लोहाघाट से भाजपा विधायक पूरन फर्त्याल ने जौलजीबी-टनकपुर टेंडर का घपला उठाया
फर्त्याल ने नियम 58 के तहत टेंडर घपले पर चर्चा की मांग की
सत्र के शुरुआत में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और दिवंगत विधायक कोटवाल एवं भैंसोड़ा को श्रद्धांजलि
अविकल उत्त्तराखण्ड
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के एक दिवसीय मानसून सत्र में विपक्षी कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया। भाजपा विधायक पूरन फर्त्याल ने एक बार फिर टनकपुर-जौलजीबी सड़क के चर्चित टेंडर को लेकर अपनी ही सरकार को सांसत में डाला।
भोजनावकाश से पूर्व कोरोना पर नियम-310 के तहत चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस के विधायक वेल में पहुंच गए और कार्यसूची फाड़ डाली। हंगामे के चलते पीठ के समक्ष लगाई प्लास्टिक सीट भी टूट गई। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने वर्चुअली नियम 310 के तहत कोराना पर चर्चा कराने की मांग कर डाली। कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने उनकी मांग का समर्थन करते हुए कहा कि कोरोना से 500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, इसलिए इस समय कोरोना से बड़ा कोई मुदृदा नहीं है।
इस मुद्दे पर संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक और काजी निजामुद्दीन में तीखी नोक-झोंक हुई। इस पर कांग्रेस के विधायक वेल में पहुंच गए और कार्यसूची फाड़ डाली। हंगामे के चलते पीठ के समक्ष लगाई प्लास्टिक सीट टूट गई। हंगामे के कराण सदन की कार्यवाही एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
भाजपा फर्त्याल ने अपनी की सरकार को घेरा
भाजपा विधायक पूरण सिंह फर्तयाल ने अपनी ही सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने नियम 58 के तहत जौलजीबी- टनकपुर मोटर मार्ग के टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाए।
इस पर कांग्रेस के विधायकों ने भी फर्त्याल के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि सरकार के जीरो टॉलरेन्स के दावे की पोल खुल गई है। विधानसभा के प्रभारी सचिव को नियम 58 के तहत भेजे पत्र में फर्त्याल ने टेंडर को लेकर समूचे सिस्टम को कठघरे में खड़ा किया। पूर्व में भी फर्त्याल यह मुद्दा उठाकर लगातार अपनी सरकार लर हमला करते रहे। विधायक फर्त्याल इस मुद्दे को केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष भी पहुंचा चुके हैं।
कांग्रेस विधायकों की ट्रैक्टर में बैठकर विधानसभा में एंट्री
सत्र की शुरुआत से पूर्व विधानसभा के बाहर कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा काटा। दरअसल, कांग्रेस के विधायक प्रीतम सिंह, काजी निजामुद्दीन, मनोज रावत और आदेश चौहान हाल में ही कृषि को लेकर संसद में पास तीन बिलों के विरोध में टैक्टर पर सवार होकर विधानसभा आ रहे थे, लेकिन रिस्पना पुल से पहले बेरिकेडिंग पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
चारों विधायक वहीं सड़क पर धरने में बैठ गए। विधायकों ने सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार विधायकों को सदन में जाने से रोक रही है। बाद में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल से वार्ता के बाद टैक्टर पर सवार होकर चारों विधायकों की विधानसभा परिसर में एंट्री हुई।
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बुधवार सुबह 11 बजे पूर्व राष्टपति प्रणब मुखर्जी और दिवंगत विधायक बृजमोहन कोटवाल एवं नारायण से भैंसोड़ा को श्रद्धांजलि के साथ ही उत्तराखंड विधानसभा का एक दिवसीय मानसून सत्र शुरू हुआ। कोरोना के कारण सदन में प्रश्नकाल नहीं हुआ।
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