नौकरशाही अजब गजब, ओमप्रकाश का पत्र विश्व का सबसे अनूठा पत्र

आदरणीय प्रधानमंत्री जी, कोरोना संकट में इस तरह के कृत्य में भागीदार सभी अधिकारी और विधायक के लिए क्या सजा तय करेंगे? उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि, उनकी फौज और उत्तराखंड के सर्वशक्तिमान अधिकारी ओमप्रकाश ने ऐसे मौके पर कानून और केंद्र की गाइड लाइन का जो उल्लंघन किया, उसके लिए कब कार्रवाई की जाएगी। चमोली प्रशासन को बहुत बधाई । क्योंकि चमोली जिला प्रशासन ने इस अमले को बद्रीनाथ जाने से रोका। आश्चर्यजनक है कि कोरोना संकट को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अपने पिता के अंतिम संस्कार में नही गए। और ये विधायक उनके पिता से जुड़े पितृ कार्य करने बद्रीनाथ जा रहे थे। न तो विधायक जी योगी के रक्त सम्बन्धी और न ही रिश्तेदार । फिर भी चल पड़े उत्तर प्रदेश से सीधे बद्रीनाथ की ओर। जबकि बद्रीनाथ जी के कपाट 15 मई को खुलेंगे। गजब तो यह कि बाकायदा बड़े अधिकारी ने विधायक की इस पितृ कार्य यात्रा का शासकीय आदेश जारी कर सभी को सकते में डाल दिया। बद्रीनाथ-केदार के रावल उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करते ही क्वारंटाइन कर दिए गए और विधायक व टीम जी एक पत्र के सहारे सभी स्वास्थ्य जांच से बरी हो गई। इनका काफिला कई जिलों से गुजरा पर कहीं कोई जांच नही। ग्रेट सरकारी मशीनरी।
मुख्यमन्त्री त्रिवेंद्र जी के सबसे करीबी उच्चाधिकारी ओमप्रकाश के इस आशय के पत्र को भी विश्व के ऐतिहासिक पत्रों की श्रेणी में शुमार किया जाना चाहिए। इसके अलावा विधायक समेत पूरी टीम कब क्वारंटीन होगी। मारो गोली….उत्तर प्रदेश से देवभूमि में हुई इस vvip की अंधेरगर्दी पर ज्यादा क्या लिखना, अब मोदी जी पर ही फैसला छोड़ देना चाहिए….और हमें पहाड़ी के अंतिम छोर पर बैठकर फैसले का इंतजार करना चाहिए..चल उठ भुला चैतू…

Uttarakhand news

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *