गढ़वाली फ़िल्म- देखे कई उतार-चढ़ाव, तब छलका टिहरी का दर्द


गढ़वाली फिल्म याद आली टिहरी का निर्माण चार साल अटका रहा


विपिन बनियाल/अविकल उत्तराखंड


-याद आली टिहरी यानी याद आएगी टिहरी। अनुज जोशी की यह फिल्म टिहरी केे दर्द को उकेेरती है और इस काम में मददगार बने हैं, उनके दो मजबूत साथी मदनमोहन डुकलान और आलोक मलासी। टीम वर्क का बेहतरीन नमूना याद आली टिहरी है, जिसमें तीनों लोगों ने कई-कई दायित्व निभाए हैं। मसलन, अनुज जोशी यदि निर्देशक हैं, तो साथ में कथा-पटकथा भी उन्हीं लिखी है।

देखें वीडियो

इसी तरह, मदनमोहन डुकलान गीतकार तो हैं ही, साथ में फिल्म के हीरो भी हैं। आलोक मलासी की बात कर लें, तो संगीतकार होने के साथ-साथ फिल्म के दो सबसे अच्छे गीत जरा मठु मठु और पाणी उन्हीं की आवाज में है। यही नहीं, एक छोटी सी भूमिका में वह पर्दे पर भी दिखाई देते हैं। याद आली टिहरी में टिहरी केे डूबने से पहले और बाद के कई दृश्य दिखते हैं, जो उद्वेलित कर जाते हैं। यह फिल्म बामुश्किल तैयार हुई है। करीब 55 फीसदी शूटिंग हो जाने के बाद फिल्म का निर्माण बंद हो गया था। बजट का अभाव एक बड़ा कारण रहा।

मगर, इसकेे बाद इस अभियान को दोबारा शुरू किया गया और फिर फिल्म पर्दे तक पहुंच गई। धुन पहाड़ की यू ट्यूब चैनल के लिए तैयार किए गए वीडियो मेें याद आली टिहरी के तमाम पहलुओं को समेटकर सामनेे रखा गया है। विस्तार से सारी बातों की जानकारी के लिए आप धुन पहाड़ का यह वीडियो यू ट्यूब में देख सकते हैं।

Pls clik-आशा भोंसले और गढ़वाली फिल्म

…बद्री केदार से आए हो तो फीस कैसे ले सकती हूं

Total Hits/users- 30,52,000

TOTAL PAGEVIEWS- 79,15,245

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *