सेंटर फॉर इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट ने कहा, उत्त्तराखण्ड में सबसे अधिक बेरोजगारी दर। भाजपा ने पेश किए रोजगार के आंकड़े। कांग्रेस-आप ने नकारा। हरदा ने किया ट्वीट।
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून।
सेंटर फॉर इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट में उत्त्तराखण्ड में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा बताए जाने के बाद त्रिवेंद्र सरकार ने कहा कि राज्य में 7 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया। उधर, पूर्व सीएम हरीश रावत ने बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा होने पर भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
पार्टी के मीडिया प्रभारी डॉ देवेंद्र भसीन ने कहा कि
पिछले साढ़े तीन वर्ष में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में सरकारी, सार्वजनिक व निजीक्षेत्र में लाखों रोज़गार पैदा हुए और विभिन्न क्षेत्रों में सात लाख से अधिक रोज़गार उपलब्ध कराए गए।
अप्रैल 2017 से सितम्बर 2020 तक विभिन्न विभागों के अंतर्गत कुल 7 लाख 12 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया गया। इनमें से नियमित रोजगार लगभग 16 हजार, आउटसोर्स/अनुबंधात्मक रोजगार लगभग 1 लाख 15 हजार और स्वयं उद्यमिता/प्राईवेट निवेश से प्रदान/निर्माणाधीन परियोजनाओं से रोजगार लगभग 5 लाख 80 हजार है।
उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा की गई भर्तियों की दृष्टि से कांग्रेस शासन में वर्ष 2014 से 2017 तक कुल 08 परीक्षाएं आयेाजित की गईं जिनमें 801 पदों पर चयन पूर्ण किया गया। जबकि वर्ष 2017 से 2020 तक कुल 59 परीक्षाएं आयोजित की गईं जिनमें 6000 पदों पर चयन पूर्ण किया गया। वर्तमान में उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में 7200 पदों पर अधियाचन/भर्ती प्रक्रिया गतिमान है।
प्रदेश में चिकित्सकों की संख्या कांग्रेस शासन काल की अपेक्षा ढाई गुना हो चुकी है। शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। लोक सेवा आयोग ने गत डेढ़ वर्ष में साढ़े तीन हज़ार पदों पर चयन पूरा किया है।
इसके अलावा मनरेगा में प्रति वर्ष 6 लाख लोगों को रोजगार दिया जाता है। कोविड के दौरान इसमें अतिरिक्त रोजगार दिया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में 84 हजार अतिरिक्त परिवारों (2 लाख अतिरिक्त श्रमिकों) को रोजगार दिया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में 170 करोड़ रूपए अतिरिक्त व्यय किए गए हैं। आगामी तीन माह में कैम्पा के अंतर्गत 40 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना है।
युवाओं और प्रदेश में लौटे प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की गई। एमएसएमई के तहत इसमें ऋण और अनुदान की व्यवस्था की गई है। इसमें लगभग 150 प्रकार के काम शामिल किए गए हैं।
दूसरी ओर, पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि सीएमआइई की रिपोर्ट से त्रिवेंद्र सरकार की पोल खुल गयी है। राज्य सरकार रोजगार के झूठे आंकड़े पेश कर जनता को बरगला रही है। भाजपा के कार्यकाल में रोजगार का भारी संकट पैदा हो गया है।
कोरोना काल में प्रवासियों के लिए चलाई गई योजना का कोई लाभ नहीँ मिल रहा है। 2022 के विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी और भाजपा के झूठे दावे एक बड़ा मुद्दा होगा। कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कलेर ने भी भाजपा के रोजगार के आंकड़ों को झूठा बताया।
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