर्ष 2030-31 (08 वर्ष) तक 5000 है0 क्षेत्रफल में 60 प्रतिशत राजसहायता पर कृषकों के प्रक्षेत्र पर M-9, MM- 111 तथा सीडलिंग आधारित सघन उद्यान स्थापित किये जाने पर रु 808.79 करोड़ व्यय किया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में राज्य में सेब के सामान्य बागानों में लगभग 2.50 मै0टन प्रति है० उत्पादकता है, जबकि सेब की अतिसघन बागवानी से लगभग 25 मै० टन प्रति हैं० उत्पादकता प्राप्त होगी, जिससे लगभग 45000 से 50000 रोजगार सृजन एवं सेब का वर्तमान व्यवसाय रु 200 करोड़ से बढ़ाकर रू 2000 करोड़ किये जाने का लक्ष्य हैं। साथ ही कृषकों की आय में वृद्धि, पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन में कमी एवं राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में सहयोग होगा।
  9. जनपद चमोली के अन्तर्गत विकासखण्ड मुख्यालय घाट में नन्दानगर के नाम से नगर पंचायत बनाये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया। प्रस्तावित क्षेत्र को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने के फलस्वरूप वहाँ के निवासियों को प्रकाश, सीवर लाइन, पक्की नाली, सड़कें, साफ-सफाई, सम्पर्क मार्ग, शौचालयों आदि की समुचित व्यवस्था उपलब्ध होगी। नगर पंचायत का गठन होने से इस क्षेत्र का समुचित विकास / व्यवस्था होने पर इस क्षेत्र में और अधिक पर्यटक आने की सम्भावना बढ़ जायेगी जिसका प्रभाव इनकी आर्थिकी पर भी पड़ेगा।
  10. नगर पालिका परिषद् हरबर्टपुर का सीमा विस्तार किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। नगर पालिका हरबर्टपुर का सीमा विस्तार किये जाने के फलस्वरूप सम्मिलित होने वाले क्षेत्र के निवासियों को पथ-प्रकाश, सीवर लाईन, पक्की नाली, साफ-सफाई, सम्पर्क मार्ग एवं शौचालयों आदि की समुचित व्यवस्था उपलब्ध होंगी जिससे नगर के सौन्दर्यीकरण में वृद्धि होगी। नगर में सौन्दर्यीकरण में वृद्धि होने पर पर्यटक यहां की ओर आकर्षित होंगे, जिससे नगर की आय में वृद्धि होगी।
  11. जनपद टिहरी गढ़वाल के अन्तर्गत नगर पालिका परिषद, नरेन्द्रनगर का सीमा विस्तार किये जाने के संबंध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया। नगर पालिका परिषद् नरेन्द्रनगर का सीमा विस्तार किये जाने के फलस्वरुप प्रस्तावित क्षेत्र के निवासियों को प्रकाश, सीवर लाइन, पक्की नाली, सड़कें, साफ सफाई, सम्पर्क मार्ग, शौचालयों आदि की समुचित व्यवस्था उपलब्ध होगी जिससे नगर के सौन्दर्यीकरण में वृद्धि होगी। नगर में सौन्दर्यीकरण में वृद्धि होने पर पर्यटक यहां की ओर आकर्षित होंगे जिससे नगर की आय में वृद्धि होगी।
  12. मा० मुख्यमंत्री घोषणा संख्या- 1422/ 2021 जनपद पिथौरागढ़ के विकासखण्ड मुनस्यारी को नगर पालिका बनाया जायेगा के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। ग्राम पंचायत सरमोली (शंखधूरा एवं सरमोली राजस्व गाँव), जैंती, मल्ली घोपट्टा एवं बूंगा तथा ग्राम पंचायत तल्ली घोपट्टा को मिलाकर विकासखण्ड मुनस्यारी को नगर पंचायत बनाया जाना है। प्रस्तावित क्षेत्र को नगर पंचायत का दर्जा मिलने से क्षेत्र में निवास करने वाले समस्त व्यक्तियों को नगर पंचायत द्वारा दी जाने वाली मूलभूत आवश्यक सेवा जैसे स्ट्रीट लाईट व्यवस्था, सफाई व्यवस्था, पार्कों का सौन्दर्यीकरण, सड़क मरम्मत, नाली / नालों की मरम्मत एवं सफाई आदि की सुविधायें प्राप्त होंगी तथा इस पर्यटक स्थल के सौन्दर्यीकरण में वृद्धि होगी ।
