मंत्रोच्चार व बर्फबारी के बीच केदारनाथ  -यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद

केदारनाथ भगवान की पंचमुखी उत्सव मूर्ति शीतकालीन गद्दीस्थल  को प्रस्थान

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह कपाट बंद होने के साक्षी रहे

उत्सव डोली आज प्रथम पड़ाव रामपुर पहुंचेगी।  17 नवंबर श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी,18 नवंबर को उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी

इस यात्रा वर्ष एक लाख पैतीस हजार से अधिक श्रद्धालु भगवान केदारनाथ धाम के दर्शन को पहुंचे। यमुनोत्री में 8 हजार तीर्थयात्री पहुंचे

अविकल उत्त्तराखण्ड

केदारनाथ /यमुनोत्री धाम : 16 नवंबर। भारी बर्फबारी व  बारिश के बीच  विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री  केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कपाट सोमवार को भैयादूज के शीतकाल के लिए बंद हो गये है। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच केदारनाथ के कपाट सुबह 8.30 बजे व यमुनोत्री के कपाट दोपहर 12.15 मिनट पर बन्द हुए।

प्रात: तीन बजे से मंदिर खुल गया  श्रद्धालुगणो ने दर्शन किये इसके पश्चात मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग ने  बाबा की समाधि पूजा संपन्न की ।

साढे छ: बजे  भगवान भैरवनाथ जी को साक्षी मानकर गर्भगृह को बंद किया गया। तथा साढ़े आठ बजे सभा मंडप तथा मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया।  

इस अवसर पर उप्र के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत,शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के औद्योगिक सलाहकार डॉ के.एस. पंवार, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग  मनुज गोयल, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी. सिंह, एसपी रूद्रप्रयाग  नवनीत भुल्लर, प्रशासनिक/ मंदिर अधिकारी युद्धवीर पुष्पवान, भैरवनाथ जी के पश्वा अरविंद शुक्ला, सुभाष सेमवाल सहित तीर्थ पुरोहित एवं हजारों श्रद्धालु  मौजूद रहे ।

बाबा के जय घोष के साथ डोली ने प्रथम पड़ाव रामपुर हेतु प्रस्थान किया जहां  देवस्थानम बोर्ड के कार्याधिकारी एन.पी.जमलोकी, कोषाध्यक्ष आर सी तिवारी एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल उत्सव डोली की अगवानी करेंगे। 17 नवंबर मंगलवार को उत्सव डोली  श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी तथा  18 नवंबर को उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में विराजमान हो जायेगी।
इसी के साथ बाबा केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं भी शुरू हो जायेंगी।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि  इस यात्रा वर्ष  1,35,023 एक लाख पैंतीस हजार तेईस श्रद्धालुओं ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये।




श्री यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हुए
यमुनोत्री धाम एवं खरसाली में बर्फवारी
श्री यमुना जी की उत्सव डोली
ने शीतकालीन प्रवास खरसाली प्रस्थान किया।

यमुनोत्री से मिली खबर के मुताबिक
भैयादूज के अवसर पर सोमवार की दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गये है।
इस अवसर पर यमुनोत्री मंदिर समिति,   तथा उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम  प्रबंधन बोर्ड के अधिकारी-कर्मचारी, तीर्थपुरोहित तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद रहे। इस दौरान बारिश एवं बर्फवारी हुई।
परंपरानुसार कल 15 नवंबर को शनिदेव जी अपनी बहिन श्री यमुना जी को मिलने यमुनोत्री धाम आ गये थे भैयादूज पर के अवसर पर बहिन को मायके आने का न्यौता देते है।  कपाट बंद के पश्चात मां यमुना की उत्सव डोली खरसाली के लिए प्रस्थान हुई। खरसाली को मां यमुना जी का मायका कहा जाता है।
शीतकाल में  छ: माह मां यमुना का  खरसाली में प्रवास करती है यहीं मां यमुना जी की शीतकालीन पूजा-अर्चना की जाती है।

यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को फूलों से सजाया गया था। इस अवसर पर श्री यमुनोत्री मंदिर समिति अध्यक्ष / उप जिलाधिकारी बड़कोट चतर सिंह चौहान, देवस्थानम बोर्ड के विशेष कार्याधिकारी/ प्रभारी अधिकारी यमुनोत्री ए.एस नेगी, मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल,  अनोज उनियाल, आशुतोष उनियाल पुलिस प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी तथा तीर्थ पुरोहित मौजूद रहे।  देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि इस यात्रा वर्ष यमुनोत्री धाम में आठ हजार श्रद्धालु दर्शन को पहुंचे।

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