भ्र्ष्टाचार के खिलाफ त्रिवेंद्र की हुंकार. हरक बोले, हर जांच को तैयार

कैबिनेट मंत्री हरक बोले, हर जांच व ऑडिट को तैयार, दिल्ली में शिवप्रकाश से मिले मंत्री हरक सिंह

त्रिवेंद्र- भ्र्ष्टाचार के खिलाफ धर्मयुद्ध में दोषी नहीं बख्शे जाएंगे। हरक बोले,श्रमिकों के हित में कार्य किया

अविकल उत्त्तराखण्ड

रुद्रपुर। सीएम त्रिवेंद्र की हुंकार। भ्र्ष्टाचार के खिलाफ धर्मयुद्ध की शुरुआत। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यहां किसान कल्याण योजना का आगाज़ करते हुए एक बार फिर भ्र्ष्टाचार पर वार किए।

भ्र्ष्टाचार के खिलाफ हुंकार

कर्मकार कल्याण बोर्ड के घपले की चर्चाओं के बीच व अपनी सरकार के मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों की मौजूदगी में सीएम ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि भ्र्ष्टाचार में लिप्त किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। इस बीच, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह शिवप्रकाश से भी मिलने की खबर है।

हर जांच को तैयार

मुख्यमंत्री ने उधमसिंहनगर के एनएच घोटाले का जिक्र करते हुए याद दिलाया कि उनकी सरकार ने करोड़ों रुपए के एनएच घोटाले में लिप्त 111 अधिकारी व कर्मचारियों में खिलाफ कार्रवाई की है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध राज्य सरकार जीरो टालरेन्स की नीति पर चल रही है। भ्रष्टाचार के विरूद्ध धर्म युद्ध की शुरूआत भी हमने ऊधम सिंह नगर से की है। एन एच 74 में हुई लगभग 200 करोड़ की गड़बडी में दोषी पाये गये 111 कर्मचारियों/अधिकारियों पर कार्यवाही की गई है तथा कुछ अन्य के खिलाफ भी कार्यवाही की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार के विरूद्ध कार्यवाही का अभियान जारी रहेगा। उन्होने कहा कि भ्रष्टाचार में जो लोग संलिप्त है उनके खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।

दो दिन पूर्व 19 नवंबर को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नयार घाटी एडवेंचर फेस्टिवल कर उद्घाटन में अपने भाषण को सिर्फ पर्यटन व इलाके के विकास तक सीमित रखा था। विशुद्ध गढ़वाली बोली में किये गए संबोधन में नयार घाटी में पर्यटन, स्वरोजगार व स्थानीय समस्याओं पर लगभग घण्टे भर तक बोलते रहे। लेकिन रूद्रपुर में सीएम ने साफ साफ घपलेबाज लोगों को खुली चेतावनी दे डाली। सीएम का यह कड़ा संदेश ऐसे मौके पर आया जब उनकी ही सरकार के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के श्रम विभाग के घपले के ऑडिट की चर्चा गर्मागर्म है।

श्रम बोर्ड से मंत्री समेत लगभग पूरे स्टाफ को हटाने के बाद नए अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल घोटाले की जांच कराए जाने की बात कह ही चुके है। सूत्रों के मुताबिक सरकार के नुमाइंदे दबी जुबान से करोड़ों के घपले की बात स्वीकार कर रहे हैं। श्रम बोर्ड में विभिन्न स्तरों पर हुई गड़बड़ी के ऑडिट से सही तस्वीर सामने आएगी। सीएम त्रिवेंद्र के तेवरों से साफ लग रहा है कि श्रम बोर्ड से लाभान्वित स्वंय सेवी संस्थाओं, उपकरण खरीद, साइकिल व अन्य उपकरणों का वितरण, देहरादून श्रम बोर्ड कार्यालय का किराया, श्रमिकों के खाते में गई धनराशि, कर्मचारियों के वेतन भत्ते समेत कई अन्य मामलों में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को कड़ी जांच से गुजरना होगा। लगभग 300 से 400 करोड़ के घपले की बात कही जा रही है।

हालांकि, हरक सिंह ने “अविकल उत्त्तराखण्ड” से साफ कहा कि उन्होंने श्रमिकों के हित में काम किया है। विभाग का ऑडिट एक सामान्य प्रक्रिया है। सम्बंधित ऑडिट टीम स्वंय जांच को जाते हैं। कोई भी विभाग स्वंय ऑडिट करवाने के लिए पत्र नहीं लिखता। सरकार कभी भी ऑडिट कर सकती है, वह हर जांच के लिए तैयार है। मंत्री हरक सिंह ने दिल्ली में शिव प्रकाश से मिले। बताया जाता है कि हरक सिंह और शिवप्रकाश के बीच कई मुद्दों पर बात हुई।

इधर, शनिवार को रुद्रपुर में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रवतन घोटालेबाजों को नये सिरे से संदेश देने की कोशिश की है। नतीजतन सीएम को श्रम बोर्ड को लेकर फैले धुंधलके को जल्द साफ करना होगा। लीपापोती के बजाय जनता के सामने बहुत जल्दी सच्चाई सामने आई चाहिए। नहीं तो जीरो टॉलरेन्स का नारा सिर्फ नारा ही बनकर रह जायेगा। श्रम बोर्ड में चल रहे नाटकीय घटनाक्रम से भाजपा सरकार विपक्ष के निशाने पर है। रुद्रपुर में जनता के सामने खुला ऐलान करने वाले सीएम त्रिवेंद्र को श्रम बोर्ड की खुल रही परतों को दबाने के बजाय उघाड़ने पर मशक्कत करनी होगी।

किसान कल्याण योजना का शुभारम्भ

मुख्यमंत्री ने किया रूद्रपुर में दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसाना कल्याण योजना का शुभारम्भ।
किसानों को योजना के तहत दिये जायेंगे 03 लाख रूपये तक का बिना ब्याज का ऋण।
उत्तराखण्ड गन्ना किसानों को सत प्रतिशत गन्ना मुल्य का भुगतान करने वाला देश का पहला राज्य है।
प्रदेश के किसानों को एक सप्ताह के अन्दर किया जायेगा धान क्रय का भुगतान।
ऊधम सिंह नगर में 10 हजार 819 काश्तकारों को मिला भूमिधरी का अधिकार।
स्वामित्व योजना के तहत उधम सिंह नगर के 6619 लोगों को दिया गया स्वामित्व प्रमाण पत्र।
मुख्यमंत्री ने किया 110 करोड़ की 43 विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण।

रुद्रपुर। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को स्थानीय गांधी पार्क में दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना का शुभारम्भ किया। उन्होंने योजना के तहत लाभार्थियों को बिना ब्याज के तीन लाख रूपये के ऋण चेक वितरित करते हुए कहा कि किसानों के कल्याण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा इससे पूर्व किसानों को शुन्य प्रतिशत ब्याज पर एक लाख रूपये तक का ऋण उपलब्ध कराया गया था जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आये तथा किसानों के द्वारा इस धनराशि का बेहतर सदुपयोग करने का ही प्रतिफल है कि उनके हित में अब यह धनराशि 3 लाख की गई है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 43 विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। जिसमें 2578.74 लाख की योजनाओ का लोकार्पण तथा 9444.77 लाख की योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने 19 किसानों को दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के अन्तर्गत तीन-तीन लाख का बिना ब्याज का ऋण व तीन किसानों को कृषि यंत्र वितरित किये। मुख्यमंत्री ने विभिन्न स्वयं सहायता समुहों को बिना ब्याज के 05 लाख की धनराशि के चेक भी वितरित किये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि  250 करोड़ रूपये का प्रावधान कर रिकार्ड समय में गन्ना किसानों का शत प्रतिशत भुगतान किया गया।  उन्होंने घोषणा की कि किसानों को एक सप्ताह के अन्दर धान क्रय का भुगतान कर दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा पेयजल आदि के क्षेत्र में लोकहित से जुड़े अनेक निर्णय लिये हैं। प्रधानमंत्री के 2024 तक हर घर को नल से जोड़ने की योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल कनेक्शन 2360 के बजाय एक रूपये में तथा शहरी क्षेत्रों में 6000 के स्थान पर 100 रूपये में पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2022 तक हर घर को नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा। देहरादून और बागेश्वर जनपदों को दिसम्बर तक हर घर को नल से पेयजल आपूर्ति कर दी जायेगी।


उन्होंने कहा कि उधमसिंह नगर में 10819 काश्तकारों को भूमिधरी का अधिकार दिया है, अभी 47630 किसानों को भूमिधरी अधिकार देने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होने कहा कि स्वामित्व योजना के अन्तर्गत प्रदेश के सभी जनपदो को लिया गया है, जिसके तहत उधमसिंह नगर में 534 गांवो के 57165 लोग अभी तक लाभान्वित हो चुके है व 6619 स्वामित्व प्रमाण पत्र वितरित किये जा चुकें।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने स्वामित्व योजना के तहत विभिन्न लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किये।

इस अवसर पर सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अपने विभाग से सम्बन्धित विभिन्न योजनाओ की जानकारी दी। मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये विकास परक योजनाओं से सम्बन्धित स्टॉलों का भी निरीक्षण किया।     

सांसद अजय भट्ट ने अपने सम्बोधन में कहा कि सरकार निरंतर प्रदेश को आगे बढाने के लिये लगातार कार्य कर रही है। उन्होने कहा कि कोरोना काल में भी सरकार ने कई अहम फैसले लिये है जो प्रदेश के लिये लाभकारी है। कार्यक्रम के उपरांत सहकारिता बैंक के पूर्व अध्यक्ष स्व. नरेन्द्र सिंह मानस के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रंद्धाजलि दी गयी।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये स्टाल का भी निरीक्षण किया।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, क्षेत्रीय विधायक राजकुमार ठुकराल,  राजेश शुक्ला,  पुष्कर सिंह धामी, हरभजन सिंह चीमा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेनू गंगवार, राज्य दर्जा मंत्री  सुरेश परिहार, मेयर रामपाल सिंह, विधायक लालकुआं नवीन दुम्का, जिलाध्यक्ष शिव अरोरा, कमिश्नर श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, आईजी कुमांऊ अजय रौतेला, जिलाधिकारी श्रीमती रंजना राजगुरू, एसएसपी दलीप सिंह कुंवर आदि मौजूद थे।


उन्होने कहा कि प्रदेश के देहरादून व पंतनगर के एयरपोर्ट को अन्तराष्ट्रीय तर्ज पर बनाया जायेगा वही 11 सौ एकड भूमि में ग्रीन एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाया जायेगा यह एयरपोर्ट इन्टरनेशनल एयरपोर्ट होगा। जो भारत को ही नही बल्कि उधमसिंह नगर को भी पूरी दूनिया को जोडेगा, जिससे यहा का चहुमुखी विकास होगा व अपार रोजगार की सम्भावनाएें बढेगी। उन्होने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में उधमसिंह नगर, हरिद्वार, पिथौरागढ में मेडिकल कालेजो का निर्माण तेजी से चल रहा है  जो शीघ्र ही आम जनता को समर्पित कर दी जायेगी। उन्होने कहा कि यह देश का पहला राज्य है जहा सरकार ने अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रत्येक उत्तराखण्ड वासियों को पांच लाख तक का स्वास्थ सुरक्षा कवच देने का काम किया है। उन्होने कहा कि ईलाज करने हेतु अब तक 123 अस्पताल अनुबन्ध थे जो आज लगभग 22 हजार अस्पताल अनुबन्धित है। जिसमे आज उत्तराखण्ड वासी अपने स्वास्थ गोल्डन कार्ड के तहत ईलाज करा सकता है।

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