  13. ’मुख्यमंत्री प्रतियोगी परीक्षा परीक्षार्थी रियायत परिवहन योजना, 2023’ प्रख्यापित किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। मा० मुख्यमंत्री द्वारा की गयी घोषणा सं0 274 / 2023 “प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग करने वाले परीक्षार्थियों को राज्य के अन्दर अपने गृह स्थान से परीक्षा केन्द्र तक राज्य की परिवहन निगम की बसों में यात्रा करने पर मुख्यमंत्री प्रतियोगात्मक परीक्षार्थी परिवहन योजना के अन्तर्गत यात्रा किराये में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की जायेगी“ के क्रियान्वयन / पूर्ति हेतु उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग, उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग एवं उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा समय-समय पर आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी लिखित परीक्षा (मुख्य परीक्षा / एकल परीक्षा, यथा लागू) तथा / अथवा साक्षात्कार में सम्मिलित होने के निमित्त परीक्षार्थियों को उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में यात्रा किराये में 50 प्रतिशत रियायत की सुविधा विषयक ’मुख्यमंत्री प्रतियोगी परीक्षा परीक्षार्थी रियायत परिवहन योजना 2023’ (हिन्दी एवं अंग्रेजी रूपान्तरण सहित) प्रख्यापित किये जाने के सम्बन्ध में स्वीकृति प्रदान की गयी है।
  14. एकल सदस्यीय समर्पित आयोग का कार्यकाल 06 माह विस्तारित किये जाने के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। राज्य के भीतर प्रति स्थानीय निकायों में पिछडेपन की प्रकृति और निहितार्थों की समसामयिक कठोर अनुभवजन्य जांच ( contemporaneous rigorous empirical inquiry ) कराये जाने हेतु श्री बी०एस० वर्मा, सेवानिवृत्त मा० न्यायाधीश, मा० उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड नैनीताल की अध्यक्षता में गठित एकल सदस्यीय समर्पित आयोग का कार्यकाल विस्तारित किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव पर मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदत्त अनुमोदन के क्रम में शासन की अधिसूचना संख्या-141098 / 2023 दिनांक 26 जुलाई, 2023 (परिशिष्ट-2) के द्वारा मा० आयोग का कार्यकाल कार्यवधि की समाप्ति दिनांक 26.07.2023 से आगामी 06 माह तक विस्तारित किया गया है।
  15. “उत्तराखण्ड प्रान्तीय रक्षक दल कल्याण कोष नियमावली, 2005“ में संशोधन करते हुए ‘‘उत्तराखण्ड प्रान्तीय रक्षक एवं विकास दल कल्याण कोष (संशोधन) नियमावली 2023’’ प्रख्यापित किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल विभाग, उत्तराखण्ड के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर कार्ययोजित किये गये प्रांतीय रक्षक दल के स्वयंसेवकों को ड्यूटी के दौरान मृत्यु स्थायी अपंगता अथवा दुर्घटनाग्रस्त होने की दशा में उन्हें आर्थिक सहायता उपलब्ध कराये जाने हेतु वर्तमान में “उत्तराखण्ड प्रान्तीय रक्षक दल कल्याण कोष नियमावली, 2005 प्रचलित है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रान्तीय रक्षक एवं विकास दल के स्वयंसेवकों को प्रदान की जाने वाली सहायता को अधिक उपयोगी बनाये जाने हेतु मा मुख्यमंत्री जी द्वारा जनपद देहरादून में की गयी राज्य स्तरीय घोषणा सां0-121 / 2022 (राज्य सरकार के समस्त विभागों में कार्यरत् पी०आर०डी० स्वयंसेवकों को होमगार्ड स्वयंसेवकों की भांति सामाजिक सुरक्षा बीमा का लाभ तथा ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने की दशा में स्वयंसेवक के परिवार को रू 2 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी), के क्रियान्वयन हेतु “उत्तराखण्ड प्रान्तीय रक्षक दल कल्याण कोष नियमावली, 2005 में संशोधन प्रस्तावित करते हुये उत्तराखण्ड प्रान्तीय रक्षक एवं विकास दल कल्याण कोष (संशोधन) नियमावली, 2023 प्रख्यापित किया जाना प्रस्तावित है।
