चारधाम में प्रवेश पर इन नियमों का पालन जरूरी, देखें ताजा आदेश

पूर्व में सीएम चारधाम यात्रा स्थगित कर चुके है। लेकिन कपाट खुलने के बाद पूजा परम्परा के अनुसार जारी रहेगी।

आयुक्त, गढ़वाल / मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड चार धाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड ने देवस्थानों में प्रवेश हेतु मानक प्रचालन प्रक्रिया (S.O.P) के आदेश जारी किए।

अविकल उत्त्तराखण्ड

> कपाट खुलने के पश्चात देवस्थानम् सामन्यतः प्रातः 7 बजे से सायं 7 बजे तक ही खुले रहेंगें।

> प्रवेश द्वार पर हाथों को कीटाणु रहित करने हेतु एल्कोहल युक्त सेनेटाईजर का प्रयोग

किया जायेगा एवं थर्मल स्क्रीनिंग मशीन से भी जांच की जायेगी। > जिन व्यक्ति विशेषों में कोई लक्षण प्रदर्शित नहीं होगा केवल उन्हें ही देवस्थान परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी। > सभी प्रवेश करने वाले व्यक्ति विशेषों को फेस कवर (मास्क) का प्रयोग करना अनिवार्य होगा।

जूते-चप्पलों को अपेक्षित स्थान पर ही रखना आवश्यक होगा।

देवस्थानम् परिसर के अन्दर एवं बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का कढ़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा।

देवस्थानम् गर्भ गृह में केवल रावल, पुजारी एवं सम्बन्धितों को ही प्रवेश की अनुमति होगी।

> लाइन में लगने की स्थिति में व्यक्तियों को एक दूसरे से कम से कम 6 फीट की शारिरिक दूर रखनी होगी।

बैठने के स्थानों को भी सोशल डिस्टेंसिंग के मानक अनुसार व्यवस्थित किया जाना आवश्यक होगा। मूर्तियों, घण्टियों, प्रतिरूपों, ग्रन्थों / पुस्तकों आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी।

> देवस्थानम परिसर में किसी भी प्रकार का प्रसाद वितरण टीका लगाने आदि की अनुमति नहीं होगी।

> भोग आदि वितरण के समय शारीरिक दूरी के मानकों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा।

> देवस्थान के अन्दर परिसर की लगातार सफाई एवं कीटाणु रहित सैनेटाईजर करना आवश्यक होगा।

देवस्थानम् परिसर फर्श की विशेष रूप से समय अन्तरालों में सफाई करनी होगी। मन्दिर के अन्दर एक ही मैट, दरी, चादर के प्रयोग से पूर्णतः बचना होगा।

कोविड-19 संक्रमण के रोकथाम हेतु समय-समय शासन प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।

कोविड-19 की द्वितीय चरण के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए जनमानस के व्यापक स्वास्थ्य सुरक्षार्थ, उत्तराखण्ड स्थित चार धाम यात्रा आम श्रद्धालुओं हेतु अग्रिम आदेशों तक स्थगित की जाती है। परन्तु चारों देवस्थानम् अपनी पूर्व परम्परानुसार निर्धारित तिथि एवं समय पर खोले जायेंगे तदोपरान्त परम्परानुसार सामान्यतः पूजायें सांकेतिक रूप से गतिमान रहेंगी इन देवस्थानमों में दैनिक पूजा कार्यों के सम्पादन हेतु रावल, नायब रावल, पुजारीगण, पण्डा पुरोहित, स्थानीय हक-हकूकधारी एवं बोर्ड अधिकारी / कर्मचारी ही अनुमन्य होंगें। अनुमन्य व्यक्ति विशेषों को शासन / प्रशासन द्वारा कोविड-19 की रोकथाम हेतु जारी दिशा-निर्देशों एवं बोर्ड द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का अनुपालन करना होगा।

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