वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने के नोटिस प्रभागीय वनाधिकारी ही जारी करेंगे-डॉ धकाते

रेंज स्तर से वन भूमि पर बेदखली के नोटिस जारी होने पर जनप्रतिनिधियों ने ऐतराज जताया

मुख्य वन संरक्षक व नोडल अधिकारी डॉ पराग धकाते ने पत्र लिख दिए आवश्यक निर्देश

सरकारी भूमि पर बनी 450 से अधिक अवैध मजारें व 45 मंदिरों पर चल चुका है बुलडोजर

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी व मुख्य वन संरक्षक डॉ० पराग मधुकर धकाते ने समस्त प्रभागीय वनाधिकारी / उपनिदेशक को वन भूमि से अतिक्रमण हटाये जाने के बाबत एक पत्र लिखा है।

नोडल अधिकारी डॉ धकाते ने कहा कि इन दिनों वन भूमि पर हुये अतिक्रमण को हटाये जाने का अभियान चल रहा है। कुछ जनप्रतिनिधियों ने कहा है कि वन प्रभागों के वन क्षेत्राधिकारी, उप वन क्षेत्राधिकारी, वन दरोगा व वन आरक्षियों द्वारा वन भूमि पर हुये अवैध अतिक्रमण को खाली कराये जाने के बाबत नोटिस रेंज स्तर से ही जारी किये जा रहे हैं. जो कि भारतीय यन अधिनियम, 1927 (उत्तराखण्ड संशोधन 2001) की धारा 61 (क) व 61 (ख) के प्रावधानोरूप नहीं है।

दन भूमि पर अतिक्रमण हटाने / बेदखली हेतु नोटिस जारी करने के लिये प्राधिकृत अधिकारी प्रभागीय वनाधिकारी है। अतः आप उपरोक्त उल्लेखित प्रक्रिया के अन्तर्गत ही कार्यवाही करना सुनिश्चित करे, एवं अपने अधीनस्थ फील्ड कार्मिकों में इसका प्रचार-प्रसार भी करें, जिससे जन-मानस में कोई भ्रम की स्थिति उत्पन्न न होने पाये।

वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण हटाओ के नोडल अधिकारी मुख्य वन संरक्षक डॉ पराग धकाते

यह भी अवगत कराना है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आहूत समीक्षा बैठक में दिये गये निर्देशों के क्रम में नदियों के किनारे जहाँ वन क्षेत्रों में उप खनिज चुगान कार्य चल रहा है, उस वन क्षेत्र में नदियों के किनारे बसे अवैध झाले / कच्चे मकान, दुकान आदि को नियमानुसार तुरन्त प्रभाव से हटाये जाने की कार्यवाही प्राथमिकता के आधार पर की जाएं।

वन भूमि पर बसे गोट खत्ते. वन ग्राम एवं वन टोंग्या ग्रामों आदि क्षेत्रों के विनियमितिकरण / विस्तापन हेतु नीति निर्धारण किया जाना है। अतः ऐसे क्षेत्रों हेतु पृथक से नीति-निर्धारण उपरान्त ही आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।

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