  16. “उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड“ (UTTARAKHAND INVESTMENT AND INFRASTRUCTURE DEVELOPMENT BOARD-UIIDB ) के गठन संबधी “उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना (विकास और विनियमन) विधेयक, 2023“ के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। प्रदेश के बुनियादी ढांचागत विकास के क्षेत्र में निरन्तर परिवर्तित हो रहे परिदृश्य एवं विकास की नवीन आवश्यकताओं के उदय के कारण उत्तराखंड राज्य में आधारभूत ढांचे के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने हेतु और पी०पी०पी० परियोजनाओं को विकसित करने हेतु उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड को अध्यादेश के रूप में अधिसूचना विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग संख्या – 204 / XXXVI (3)/2023/24 (1) 2023 दिनांक 29 मई 2023 को प्रख्यापित किया गया है। उक्त अध्यादेश को अधिनियम के रूप में प्रख्यापित किये जाने के लिए विधानमण्डल के समक्ष प्रस्तुत किये जाने हेतु मा० मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया हैउक्त अध्यादेश / प्रस्तावित विधेयक में मुख्यतः निम्न प्राविधान हैं – उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड का गठन जो राज्य आधारभूत क्षेत्र में पी०पी०पी० एवं निजी क्षेत्रों के प्रचार व विकास हेतु एक शीर्ष निकाय होगा। राज्य सरकार रू 100 करोड़ की प्रारंभिक आधारभूत निधि के साथ एक निधि का गठन करेगी, जिसे उत्तराखण्ड निवेश और आधारित संरचना विकास निधि के रूप में जाना जायेगा, जो बोर्ड में निहित होगा। उक्त निधि का उपयोग बोर्ड द्वारा अनुमोदित परियोजनाओं को रियायती ऋण प्रदान करना, समय-समय पर पहचान की गई प्राथमिकता वाली परियोजनाओं के विकास के लिए परिसंपत्तियों / भूमि खरीदना आदि कार्य हेतु किया जायेगा । उक्त विधेयक के प्राविधानों के अधीन “उत्तराखण्ड निवेश और आधारिक संरचना नियामक प्राधिकरण का गठन किया जायेगा जो बोर्ड और रियायतग्राहियों / विकासकर्ताओं / परियोजनाओं के संचालकों और राज्य सरकार आदि के मध्य उत्पन्न विवादों के संबंध में अपीलीय अधिकरण के रूप में कार्य करेगा। बोर्ड ( UIIDB ) पी०पी०पी० और अन्य निवेश परियोजनाओ के चिन्हीकरण एवं उसकी प्राथमिकताओं के निर्धारण के लिए राज्य सरकार के सभी प्रयासों के समन्वय हेतु केन्द्रीय अभिकरण के रूप में कार्य करेगा।
  17. “उत्तराखण्ड खेल विभाग (राजपत्रित) सेवा नियमावली 2023“ के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। “पूर्ववर्ती राज्य उत्तर प्रदेश द्वारा निर्गत उत्तर प्रदेश खेलकूद निदेशालय (राजपत्रित) सेवा नियमावली, 1986 एवं उत्तर प्रदेश खेलकूद निदेशालय (राजपत्रित) सेवा नियमावली, 1988 (प्रथम संशोधन) की नियमावली, जो आतिथि तक उत्तराखण्ड राज्य में प्रभावी/लागू है। इसी क्रम में उत्तराखण्ड राज्य यथा-खेल विभाग की अपनी राजपत्रित सेवा नियमावली भी नहीं होने के दृष्टिगत तथा लोक सेवकों को कार्यकुशल एवं दक्ष बनाये रखने की सबसे बड़ी प्रेरणा उनकी पदोन्नति का होना है, जिससे कि उनके दायित्वों आदि में वृद्धि हो सके के क्रम में “उत्तराखण्ड खेल विभाग (राजपत्रित) सेवा नियमावली 2023“ का प्रख्यापन किया जाना प्रस्तावित है।
