भाजपा विधायक पूरन फर्त्याल ने संगठन को भेजा करारा जवाब
कहा, नियम 58 के तहत सवाल उठाना गलत नहीं
सरकार व संगठन में सुनवाई नहीं हुई
अविकल थपलियाल
देहरादून। भ्र्ष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की प्रेरणा प्रधानमंत्री मोदी जी से मिली है। जिस प्रकार वह पुराने भ्र्ष्टाचार को जड़ से उखाड़ रहे है। ठीक ऐसा ही मैं भी कर रहा हूँ। मेरा यह काम जारी रहेगा। यह लब्बोलुआब है लोहाघाट से भाजपा विधायक पूरन फर्त्याल के पत्र का।
विधायक पूरन फर्त्याल ने प्रदेश भाजपा संगठन के 26 सितम्बर के कारण बताओ नोटिस के जवाब में भेजे करारे पत्र में बहुत कुछ लिखा है। प्रदेश अध्यक्ष ने फर्त्याल को विधानसभा सत्र के दौरान नियम 58 के तहत अपनी ही सरकार के खिलाफ सवाल उठाने पर नोटिस जारी किया था। भाजपा संगठन ने फर्त्याल के मीडिया में अपनी बात कहने को भी घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी में माना था।
इस नोटिस का जवाब देते हुए फर्त्याल ने यह भी साफ किया कि विधानसभा की नियमावली 2005 के तहत सत्तारूढ़ दल के विधायक का नियम 58 के तहत सवाल पूछना कहीं भी गलत नहीं है। पूर्व में भी सत्ता पक्ष के विधायक नियम 58 के तहत सवाल पूछते रहे हैं।
विधायक पूरन फर्त्याल लगातार कहते रहे हैं लोक निर्माण विभाग ने जौलजीबी-टनकपुर मार्ग के टेंडर में भ्र्ष्टाचार किया है। एक ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुंचाया है। इसकी शिकायत सरकार व संगठन से कर चुके हैं। लेकिन जब उनकी बात नही सुनी गई तो वे नियम 58 का सहारा लेना पड़ा। इस मामले से सरकार व संगठन की साख गिर रही थी। और उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी।
गौरतलब है कि बीते साढ़े तीन साल से विधायक पूरन फ़र्त्यालने जौलजीबी-टनकपुर मार्ग के टेंडर में गड़बड़ी को लेकर झंडा बुलंद किया हुआ है। फर्त्याल का कहना है कि इस टेंडर घोटाले में 22 लोगों के खिलाफ कार्यवाही भी हो चुकी है।
इस मुद्दे को लेकर फर्त्याल राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत सीएम को भी अवगत करा चुके हैं। फिलहाल संगठन में नोटिस का जवाब देने के बाद फर्त्याल लंबी जंग के लिए कमर कसे हुए हैं। भाजपा के अंदर फर्त्याल के मुद्दे को लेकर सरगर्मी देखी जा रही है।
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