निजी व सरकारी लैब की कोरोना जांच में 4.61 प्रतिशत का अंतर उच्चस्तरीय जांच का मुद्दा
अविकल उत्त्तराखण्ड
उत्त्तराखण्ड में भी अन्य राज्यों की तरह कोरोना जांच सरकारी व निजी लैब में हो रही है। एक रिसर्च में दोनों लैब की जांच के परिणाम इन 4.67 का अंतर आ रहा है। अब अगर 17 सितम्बर 2020 के आंकड़े ही ले लिए जाएं तो कोरोना पॉजिटिव की संख्या में भारी अंतर देखा जा रहा है।
17 सितम्बर की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी लैब में 5094 व्यक्तियों की जांच में 367 कोरोना पॉजिटिव पाए गए। यह प्रतिशत 7.20 आया। जबकि निजी लैब में 6985 जांच में 825 कोरोना पॉजिटिव पाए गए। यह प्रतिशत 11.81 पाया गया। सरकारी और निजी लैब की जांच में कुल 4.61 प्रतिशत का बड़ा अंतर देखा जा रहा है। यह भी उच्चस्तरीय जांच का विषय बनता जा रहा है।
निजी लैब में ज्यादा कोरोना पॉजिटिव का आना संदेह भी पैदा कर रहा है। यह रिसर्च सोशल एक्टिविस्ट अनूप नौटियाल ने अपनी संस्था के जरिये किया। लगभग 1 पखवाड़े पहले देहरादून में कोरोना जांच कर रही लगभग आधा दर्जन पैथोलॉजी लैब पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इधर, राज्य के बॉर्डर पर बनी चेकपोस्ट पर भी बाहर से आने वाले यात्रियों की कोरोना जांच के लिए कई निजी पैथोलॉजी लैब को अनुबंधित किया हुआ है। सरकार के एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन , बस अड्डे, सीमा की चेकपोस्ट पर कोरोना जांच के आधे अधूरे प्रबन्ध किये हैं । साथ में रिपोर्ट नही लाने वाले एक यात्री से 2400 रुपए शुल्क कोविड टेस्ट के नाम पर लेने पर भी नाराजगी के स्वर देखे जा रहे हैं।
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