छोटी बच्चियों के फर्जी आधार कार्ड में उम्र बढ़ाकर 12-12 घंटे कंपनी में काम करवाया
बाल श्रम की सूचना पर 25 नवंबर को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की टीम ने सेलाकुई में डिकस्न कंपनी में मारा था छापा
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। सिडकुल इंडस्ट्रियल एरिया में मौजूद डिक्सन कंपनी प्रबंधन और कंपनियों में श्रमिक उपलब्ध कराने वाले पांच एजेंटों के खिलाफ बाल श्रम का मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि इन्होंने छोटी-छोटी बच्चियों के फर्जी आधार कार्ड बनाकर उसमें उम्र ज्यादा दर्शाकर उनके 12-12 घंटे अवैध रुप से कंपनी में काम करवाया।
बुधवार को सेलाकुई पुलिस ने बचपन बचाओ आंदोलन से जुड़े संदीप पंत की तहरीर पर डिक्सन कंपनी प्रबंधन एवं पांच एजेंटों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
बाल श्रम की सूचना पर 25 नवंबर को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव नेहा कुशवाहा ने श्रम निरीक्षक पिंकी टम्टा, बचपन बचाओ के राज्य समन्वयक सुरेश उनियाल, अपना आसरा नशा मुक्ति केंद्र की कृतिका और सेलाकुई पुलिस को साथ सेलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित डिक्सन कंपनी में छापा मारा था।
टीम ने कंपनी में कार्यरत 94 महिला-पुरुषों को बाल श्रमिकों के रूप में चिन्हित किया था। हालांकि, आधार कार्ड पर अंकित जन्मतिथि अनुसार ये सभी 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके थे। लेकिन, टीम को संदेह था कि इनकी उम्र 18 वर्ष से कम है।
टीम ने उनके आधार कार्ड और जरूरी सर्टिफिकेट की जांच की। टीम ने जांच में पाया कि डिकस्न कंपनी तथा कंपनियों को श्रमिक उपलब्ध कराने वाले पांच एजेंटों, रंजीत, प्रीतम, सिंघानिया, रेहान और संदीप ने 94 बालिकाओं के आधार कार्ड फर्जी बनाकर उम्र को ज्यादा दर्शाकर उनके कंपनी में 12-12 घंटे अवैध रूप से बाल श्रम कराया।
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