केदारनाथ पैदल मार्ग के निर्माण में स्थानीय स्थापत्य कला के दर्शन हों- मोदी

कार्ययोजना बनाते समय पर्वतीय इलाके की व्यवहारिक दिक्कतों को ध्यान में रखें

मुख्यमन्त्री त्रिवेंद्र, मुख्य सचिव उत्पल व सचिव जावलकर ने मोदी को दी जानकारी

वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से ली केदारनाथ निर्माण कार्यों का हाल

अविकल उत्तराखंड ब्यूरो

केदारनाथ यात्रा पैदल मार्ग पर चल रहे निर्माण कार्यों में स्थानीय स्थापत्य कला का विशेष ध्यान रखा जाय। प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड सरकार को इस बाबत विशेष निर्देश दिए। प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये केदारनाथ में हो रहे निर्माण कार्यों का जायजा ले रहे थे।

प्रधानमंत्री मोदी केदारनाथ निर्माण कार्यों का जायजा लेते हुए

मोदी ने कहा कि पैदल यात्रामार्ग को इस तरह विकसित किया जाय कि तीर्थयात्रियों को केदारनाथ की पौराणिक एवं ऐतिहासिक जानकारी मिल सके।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पैदल यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए आश्रय स्थल बनाए जाय। घोड़ों को नियत स्थान पर ही रखा जाय। इसके अलावा पर्वतीय क्षेत्र की व्यावहारिक दिक्कतों को ध्यान में रखकर कार्ययोजना बनाई जाय।  

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर ‘‘ऊँ नमः शिवाय’’ की ध्वनि की व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि बद्रीनाथ धाम का मास्टर प्लान तैयार है। उन्होंने इसके प्रस्तुतिकरण के लिए प्रधानमंत्री से समय देने का अनुरोध किया।  

इस मौके पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि सरस्वती घाट और आस्था पथ का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। आदिशंकराचार्य की समाधि के निर्माण कार्य भी निर्धारित अवधि में पूर्ण किया जायेगा।

ब्रह्म कमल वाटिका के लिए चयनित स्थान का तकनीकी परीक्षण के बाद कार्य शुरू किया जायेगा।
अभी केदारनाथ में 400 से अधिक लोग कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंडवासियों को  केदारनाथ के दर्शन की अनुमति दी गई है। पिछले दो सप्ताह में लगभग तीन हजार लोगों ने  केदारनाथ धाम के दर्शन किये।

प्रधानमंत्री को दिए गए प्रस्तुतिकरण में केदारनाथ से जुड़े 1882 से अब तक के संस्मरणों को विभिन्न माध्यमों से दिखाया जायेगा। सोनप्रयाग से गौरीकुंड एवं गौरीकुण्ड से केदारनाथ तक अलग-अलग थीम पर कार्य किया जायेगा। इस अवसर पर सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर भी उपस्थित थे।

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