बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि, अभिभावकों की सहमति जरूरी
13 जिलों के डीएम सात दिन में देंगे शासन को फीडबैक
स्वास्थ्य विभाग, स्कूल प्रबंधन, अभिभावक सहित अन्य पक्षों से किया जाएगा विचार विमर्श -शिक्षा मंत्री
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून।
अनलॉक 5 के बाद उत्त्तराखण्ड में स्कूल खोलने को लेकर जारी कयासबाजी पर शिक्षा मंत्री ने विराम लगा दिया। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि
उत्त्तराखण्ड में स्कूलों को खोले जाने के संबंध में कोई भी निर्णय स्कूलों के प्रबंधन, अभिभावकों, स्वास्थ्य विभाग सहित सभी संबंधित पक्षों के साथ विचार विमर्श के बाद आमराय से किया जाएगा।
सभी जिलाधिकारियों को एक सप्ताह में अपने जिले से संबंधित फीडबैक शासन को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने सभी जिलाधिकारियों को फीडबैक भेजने के बाबत पत्र भी लिखा है।
जिलाधिकारी अपने जिलों में कोविड-19 की स्थिति, वहां के स्कूलों के प्रबंधन समितियों और अभिभावकों की राय के आधार पर फीडबैक देंगे।
जिलों से प्राप्त फीडबैक के बाद स्वास्थ्य विभाग के साथ विचार विमर्श कर आवश्यकतानुसार कैबिनेट में निर्णय लिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी स्कूलों में कोविड-19 के लिए जरूरी सभी प्रोटोकाल का पालन किया जाएगा। बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। अभिभावको की अनुमति बिना किसी बच्चे को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि यदि स्कूलों को खोलने के बारे में राय बन जाती है तो तीन चरणों में स्कूलों को खोले जाने का प्रस्ताव किया जाएगा। पहले चरण में कक्षा 9 से 12 तक, दूसरे चरण में कक्षा 6 से 12 तक और तीसरे चरण में सभी कक्षाओं को शामिल किया जाना प्रस्तावित है।
प्रदेश में स्कूलों को खोले जाने के संबंध में गुरुवार को विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय की अध्यक्षता में सचिवालय में बैठक आयेाजित की गई।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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