निरस्त परीक्षाएं फिर से आयोजित होंगी- आयोग
आयोग पूरी परीक्षाओं में पारदर्शिता कायम रखने को ले रहा कई फैसले- जीएस मर्तोलिया, अध्यक्ष uksssc
विधानसभा के बर्खास्त कर्मियों ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। बीतते साल 2022 के आखिरी दिनों में uksssc भर्ती परीक्षा घपले ने नया मोड़ ले लिया। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की तीन भर्ती परीक्षा निरस्त होने से युवा अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश देखा गया। हालांकि, अब यह तीनों परीक्षाएं मार्च में आयोजित की जाएगी।
इन तीन भर्ती परीक्षाओं पर हुए फैसले के बाद अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को आयोग के सामने प्रदर्शन किया। कई अभ्यर्थियों ने विरोध स्वरूप मुंडन भी कराया।
दूसरी ओर, विधानसभा से बर्खास्त कर्मियों ने धरने के 12वें दिन राष्ट्रपति को पत्र लिख इच्छा मृत्यु की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने भर्तियों में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर तीन परीक्षाओं को आज (शुक्रवार) को निरस्त कर दिया। आयोग ने वन दरोगा, सचिवालय रक्षक और VDO/VPDO भर्ती परीक्षा निरस्त कर दी।
आयोग ने परीक्षाओं को मार्च में कराए जाने की बात कही है।
इस फैसले के बाद रायपुर स्थित अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के मुख्यालय के बाहर अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन व नारेबाजी की। यही नहीं मुंडन भी कराया। अभ्यर्थियों का कहना है कि सीएम ने भी न्याय की बात कही थी। लेकिन अब उनके साथ अन्याय हो रहा है।
भारी ठंड के बीच हुए प्रदर्शन में कई चयनित छात्रों ने भी अपना विरोध दर्ज कराया।
उधर, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के चेयरमैन जीएस मर्तोलिया ने कहा कि ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने पिछली परीक्षाओं में नकल की थी उन्हें इस बार परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी । उन्होंने कहा कि आयोग पूरी परीक्षा में पारदर्शिता बनाने के लिए कदम कई तरह के कदम उठा रहा है।
विधानसभा के बर्खास्त कार्मिकों ने राष्ट्रपति को इच्छा मृत्यु के लिए लिखा पत्र
विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों का धरना 12वें दिन भी जारी रहा इस दौरान कर्मियों ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता के देहांत पर 2 मिनट का मौन रख कर दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की।
कार्मिकों ने महामहिम राष्ट्रपति को पत्र लिखकर न्याय न मिलने की स्थिति में इच्छा मृत्यु हेतु अनुमति मांगी है| कार्मिकों ने पत्र में लिखा की उत्तराखण्ड राज्य गठन के समय से ही विधान सभा सचिवालय, उत्तराखण्ड में हुई सभी भर्तियां अवैध है परन्तु कार्यवाही केवल वर्ष 2016 एवं 2021 में नियुक्त कार्मिकों पर ही की गई है। वर्ष 2000 से 2015 तक के कार्मिकों को केवल इसलिए बचा लिया गया कि वह लोग नियमित हो चुके है, हटाए गए कार्मिकों में कई कार्मिक विकलांग, विधवा हैं तथा कई कार्मिक ओवर ऐज हो चुके है जिस कारण सबके सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो चुका है।अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर पा रहे है। तिल-तिल के मरने से अच्छा है कि एक बार में ही मृत्यु प्राप्त हो जाय।
धरना प्रदर्शन के दौरान बर्खास्त कार्मिकों के बच्चों ने विधानसभा अध्यक्ष को न्यू ईयर की शुभकामना के ग्रीटिंग भी पोस्ट किए गए। बच्चों ने अपने भविष्य के लिए माता-पिता की नौकरी की बहाली हेतु ग्रीटिंग के माध्यम से पुनर्विचार हेतु आग्रह किया। धरने के दौरान कई छात्र संगठनों ने धरने का समर्थन किया। छात्र संगठन द्वारा कहा गया कि अगर जरूरत पड़ेगी तो दलगत राजनीति से ऊपर उठकर न्याय की लड़ाई में बर्खास्त कर्मचारियों के साथ उनकी आवाज को बुलंद करेगें।
इस दौरान गीता नेगी, सरस्वती कठैत प्रतिभा, रिशु सूर्या, मयंक रावत, सुरेंद्र रौतेला, आशीष शर्मा, कौशिक, कुलदीप सिंह, दीप भट्ट, हिमांशु पांडे एवं समस्त बर्खास्त कर्मचारी मौजूद रहे।
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