
कोरोना संकट के शुरुआती दिनों में ही डॉक्टर बिष्ट कोरोनेशन अस्पताल में ही रहकर मरीजों की सेवा करने लगे थे। बाद में उन पर भी कोरोना के लक्षण दिखने क्वारंटाइन होना पड़ा था। मुख्यमंत्री के फिजीशियन डॉक्टर बिष्ट के सत्याग्रह की खबर से अफरा तफरी देखी जा रही है।

जैसी फसल बोयी है वैसी ही काटनी पड़ती है। बोया बीज बबूल का तो आम कहां से होय। जय हो…..
Thnx व्यास जी