  18. उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत ’देवभूमि उद्यमिता योजना’ के संचालन विषयक के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड एवं ’भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (EDII ) अहमदाबाद के मध्य हुए समझौता ज्ञापन ( एम0ओ0यू0) के क्रम में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा ’देवभूमि उद्यमिता योजना प्रारम्भ की जा रही है। योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के प्रावधानानुसार उत्तराखण्ड राज्य को आत्मनिर्भर और सशक्त राज्य के रूप में विकसित करने हेतु और युवाओं को उद्यमिता और कौशल से जोड़ते हुए आत्मनिर्भर बनाना है। योजना में राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं हेतु बूट कैम्प पिचिंग इवेन्ट, सीड फणिं्डग, उच्च शिक्षण संस्थाओं में कार्यरत प्राध्यापकों हेतु उद्यमिता मेन्टर प्रशिक्षण, सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स, राज्य में उद्यमिता विकास हेतु प्रोफाइल एण्ड अपचुनिटी मैपिंग, चयनित उच्च शिक्षण संस्थानों के माध्यम से प्रतिवर्ष 3000 युवाओं को उद्यमिता प्रशिक्षण, उच्च शिक्षण संस्थानों में उद्यमिता और कौशल हेतु अधिकारियों, प्राचार्यों एवं कुलपति गण का प्रशिक्षण, विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षा संस्थानों हेतु उद्यमिता पाठ्यक्रम निर्माण आदि सम्मिलित है। ’देवभूमि उद्यमिता योजना संचालित किए जाने के सम्बन्ध में ₹711.95 लाख (₹ सात करोड़ ग्यारह लाख पिचानबे हजार मात्र) की कार्ययोजना तैयार की गई है। भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (EDII ) 1983 में आईडीबीआई बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा स्थापित एक अखिल भारतीय संस्थान है, जो उद्यमिता विकास, प्रशिक्षण, शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में कार्यरत है। देश भर में EDII के सात क्षेत्रीय कार्यालय एवं 22 परियोजना कार्यालय संचालित हैं। गवर्नर्स आईडीबीआई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में इसके बोर्ड ऑफ में सचिव, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार और प्रधान सचिव / एसीएस, उद्योग और खनन, गुजरात सरकार शामिल हैं। EDII भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय से उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह संस्थान शिक्षा, अनुसंधान, प्रशिक्षण, राष्ट्रीय और अंतर-राष्ट्रीय स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने के क्षेत्र में एक नेशनल रिसोर्स आर्गेनाइजेशन है। EDII को सामान्य (गैर-तकनीकी) श्रेणी में नवाचार उपलब्धियों (एआरआईआईए) -2021 पर संस्थानों की अटल रैंकिंग द्वारा नंबर 1 के रूप में भी स्थान दिया गया है । EDII एक इन्क्यूबेशन सेंटर “क्रेडल संचालित करता है, जो स्वास्थ्य देखभाल, कृषि-प्रसंस्करण, विनिर्माण और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखता है। यह गुजरात सरकार की ओर से उद्यमिता में नोडल एजेंसी और एंकर संस्थान है।
  19. वार्षिक लेखा परीक्षा प्रतिवेदन वर्ष 2014-15 से वर्ष 2021-22 (स्थानीय लेखा परीक्षा एवं आन्तरिक लेखा परीक्षा) के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। उत्तराखण्ड राज्य में सभी सरकारी विभागों, सार्वजनिक निगमों, सरकारी कम्पनियों प्रतिष्ठानों, सांविधिक प्राधिकरणों, पंचायती राज संस्थाओं, नगरपालिकाओं / नगरीय स्थानीय निकायों, सरकारी समितियों की लेखा परीक्षा की व्यवस्था करने और उसको विनियमित करने के लिए उत्तराखण्ड लेखा परीक्षा अधिनियम, 2012 अधिनियमित किया गया। उक्त अधिनियम की धारा 8 की उपधारा ( 3 ) में उल्लिखित किया गया है कि “निदेशक लेखा एक संहत लेखा परीक्षा रिपोर्ट तैयार करेगा या करायेगा और उसे राज्य विधान सभा के समक्ष रखे जाने के लिए राज्य सरकार को प्रतिवर्ष भेजगा ।“ उक्त के अनुक्रम में वर्ष 2014-15 से वर्ष 2021-22 (स्थानीय लेखा परीक्षा एवं आन्तरिक लेखा परीक्षा) की लेखा परीक्षा रिपोर्ट लेखा परीक्षा, विभाग द्वारा तैयार किया गया है। उक्त वार्षिक लेखा परीक्षा प्रतिवेदनों को राज्य विधान सभा के पटल पर रखा जाना है।
  20. विभिन्न योजनाओं / परियोजनाओं के परीक्षण हेतु शासन स्तर पर गठित व्यय वित्त समिति की व्यवस्था में आंशिक संशोधन के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। विभिन्न विभागों के रू 10.00 करोड से अधिक लागत की योजनाओं / परियोजनाओं हेतु मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में व्यय वित्त समिति का अनुमोदन प्राप्त किये जाने की व्यवस्था है। व्यय वित्त समिति सम्बन्धी वित्त विभाग के कार्यालय शाप दिनांक 01.08. 2019 के प्रस्तर-2 I के अनुसार व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित योजनाओं / परियोजनाओं के ऐसे प्रस्ताव / आगणन, जिनकी लागत में यदि 50 प्रतिशत पुनरीक्षण होता है तो ऐसे प्रस्तावों को निर्धारित प्रक्रियानुसार व्यय वित्त समिति के समक्ष पुनः प्रस्तुत किया जायेगा । वित्त विभाग के संज्ञान में आया है कि ऐसे बड़े निर्माण कार्य, जिनमें पूर्व में व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत के सापेक्ष अत्यधिक वृद्धि / पुनरीक्षण होता है किन्तु उक्त बढ़ी हुई लागत मूल लागत से 50 प्रतिशत से कम होती है तो कार्यदायी संस्थाओं / प्रशासकीय विभागों द्वारा उक्त पुनरीक्षित आगणन को व्यय वित्त समिति के अनुमोदनार्थ पुनः प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है। उक्त विसंगति के निराकरण हेतु प्रस्तर-2 I को संशोधित करते हुए यह व्यवस्था की जानी प्रस्तावित है कि व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित योजनाओं / परियोजनाओं के ऐसे प्रस्ताव / आगणन, जिनकी लागत में यदि 50 प्रतिशत अथवा रु 10.00 करोड़ से अधिक, जो भी कम हो, पुनरीक्षण / वृद्धि होती हो तो ऐसे प्रस्तावों को निर्धारित प्रक्रियानुसार व्यय वित्त समिति के समक्ष पुनः प्रस्तुत किया जायेगा
  21. उत्तराखण्ड विशेष अधीनस्थ शिक्षा ( प्रवक्ता संवर्ग) (पंचम संशोधन) सेवा नियमावली 2023 के प्रख्यापन के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय विषयगत नियमावली के अंतर्गत प्राक्ता जीव विज्ञान के पदों की शैक्षिक अर्हता में जन्तु विज्ञान के साथ एडवान्स जन्तु विज्ञान को भी सम्मिलित किये जाने हेतु अभ्यर्थियों द्वारा मा० उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड, नैनीताल में रिट याचिका संख्या-1415 /S.S / 2019 एवं 1416 /S.S / 2019 योजित की गयी जिसमें मा० न्यायालय द्वारा विषय विशेषज्ञों की त्रिस्तरीय समिति को प्रकरण का निस्तारण करने के निदेश दिये गये। उक्त के क्रम में त्रिस्तरीय समिति द्वारा एम०एस०सी० एडवांस जन्तु विज्ञान एवं एम०एस०सी० जन्तु विज्ञान के पाठ्यक्रम को 90 प्रतिशत समान होने की संस्तुति की गयी, जिसके क्रम में प्रस्तावित उत्तराखण्ड विशेष अधीनस्थ शिक्षा (प्रवक्ता संवर्ग) (पंचम संशोधन) सेवा नियमावली 2023 में एडवान्स जन्तु विज्ञान विषय को सम्मिलित किये जाने का निर्णय लिया गया है। इस सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश प्रशासनिक विभाग द्वारा पृथक से निर्गत किये जाएंगे ।
  22. जनपद ऊधमसिंहनगर में स्थित पन्तनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु भूमि अधिग्रहण की अनुमति के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। जनपद उधमसिंहनगर में स्थित पन्तनगर एयरपोर्ट हवाई पट्टी के रनवे की लम्बाई को 1372 मीटर से बढ़ाकर 3000 मी0 तक विस्तारीकरण के लिए 804.0162 एकड़ अर्थात 325.5126 है0 भूमि की आवश्यकता के दृष्टिगत इस हेतु आवश्यक भूमि अधिग्रहण कर नागरिक उड्डयन विभाग के नाम पर किये जाने की अनुमति एवं इस हेतु प्रतिपूर्ति की धनराशि के प्रस्तावों पर निर्णय लेने हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति के गठन के सम्बन्ध में मा० मंत्रिमण्डल के द्वारा निर्णय लिया है।
  23. नाबार्ड की आर.आई.डी.एफ. योजनार्न्तगत “कलस्टर आधारित छोटे पॉलीहाउस (Naturally Ventilated) में सब्जी एवं फूलो की खेती की योजना“ के नवीन मानक एवं शर्तें निर्धारित किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। योजनान्तगत 50 वर्गमी0 आकार के 7500 पॉलीहाउस तथा 100 वर्गमी0 आकार के 13898 पालीहाउस (कुल 21398 पालीहाउस) स्थापित किये जाने का लक्ष्य है। योजना का क्षेत्रफल पूर्व स्वीकृत मानक के अनुसार 1764800 वर्गमी० तथा योजना की स्वीकृत लागत रू0 304.43 करोड़ ही है इस प्रकार योजना के क्षेत्रफल एवं लागत में कोई परिवर्तन प्रस्तावित नहीं है। इस योजनान्तर्गत पूर्व स्वीकृत मानक / शर्तों को अवक्रमित करते हुए नवीन मानक / विशिष्टियाँ / दरों एवं सब्जी / पुष्पों के दरों का निर्धारण किया गया है। योजनान्तर्गत कृषकों को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा। इसके अन्तर्गत राज्य के लगभग 01 लाख कृषकों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से स्वरोजगार आयवृद्धि, सामाजिक / आर्थिक स्थिति में सुधार तथा पर्वतीय क्षेत्रों से होने वाले पलायन में कमी आयेगी एवं सब्जियों में 15 प्रतिशत व फूलों में 25 प्रतिशत तक उत्पादन में वृद्धि होगी।
  24. उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग में नियुक्त होने वाले अध्यक्ष एवं सदस्यों की अर्हता, नियुक्ति की प्रक्रिया, पूर्व सेवा की प्रास्थिति के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। स्पष्ट प्राविधान नहीं होने के फलस्वरूप, परिलक्षित हो रही कठिनाईयों के निराकरण हेतु वर्तमान परिस्थितियों के आधार पर सेवा की शर्तों को पुनर्निधारित किया जाना आवश्यक हो गया है। उप सचिव एवं अपर सचिव (विधि) का परिवर्तित पदनाम “विधि सलाहकार का उल्लेख किये जाने एवं कार्मिकों को अवकाश अनुमन्यता संबंधी अप्रासंगिक उपबन्ध को विलोपित किये जाने के संबंध में उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की (सेवा शर्तों) के बारे में विनियम, 2004 में अग्रेत्तर संशोधन किये जाने हेतु “उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की सेवा शर्तों के बारे में (संशोधन) विनियम, 2023“ के प्रख्यापन का निर्णय लिया गया है।

29 – राज्य में विभिन शैक्षणिक संस्थाओं के खेल मैदान व अन्य सरकारी खाली भूमि को उनके उपयोग के समय के बाद, ऐसी सभी संपत्तियों को पार्किंग आदि के लिए निजी तौर पर उपयोग में लाए जाने की व्यवस्था हेतु नियमावली बनाई जाने के लिए कैबिनेट द्वारा दी गई मंजूरी।

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धामी कैबिनेट की बैठक में किये गए खास फैसले

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