निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के दल-बदल कानून के उल्लंघन से जुड़े केस पर कानूनी राय ले रही हूँ-स्पीकर ऋतु खंडूडी
स्पीकर ने विधानसभा भर्ती घोटाले में तय समय सीमा से पहले निर्णय ले लगभग 250 तदर्थ कर्मियों को कर दिया था बर्खास्त
एक साल पूर्व बसपा प्रत्याशी (अब भाजपा में) रविन्द्र पनियाला ने निर्दलीय विधायक उमेश कुमार पर दल बदल कानून के उल्लंघन का लगाया था आरोप
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। बीते एक साल से दल बदल कानून के उल्लंघन के मामले में घिरे खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार की सदस्यता को लेकर स्पीकर ऋतु खंडूडी कोई फैसला नहीं ले पायी है। स्पीकर का कहना है कि इस मुद्दे पर बहुत शिकायतें आयी हैं। और वो कानूनी राय ले रही है।
विधानसभा भर्ती घोटाले में बेहद सक्रियता से फैसला ले चुकी विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने यह भी कहा कि इस मामले में फैसला लेने में अभी वक्त लगेगा। इस मसले पर वो स्टडी कर रही हैं।
स्पीकर ने कहा कि निर्दलीय विधायक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। निर्दलीय विधायक का जवाब मिल चुका है। विधायक ने कुछ समय और मांगा था।
गौरतलब है कि मई में उठे दल बदल कानून के उल्लंघन के इस बहुचर्चित मामले में विधानसभा ने नवंबर माह में निर्दलीय विधायक को नोटिस भी जारी किया था।
चर्चा यह भी आम हो चली है कि विधानसभा भर्ती घोटाले में तेजी से फैसले ले रही स्पीकर ऋतु खंडूडी निर्दलीय विधायक उमेश कुमार की सदस्यता के बाबत एक साल में भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है।
हालांकि, शुक्रवार को ‘अविकल उत्तराखण्ड’ से बातचीत में स्पीकर ने पूरे मसले पर कानूनी राय लेने की बात कही। बीते काफी समय से इस पूरे मामले में राजनीतिक दबाव की भी चर्चाएं तेज हो चली है। इनमें भाजपा के ही कुछ पावरफुल लोगों के नाम भी सामने आ रहे हैं।
26 मई 2022 को खानपुर से बसपा प्रत्याशी रहे रविंद्र पनियाला ने विधानसभा में याचिका पेश की। इस याचिका में निर्दलीय विधायक उमेश कुमार पर दल बदल कानून के उल्लंघन आया आरोप लगाते हुए सदस्यता रद्द करने की मांग की। अपने तर्कों के समर्थन में पनियाला ने कहा कि निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद उमेश कुमार ने 9 अप्रैल को सार्वजनिक कार्यक्रम में उत्तराखण्ड जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। पनियाला ने कार्यक्रम से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स/चैनल्स की क्लिपिंग भी विधानसभा को सौंपी थी।
पूर्व में स्पीकर ले चुके हैं तत्काल फैसला
उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड में दल बदल से जुड़े पुराने मामलों का तत्कालीन स्पीकर ने कुछ महीनों /दिनों में ही निस्तारण कर दिया था। 2021-22 में दल बदल कर भाजपा में जाने वाले विधायक प्रीतम पंवार, राजकुमार व रामसिंह कैड़ा को विधायकी से हाथ धोना पड़ा था। इससे पूर्व 2016 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए नौ विधायकों को तत्कालीन स्पीकर गोविन्द सिंह कुंजवाल ने अयोग्य घोषित कर दिया था। जबकि 2022 में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होते ही यशपाल आर्य व संजीव आर्य ने तत्काल विधायकी से इस्तीफा दे दिया था
26 मई 2022 को बसपा प्रत्याशी ने दल बदल कानून के उल्लंघन पर यह याचिका विधानसभा में पेश की थी। देखें–
आज हम सभी हरिद्वार जनपद के मूल निवासियों और मतदाताओं ने उत्तराखंड राज्य विधान सभा सचिवालय, देहरादून में 32 खानपुर विधानसभा हरिद्वार उत्तराखण्ड से निर्वाचित निर्दलीय विधायक श्री उमेश कुमार पत्रकार की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने से संबंधित अपनी-अपनी याचिकाऐं प्रस्तुत की हैं। याचिकाओं द्वारा हमने विधानसभा अध्यक्ष, उत्तराखण्ड विधानसभा को विस्तार से अवगत कराया है कि निर्दलीय विधायक श्री उमेश शर्मा पत्रकार द्वारा संविधान में वर्णित दलबदल कानून के उल्लंघन का कृत्य 8 अप्रैल 9 अप्रैल तथा 10 अप्रैल को और उसके बाद एक राजनीतिक दल का पदाधिकारी बनकर खुले आम उसके कार्यक्रमों में भाग लिया, उस दल का प्रचार किया और एक राजनीतिक दल के विधानसभा सदस्यों को दल-बदल कर उस दल में आने हेतु प्रोत्साहित किया। उनके इस कृत्य से उत्तराखण्ड राज्य में बड़ी राजनीतिक अस्थिरता आ सकती है या वे राज्य में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बना कर अपने स्वार्थों की सिद्धि करना चाहते हैं।
हम सभी ने अपनी-अपनी पृथक याचिकाओं द्वारा अवगत कराया कि विधायक उमेश कुमार पत्रकार ने 2022 का विधानसभा चुनाव हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा से एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा था निर्दलीय विधायक के रूप में ही विजयी घोषित होने के बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता की शपथ ग्रहण की और सदन में उन्हें निर्दलीय विधायक माना गया है और सदन की परंपराओं के अनुसार उन्हें विधानसभा के भीतर निर्दलीय विधायकों के लिए तय स्थान पर बैठने का स्थान मिला है। यह तथ्य रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा जारी किए गए फॉर्म 21- ई व फॉर्म 22 के तहत विधायक के रूप में चुनाव का प्रमाण पत्र द्वारा सिद्ध होता है। साथ ही तहत रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा जारी फॉर्म 7-ए जो 32 खानपुर निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की सूची को दर्शाती है कि निर्वाचित विधायक श्री उमेश कुमार पत्रकार का चुनाव लड़ते समय किसी दल से संबंध नहीं था स्पष्ट रूप से वे एक स्वतंत्र उम्मीदवार थे।
8 अप्रैल 2022 को उमेश कुमार पत्रकार ने फेस बुक तथा अन्य शोसल मीडिया प्लेटफार्म द्वारा घोषित किया कि वे 9 अप्रैल 2022 को देहरादून में एक समारोह कर एक नयी राजनीतिक पार्टी का गठन कर रहे हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम में भाग लेने की सार्वजनिक अपील भी की। 9 अप्रैल 2022 को विधायक उमेश कुमार पत्रकार ने श्री वेकटेश्वर वेडिंग हॉल, सुभाष रोड, देहरादून में एक समारोह और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक नयी पार्टी उत्तराखंड जनता पार्टी का गठन कर स्वयं को उस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पेश किया। इस कार्यक्रम को लाइव किया गया कई समाचार पोर्टलों पर खबर चली और लाइव चले। इस कार्यक्रम में राजधानी देहरादून के अलावा हरिद्वार जनपद के कई लोग सम्मलित हुए तथा कार्यक्रम में मीडिया और राजनीतिक-सामाजिक जीवन से जुड़े लोग भी स्वाभाविक रूप से सम्मलित थे।
समाचार माध्यमों के अलावा इन सभी लोगों ने हरिद्वार और खानपुर विधानसभा में आकर नयी पार्टी के गठन और श्री उमेश कुमार पत्रकार के उस पार्टी का अध्यक्ष बनने की खबर सभी को बतायी। 10 अप्रैल 2022 को इस कार्यक्रम की खबरें राष्ट्रीय और क्षेत्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई तो हमें भी पूरा यकीन हो गया कि खानपुर विधानसभा की जनता से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में वोट मांगकर जीतने वाले विधायक श्री उमेश कुमार पत्रकार ने एक राजनीतिक दल की सदस्यता ग्रहण कर दी है। श्री उमेश कुमार पत्रकार ने खानपुर विधानसभा के मतदाताओं से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मत मांगा था और और सभी राजनीतिक दलों का वैचारिक विरोध किया था। जिन मतदाताओं ने उन्हें निर्दलीय विधायक के रूप में मत दिया था वे उनके किसी राजनीतिक दल में जाने से अचंभित थे और स्वयं को ठगा महसूस कर रहे थे।
तथ्यों की जांच करने से पता चला कि विधायक श्री उमेश कुमार पत्रकार द्वारा कथित रूप से “नवगठित” राजनीतिक दल उत्तराखण्ड जनता पार्टी का गठन करना बताया जा रहा है वास्तव में वह दल तो 2022 के चुनाव से पहले से ही अस्तित्व में था। भारत के चुनाव आयोग में उत्तराखंड जनता पार्टी” 9 अप्रैल 2022 से पूर्व ही एक पंजीकृत पार्टी थी और 2022 के उत्तराखण्ड राज्य के विधान सभा चुनाव में भी इस दल ने भाग लिया था। उत्तराखण्ड जनता पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनावों में 24-ऋषिकेश निर्वाचन क्षेत्र से श्री अनूप सिंह राणा व 11- नरेंद्रनगर निर्वाचन क्षेत्र से श्री रणबीर सिंह असवाल को पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडाया था। 9 अप्रैल 2022 के देहरादून के कार्यक्रम में श्री उमेश कुमार पत्रकार के साथ मंच पर उत्तराखण्ड जनता पार्टी के संस्थापक पदाधिकारी भी सम्मलित थे। यह जानते हुए भी कि वर्तमान में सभी सूचनाएँ पब्लिक प्लेटफार्म पर उपलब्ध है झूठ का ये ताना-बाना श्री उमेश कुमार पत्रकार तथा उत्तराखण्ड जनता पार्टी के पदाधिकारियों द्वारा खुले आम बुना जा रहा था। उनका यह कृत्य स्वयं को संविधान से ऊपर होने की कोशिस बताने वाला सिद्ध करता है।
उत्तराखण्ड जनता पार्टी में सम्मलित होने पर निर्दलीय विधायक श्री उमेश कुमार पत्रकार द्वारा अपने सोशल मीडिया अकाउंट जैसे फेसबुक, ट्विटर आदि के माध्यम से विभिन्न राजनीतिक दलों जैसे कांग्रेस पार्टी के विधायकों को उत्तराखंड जनता पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित करना और साथ ही उत्तराखंड जनता पार्टी के लिए लोगों का आशीर्वाद मांगना इस तथ्य को स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि विधानसभा चुनाव जो उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ा था और अब उन्होंने अपना स्वतंत्र चरित्र खो दिया है और दलबदल करके वे एक राजनीतिक दल – ” उत्तराखंड जनता पार्टी में सम्मलित हो चुके हैं।
2022 के चुनावों में हरिद्वार जिले की 32 खानपुर विधानसभा से निर्वाचित निर्दलीय विधायक श्री उमेश कुमार पत्रकार ने इन सभी कार्यक्रमों और समारोहों द्वारा खुले आम भारत के संविधान संविधान के अनुच्छेद 191 (2) सपठित भारत के संविधान की अनुसूची 10 में वर्णित प्रावधानों व उत्तराखंड राज्य विधान सभा सदस्य (दलबदल के आधार पर निरर्हता) नियमावली 2005 का उल्लंघन किया हैं। उनकी ये सभी गतिविधियां उनके द्वारा तब व्यापक रूप से अपने फेस बुक पेज, ट्विटर आदि शोसल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रचारित की गई और इन राजनीतिक कार्यक्रमों में प्रदेश के अनेक लोगों ने भाग लिया।
हमें भरोषा था कि, निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खानपुर की जनता से वोट मांगकर जीतने वाला जो व्यक्ति स्वयं को पत्रकार बताता है शीघ्र ही विधायक पद से इस्तीफा देगा और अपनी नयी पार्टी के बैनर तले नए राजनीतिक कार्य करेगा लेकिन एक माह से अधिक समय बीत जाने पर भी उन्होंने अभी तक विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है न ही विधानसभा अध्यक्ष और उनका सचिवालय ने विधायक श्री उमेश शर्मा पत्रकार के संविधान विरोधी इन कार्यों का संज्ञान लेकर अभी तक उन्हें विधायक पद से अयोग्य घोषित करने हेतु कोई प्रक्रिया आरम्भ की है।
हम सभी सालों से हरिद्वार जिले के सामाजिक राजनीतिक जीवन से जुड़े हैं। हम लोगों में से कुछ लोग विभिन्न संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि रहे हैं और कुछ ने खानपुर से विधानसभा चुनाव भी लड़ा है। जब हमने देखा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी द्वारा भारतीय राजनीति में आया राम गया- राम की संस्कृति को रोकने के लिए लाए गए दल-बदल कानून और उसे फिर आदरणीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी द्वारा और शशक्त करने के बावजूद निर्दलीय विधायक श्री उमेश कुमार पत्रकार संविधान विरोधी कृत्य कर अभी भी विधायक पद पर बना है और कोई भी कार्यवाही नहीं हो रही है तो मजबूर होकर हम सभी ने विधानसभा सचिवालय में अपनी-अपनी याचिकाएँ प्रस्तुत की हैं। इन सभी याचिकाओं में हमने विधानसभा अध्यक्ष जी से निर्दलीय विधायक श्री उमेश कुमार पत्रकार की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने का याचना की है। हमें बताया गया है कि खानपुर से चुनाव लड़ने वाले अन्य दावेदार वहां के मतदाता और हरिद्वार जिले के अन्य सैकड़ों निवासी भी निर्दलीय विधायक के इन कार्यों से अत्यधिक दुखी हैं और स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने भी हमें बताया है कि वे सभी अतिशीघ्र विभिन्न माध्यमों से अपनी-अपनी याचिकाएँ उत्तराखण्ड विधानसभा की माननीय अध्यक्ष के सम्मुख प्रस्तुत कर निर्दलीय विधायक श्री उमेश कुमार पत्रकार की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने की याचना करेंगें।
हमें पूरा भरोषा है कि माननीय विधानसभा अध्यक्ष संविधान में वर्णित प्रावधानों, विधानसभा की सुसंगत नियमावली और इस विषय में माननीय उच्च न्यायालयों व देश के उच्चतम न्यायालय में निर्णित मामलों में हुए निर्णयों की भावना का आदर कर निर्दलीय विधायक श्री उमेश कुमार की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने का आदेश पारित करेंगी।
जय हिंद जय भारत जय उत्तराखण्ड
हम सभी संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे
रविन्द्र सिंह पनियाला प्रत्याशी बसपा, खानपुर विधानसभा 2022 विधानसभा चुनाव । सुरेन्द्र सिंह, पूर्व अध्यक्ष सहकारी बैंक, हरिद्वार व वर्तमान निदेशक सहकारी बैंक हरिद्वार। बसपा प्रत्याशी रहे रविंद्र पनियाला में आज विधान सभा सचिवालय में इस संबंध में एक रिट दायर की है और मांग की है कि कि उमेश कुमार ने दल बदल विरोधी कानून का खुला उल्लंघन करते हुए यह चुनाव लड़ा है और एक दल का राष्ट्रीय एक दल का अध्यक्ष होते हुए उनकी पहचान निर्दलीय विधायक के रुप में हुई है ऐसे में उनकी सदस्यता को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाना चाहिए। पनियाला नहीं है ।
याचिका विधानसभा के संयुक्त सचिव चंद्र मोहन गोस्वामी को विधान सभा सचिवालय में सौंपी।
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मुद्दा- निर्दल विधायक से जुड़े दल बदल कानून उल्लंघन मामले का स्पीकर ने लिया संज्ञान
बसपा की याचिका से निर्दलीय विधायक की सदस्यता पर मंडराया खतरा
अब उमेश कुमार की विधायकी से जुड़ी याचिका पर अब डे टू डे होगी सुनवाई
पीएमओ आफिस ने विदेशी मुद्रा मामले में निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के खिलाफ जांच के आदेश दिए
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